क्या है कार्तिक मास का महत्व और नियम, क्यों इसमें आते हैं इतने त्योहार - आचार्य पुंड्रिक गोस्वामी से जानें

Importance of Kartik Month (कार्तिक मास का महत्व, नियम): हिंदू कैलेंडर में साल का आठवां महीना कार्तिक मास माना जाता है। इस महीने में दीपावली समेत कई त्योहार मनाए जाते हैं। करवा चौथ और अहोई अष्टमी भी इसी मास में आते हैं। यहां जानें इसका महत्व आचार्य पुंड्रिक गोस्वामी से।

Importance of Kartik Month (कार्तिक मास का महत्व, नियम): हिंदू कैलेंडर में 12 महीने हैं और इनमें से 8वां महीना है कार्तिक मास। यह महीना अपने साथ दीपावली समेत कई त्योहार लेकर आता है। कार्तिक के महीने में तुलसी विवाह भी आता है और तुलसी पर दीया भी जलाया जाता है। इसके साथ ही, घी के दीपक भी श्री कृष्णा को अर्पण किए जाते हैं। जाते हैं। इस बारे में बात करते हुए कि कार्तिक मास के नाम की महिमा, और इसे क्यों और कैसे मनाया जाता है, हमने आचार्य पुंड्रिक गोस्वामी के साथ बातचीत की।
राधा रमन मंदिर (वृंदावन) के वैष्णव आचार्य आचार्य पुंड्रिक गोस्वामी बताते हैं कि हिंदू कैलेंडर में मूल रूप से 4 महीने ऐसे हैं जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और उन्हें ठीक करने के लिए निर्देशित करते हैं। वे हैं- शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक। कार्तिक मास हमारे बौद्धिक व मानसिक पहलूओं का ध्यान कराता है। इसका नाम भगवान कार्तिकेय (भगवान शिव के पुत्र) से मिला। भगवान कृष्ण से जुड़ाव के कारण इस महीने को दामोदर मास भी कहा जाता है।
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