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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू, जान लें पूजा विधि, मंत्र, कथा और कहानी

प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से देर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू, जान लें पूजा विधि, मंत्र, कथा और कहानी

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू, जान लें पूजा विधि, मंत्र, कथा और कहानी

इस साल होलिका दहन पर्व 24 मार्च को यानी आज मनाया जा रहा है। तो वहीं इसके अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंगवाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है। लेकिन भद्रा काल में भूलकर भी होलिका दहन नहीं करना चाहिए। पंचांग अनुसार इस साल होलिका दहन के दिन शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 10 बजकर 6 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में भद्रा समाप्ति के बाद ही होलिका जलाई जाएगी।

Holika Dahan 2024 City Wise Puja Timing Check Here

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2024 (Holika Dahan Muhurat 2024)
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से देर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त की कुल अवधि अवधि 01 घण्टा 14 मिनट की है। शाम के समय होलिका दहन का कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

होलिका दहन की अग्नि में क्या चीजें डालें

होलिका दहन पर भद्रा (Bhadra On Holika Dahan 2024)
होलिका दहन पर भद्रा पूंछ शाम 06 बजकर 33 मिनट से 07 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। वहीं भद्रा मुख शाम 07 बजकर 53 मिनट से रात 10 बजकर 06 मिनट तक रहेगी।

होलिका दहन पूजन सामग्री 2024 (Holika Dahan Pujan Samagri 2024)
कच्चा सूती धागा, धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी माला, बताशे, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, नारियल, अक्षत, गुलाल पाउडर, रोली, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी।

होलिका दहन की पूजा कैसे करें? (Holika Dahan Puja Kaise Karen)
होलिका दहन करने वाली जगह को अच्छे से साफ करें और वहां सूखी लकड़ी, गोबर के उपले, सूखे कांटे आदि सभी सामग्री रख लें। फिर होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं। इसके बाद नरसिंह भगवान की पूजा करें। फिर शाम होने पर अपने परिवार वालों के साथ मिलकर दोबारा पूजा करें। फिर होलिका जलाएं। होलिका की तीन परिक्रमा करें। परिक्रमा के दौरान भगवान नरसिंह का ध्यान करें और अग्नि में 5 अनाज डालें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि परिक्रमा करते समय आपको कच्चे सूत को होलिका में लपेटना है साथ ही अर्ग्य भी देनी है। इसके बाद गोबर के उपले, चने की बालों, जौ, गेहूं इत्यादि चीजें होलिका में डालें। आखिरी में होलिका में गुलाल डालें और जल चढ़ाएं।

Mar 25, 2024 | 12:00 AM IST

होलिका दहन की कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यपु ने अपने बेटे को दंडित करने के लिए, अपनी बहन होलिका से मदद मांगी, जो आग से प्रतिरक्षित थी. उनके पास एक चुनरी है, जिसे पहनकर वह आग के बीच बैठ सकती हैं जिसे ढकने से आग का कोई असर नहीं होताय हिरण्यकश्यपु और होलिका ने प्रह्लाद को जिंदा जलाने की योजना बनाई
Mar 24, 2024 | 11:41 PM IST

holika dahan sanskrit shlok

होलिकाया: हार्दिकशुभाशयाः।। निरामयं जीवनसंविधानम्। ददातु ते मांगलिकं विधानम्।। सर्वेभ्य: होलिका पर्वण्: हार्दिक्य शुभकामना:।
Mar 24, 2024 | 11:20 PM IST

होलिका दहन की शुभामनाएं

अन्याय व अधर्म पर भक्ति व सत्य की जीत कासंदेश देने वाले होलिका दहन के अवसर परआप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
Mar 24, 2024 | 11:00 PM IST

होलिका दहन मंत्र

ॐ होलिकायै नम: और गंध-अक्षत इत्यादि चढ़ाएं। 'ॐ प्रह्लादाय नम:' बोलकर फिर गंध अक्षत चढ़ाएं। 'ॐ नृसिंहाय नम:' बोलकर फिर गंध अक्षत चढ़ाएं।
Mar 24, 2024 | 10:47 PM IST

Holika Dahan Time (होलिका दहन टाइम)

होलिका दहन आज रविवार 24 मार्च 2024 को होगा। होलिका दहन मुहूर्त का शुभ समय 24 मार्च को रात 11:13 बजे से 12:44 बजे तक है, जिसकी अवधि 1 घंटा 32 मिनट है
Mar 24, 2024 | 10:30 PM IST

