Holika Dahan Vrat Katha: फाल्गुन पूर्णिमा पर जरूर पढ़ें विष्णु भक्त प्रह्लाद की ये पावन कथा
Holika Dahan (Phalgun Purnima) Katha: होलिका दहन और फाल्गुन पूर्णिमा की कथा भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद से जुड़ी है। जानिए होलिका दहन की पावन कथा।
होलिका दहन व्रत कथा
Phalgun Purnima (Holika Dahan) Katha: फाल्गुन पूर्णिमा और होलिका दहन कथा
नारद पुराण के अनुसार हिरण्यकश्यप नामक एक राक्षस था। वो खुद को ईश्वर से भी बड़ा समझता था और चाहता था कि हर कोई उसकी ही पूजा करे। लेकिन उसका खुद का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप को ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि उनका पुत्र भगवान विष्णु की भक्ति करें। इसी बात को लेकर उसने अपने पुत्र को भगवान की भक्ति से हटाने के लिए लाख कोशिश की लेकिन भक्त प्रह्लाद प्रभु की भक्ति को नहीं छोड़ पाए।
अपने आप को हारता हुआ देख हिरण्यकश्यप ने अपने ही बेटे को जान से मारने का विचार कर लिया। लेकिन राक्षस हिरण्यकश्यप इसमें भी सफल नहीं हो पाया। बार बार मारने के प्रयास होने पर भी वह प्रभु-कृपा से बचता रहा। इसके बाद अत्याचारी हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद ली जिसे ये वरदान प्राप्त था कि उसे आग कभी जला नहीं सकेगी। प्रह्लााद को गोद में लेकर होलिका चिता पर बैठ गई।
परन्तु होलिका का आग में न जलने का वरदान उस समय समाप्त हो गया जब उसने प्रह्लाद का वध करने का प्रयत्न किया। प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठी होलिका खुद जलकर भस्म हो गई वहीं भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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