Holika Dahan Puja Vidhi In Hindi: होलिका दहन की पूजा कैसे की जाती है, यहां जानिए स्टेप बाय स्टेप पूरी विधि

Holika Dahan 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: होलिका दहन का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन लोग शुभ मुहूर्त में होलिका जलाते हैं। यहां जानिए होलिका दहन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

holika dahan puja vidhi

Holika Dahan 2024 Puja Vidhi, Muhurat

Holika Dahan 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। मान्यता है इस दिन होलिका जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मकता का वास होता है। होलिका दहन वाली जगह पर कुछ दिन पहले से ही लोग सूखी लकड़ी, गोबर के उपले, कांटे आदि सामग्री एकत्रित करना शुरू कर देते हैं। इस साल ये त्योहार 24 मार्च को मनाया जाएगा। ऐसे में जानिए कैसे करें होलिका दहन पूजन, क्या है पूरी विधि।

होलिका दहन पूजा मुहूर्त 2024 (Holika Dahna Puja Muhurat 2024)

होलिका दहन का त्योहार 24 मार्च 2024 रविवार के दिन मनाया जाएगा। जबकि होलिका दहन शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से देर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। रंगवाली होली 25 मार्च 2024 सोमवार को खेली जाएगी। पंचांग अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च 2024 की सुबह 09:54 से 25 मार्च 2024 की दोपहर 12:29 बजे तक रहेगी।

होलिका दहन पूजन सामग्री (Holika Dahan Pujan Samagri 2024)

होलिका दहन पूजा सामग्री के लिए कच्चा सूती धागा, नारियल, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी माला, बताशे, गुलाल पाउडर, रोली, अक्षत , नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी की जरूरत पड़ेगी।

होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)

  • होलिका दहन के दिन जल्दी उठकर स्नान। अगर व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद होलिका दहन वाली जगह को साफ करें और यहां पर सूखी लकड़ी, गोबर के उपले, सूखे कांटे आदि सामग्री एकत्रित कर लें।
  • फिर मिट्टी से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बना लें।
  • होलिका दहन के दिन नरसिंह भगवान की पूजा की जाती है। ऐसे में इस पूजा के समय भगवान नरसिंह की प्रतिमा अवश्य रखें और उन्हें पूजा की सभी सामग्री अर्पित कर दें।
  • शाम होने पर एक बार फिर से स्नान करके पूजा करें और इस समय होलिका दहन करें।
  • अंत में अपने पूरे परिवार के साथ होलिका की तीन परिक्रमा करें।
  • परिक्रमा के समय भगवान नरसिंह का नाम जपते रहें और 5 अनाज अग्नि में डालें।
  • इसके बाद गोबर के गोबर से बने उपले, चने की बालों, जौ, गेहूं आदि सभी चीजें होलिका में डालें।
  • अंत में होलिका में गुलाल भी डालें और पानी चढ़ाएं।
  • इस तरह से होलिका दहन की पूजा संपन्न हुई।

क्यों मनाते हैं होलिका दहन? (Why Holika Dahan Celebrated)

कहा जाता है इस दिन ही राक्षस राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई थी। लेकिन भगवान विष्णु ने अपने प्रिय भक्त प्रहलाद को बचा लिया था और दूसरी तरफ होलिका स्वयं ही अग्नि में जलकर खाक हो गई थी। कहते हैं इसलिए ही इस दिन होलिका जलाने की परंपरा है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

    TNN अध्यात्म डेस्क author

    अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें

    End of Article

    © 2024 Bennett, Coleman & Company Limited