होलिका कितने बजे जलेगी

होलिका दहन से पूर्व सभी को हल्दी व चावल को पीसकर उबटन लगाकर उसे छुड़ाने के बाद होलिका की अग्नि में डालना चाहिए। इस साल रविवार, 24 मार्च को होलिका दहन होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11:12 बजे से 12:28 तक है।
Mar 24, 2024 | 10:07 PM IST

Holika Dahan Quotes In Sanskrit (होलिका दहन कोट्ज संस्कृत में)

वर्णानां पर्व इदं सर्वेभ्यः हर्षोल्लासप्रदं भवेदिति कामये। ...अयं होलीमहोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च ...यथैधांसि समिद्धोऽग्निर्भस्मसात्कुरुतेऽर्जुन। ...होलिका पर्व शुभकामना
Mar 24, 2024 | 09:27 PM IST

Holi Jalane Ka Shubh Muhurat 2024: होली जलाने का समय कितने बजे है

ऐसे में रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार,रात 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू होकर 25 मार्च को 12 बजकर 23 मिनट पर दहन समाप्त होगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए आपको कुल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा।
Mar 24, 2024 | 09:20 PM IST

Song For Holika Dahan

https://www.youtube.com/watch?v=mv_Xwwiyfv0
Mar 24, 2024 | 09:06 PM IST

Holika Dahan Me Najar Kaise Utare (होलिका दहन में नजर कैसे उतारें)

होलिका दहन से पूर्व सूत से अपने शरीर को नापें और फिर उसे 7 फोल्‍ड में करके दहन में फेंक दें। ऐसा करने से भी खराब नजर उतर जाती है।
Mar 24, 2024 | 08:54 PM IST

Holika Dahan ka Samay Kya Hai

होलिका दहन भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही किया जाता है. ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 मार्च को रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए कुल समय 1 घंटा 14 मिनट मिल रहा है
Mar 24, 2024 | 08:39 PM IST

Holi Puja ka Shubh Muhurat 2024 (होली पूजा का शुभ मुहूर्त)

24 मार्च को होलिका दहन है। इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है।
Mar 24, 2024 | 08:23 PM IST

Holika Dahan Ke Puja Kaise Karen (होलिका दहन की पूजा कैसे करें)

सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें. अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं. फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें
Mar 24, 2024 | 08:10 PM IST

Holika Dahan Puja Vidhi (होलिका दहन पूजा विधि)

कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। फिर लोटे का शुद्ध जल और पूजन की अन्य सभी वस्तुओं को प्रसन्नचित्त होकर एक-एक करके होलिका को समर्पित करें। रोली, अक्षत व फूल आदि को भी पूजन में लगातार प्रयोग करें। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है।
Mar 24, 2024 | 07:52 PM IST

होली पूजन का शुभ मुहूर्त 2024

भद्रा की समाप्ति के बाद 24 मार्च को मध्य रात्रि 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 तक होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. ऐसे में होलिका दहन के लिए केवल 1 घंटा 20 मिनट मिलेगा, जोकि शुभ समय है।
Mar 24, 2024 | 07:41 PM IST

Holika Dahan Ke Kahani (होलिका दहन की कहानी)

राणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यपु ने अपने बेटे को दंडित करने के लिए, अपनी बहन होलिका से मदद मांगी, जो आग से प्रतिरक्षित थी। उनके पास एक चुनरी है, जिसे पहनकर वह आग के बीच बैठ सकती हैं जिसे ढकने से आग का कोई असर नहीं होताय हिरण्यकश्यपु और होलिका ने प्रह्लाद को जिंदा जलाने की योजना बनाई।
Mar 24, 2024 | 07:18 PM IST

Holika Dahan Me Kya Dalen

होलिका दहन की अग्नि में गेंहू की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल डालें. इस अग्नि की तीन बार परिक्रमा करें. इसके बाद अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं कहें।
Mar 24, 2024 | 07:02 PM IST

होलिका दहन के दिन क्या करें और क्या न करें (What to do on Holika Dahan 2024)

होलिका दहन के दिन स्नान करके और साफ कपड़े पहनें. अलाव के लिए एक स्वच्छ स्थान चुनें, आग में जलाने के लिए लकड़ी, पत्ते, गाय के गोबर के उपले, तिल, सूखा नारियल और गेहूं के दाने इकट्ठा करें.होलिका दहन में अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में फूल, मिठाइयां, नारियल, गेंहू, और बुराई को दूर करने वाली अन्य शुभ वस्तुएं शामिल करें. होलिका दहन करने से पहले उसकी पूजा जरूर करें.होलिका दहन के दिन तामसिक चीजें जैसे मांस और शराब का सेवन करने से बचें और परंपरा के अनुसार काले या नीले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.होलिका दहन के दिन पैसे उधार देने से बचें, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता है और ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है.
Mar 24, 2024 | 06:42 PM IST

Aaj Holika Dahan ka Samay Kya Hai

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कब है?होलिका दहन 2024 मुहूर्त (Holika Dahan 2024 Time)होलिका दहन भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही किया जाता है. ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 मार्च को रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए कुल समय 1 घंटा 14 मिनट मिल रहा है
Mar 24, 2024 | 06:20 PM IST

होलिका पूजा थाली (Holika Puaj Thali)

होलिका पूजन कुछ विशेष सामग्री के बगैर बिल्कुल अधूरा माना जाता है। इसमें एक लोटा जल, गोबर के उपलों से बनी माला, रोली, अक्षत, अगरबत्ती, फल, फूल, मिठाई, कलावा, बताशा, गुलाल पाउडर, नारियल, हल्दी की गांठ, मूंग दाल, और साबुत अनाज पूजा की थाली में जरूर रखें। होलिका दहन में सूखी लकड़ियां या झाड़ जलाने की परंपरा होती है।
Mar 24, 2024 | 05:59 PM IST

Holika Dahan Katha (होलिका दहन कथा)

होलिका दहन मुख्य रूप से भक्त प्रह्लाद की याद में किया जाता है। भक्त प्रह्लाद राक्षस कुल में जन्मे थे परन्तु वे भगवान नारायण के अनन्य भक्त थे। उनके पिता हिरण्यकश्यप को उनकी ईश्वर भक्ति अच्छी नहीं लगती थी इसलिए हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को अनेकों प्रकार के जघन्य कष्ट दिए। उनकी बुआ होलिका जिसको ऐसा वस्त्र वरदान में मिला हुआ था जिसको पहन कर आग में बैठने से उसे आग नहीं जला सकती थी। होलिका भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए वह वस्त्र पहनकर उन्हें गोद में लेकर आग में बैठ गई। भक्त प्रह्लाद की विष्णु भक्ति के फलस्वरूप होलिका जल गई और प्रह्लाद सकुशल आग से बच गए।
Mar 24, 2024 | 05:42 PM IST

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च को रात्रि 11 बजकर 12 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट के बीच किया जा सकता है।
Mar 24, 2024 | 05:20 PM IST

होलिका की राख के उपाय (HOlika Dahan Upay)

जिन लोगों के जीवन में बराबर आर्थिक परेशानियां बनी रहती है तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप होली के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर चौमुखा दीपक जलाएं। यदि आपके व्यापार या नौकरी में बरकत न हो रही हो, तो 7 साबुत गोमती चक्र लेकर उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके होलिका दहन की रात में शिवलिंग का अभिषेक करते हुए अर्पित कर दें।
Mar 24, 2024 | 05:01 PM IST

होलिका दहन कब होगा (Holika Dahan Kab Hoga)

होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्राकाल सुबह 9.55 से शुरू होकर रात 11.13 बजे तक रहेगा। इसके बाद ही होलिका दहन किया जाएगा।
Mar 24, 2024 | 04:40 PM IST

Holika Dahan Mantra

देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं। रुपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।।
Mar 24, 2024 | 04:22 PM IST

होलिका दहन क्यों मनाया जाता है (Holika Dahan Kyun Manya Jata Hai)

होली एक हिंदू त्योहार है जो प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है. होली का त्योहार वसंत ऋतु का स्वागत करने के एक तरीके के रूप में मनाया जाता है, और इसे एक नई शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि होली उत्सव के दौरान लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर आनंद लेते हैं. त्योहार के पहले दिन, प्रतीकात्मक रूप से सभी बुराइयों को जलाने और एक रंगीन और नए भविष्य की शुरुआत करने के लिए अलाव जलाया जाता है
Mar 24, 2024 | 04:00 PM IST

Holika Dahan Puja Vidhi (होलिका दहन पूजा विधि)

होलिका दहन पर पूजन की थाली में रोली, पुष्प, माला, नारियल, कच्चा सूत, साबूत हल्दी, मूंग, गुलाल और पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां व एक लोटा जल होना चाहिए। होलिका की सात परिक्रमा करके कच्चा सूत लपेटना शुभ होता है। सूर्यास्त के बाद भद्रा रहित काल में होलिका का दहन करें। होलिका दहन की राख बेहद पवित्र मानी जाती है।
Mar 24, 2024 | 03:45 PM IST

होलिका दहन मुहूर्त 2024

होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 24 मार्च को देर रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है। होलिका दहन का समय 1 घंटे 14 मिनट का है।
Mar 24, 2024 | 03:24 PM IST

holika dahan me kya dalna chahiye (होलिका दहन में क्या डालें)

होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें. अग्नि में गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें. अग्नि की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं मन में बोलें
Mar 24, 2024 | 03:10 PM IST

Holika Dahan Timing (होलिका दहन टाइमिंग)

इस साल होलिका दहन 24 मार्च को रात में 11 बजकर 13 मिनट से शुरू किया जाएगा और 12 बजकर 14 मिनट तक किया जाएगा।
Mar 24, 2024 | 02:43 PM IST

होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में (Holi Khel Rahe Nandlal Vrindavan ki Kunj Gali Mein Lyrics)

होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
मथुरा की कुंज गलिन में गोकुल की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
वो ग्वाल बाल संग आते गलियों में धूम मचाते,
ऐसे नटखट दीनदयाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
हम संग सखियों के जावे मार्ग में ठाड़े पांवे,
हमें रहता यही मलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
कभी बंसी मधुर बजावे कभी भारी रंग बरसावे,
कभी देवे उड़ाए गुलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
वो तो नए कलश मंगवाए और उन में जल भरवाए,
अरी रंग घोल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
मेरे भर पिचकारी मारी चुंदर कि आव बिगाड़ी,
अरी मेरे माथे मलो गुलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
कोई ढोल सितार बजावे कोई हर्ष हर्ष होरी गावे,
अरे कोई नाचे दे दे ताल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल....
Mar 24, 2024 | 02:00 PM IST

Can We Eat Non Veg On Holika Dahan 2024: क्या होली पर नॉन वेज खा सकते हैं?

कई जगह होली पर नॉन वेज खाया जाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं अनुसार होली एक पवित्र त्योहार है ऐसे में इस दिन मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
Mar 24, 2024 | 01:59 PM IST

Holi Bhajan: राधा कृष्ण के लोकप्रिय होली भजन लिरिक्स

  • आज बृज में होली रे रसिया लिरिक्स
  • सादा आनंद रहे एही द्वारे मोहन खेले होली हो लिरिक्स
  • फागण आयो रे सांवरिया थारी याद सतावे रे लिरिक्स
  • रंग लेके खेलते गुलाल लेके खेलते लिरिक्स
  • होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में
Mar 24, 2024 | 01:33 PM IST

Holika Ki Rakh Rakhne ke Fayde: घर में होलिका की राख रखने के फायदे

होलिका दहन की राख को एक पोटली में भरकर उसे घर की तिजोरी में रख लें। कहते हैं ऐसा करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होने लगेगी। आप चाहें तो इसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं।
Mar 24, 2024 | 01:09 PM IST

Holika Dahan Ki Rakh Ka Kya Karen: होलिका दहन की राख का क्या करें

होलिका दहन की राख के साथ थोड़ी सी राई और थोड़ा सा नमक मिलाकर किसी साफ़ बर्तन में रखें। ऐसा करने से आपके घर में मौजूद किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा अवश्य खत्म हो जाएगी। साथ ही अगर आपके जीवन में कुछ भी बुरा चल रहा है तो वह भी अवश्य ही खत्म हो जाएगा।
Mar 24, 2024 | 12:51 PM IST

होलिका दहन पूजा मंत्र (Holika Dahan Puja Mantra)

होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:
परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न
Mar 24, 2024 | 11:43 AM IST

Holika Dahan Timings 2024: होलिका दहन समय

होलिका दहन का शुभ समय रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा। इससे पहले होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा क्योंकि भद्रा का साया रहेगा।
Mar 24, 2024 | 11:17 AM IST

Holika Dahan 2024: होलिका की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए

होलिका की 3, 7, 11 या 21 बार परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा करते समय अर्घ्य भी देना चाहिए।
Mar 24, 2024 | 10:50 AM IST

Holika Dahan Benefits: होलिका दहन के फायदे

मान्यताओं अनुसार होलिका दहन करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सुख-शांति का वास होता है। साथ ही अच्छे स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
Mar 24, 2024 | 10:14 AM IST

होलिका दहन के दिन बड़कुल्ला क्या है

जहां होलिका दहन की लकड़ियां इकट्ठा की जाती है और उसमें होलिका और भक्त प्रह्लाद को शुद्ध गोबर से बनाकर स्थापित किया जाता है जिसे गुलारी या बड़कुल्ला के नाम से जाना जाता है।

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