Indira Eakdashi Vrat Katha In Hindi: इंदिरा एकादशी की व्रत कथा और आरती के संपूर्ण लिरिक्स यहां देखें
Indira Eakdashi Vrat Katha, Aarti: आज इंदिरा एकादशी का त्योहार मनाया जा रहा है। कहते हैं जो कोई इंदिरा एकादशी का व्रत करता है उसे उसके पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा पितरों की आत्मा को भी शांति प्राप्त होती है। चलिए आपको बताते हैं इंदिरा एकादशी की व्रत कथा।
Indira Ekadashi Vrat Katha Aarti In Hindi
Indira Eakdashi Vrat Katha, Aarti: इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर को रखा जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। ये एकादशी आश्विन कृष्ण पक्ष में पड़ती है। इस एकादशी के दिन शिव योग और सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दो शुभ योगों के कारण इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में एकादशी की पूजा से बेहद लाभ प्राप्त होगा। चलिए आपको बताते हैं इंदिरा एकादशी की व्रत कथा और आरती के बारे में।
इंदिरा एकादशी की व्रत कथा pdf (Indira Ekadashi Vrat Katha In Hindi)
महिष्मती नगरी में इंद्रसेन नामक एक राजा रहा करता था। राजा के माता-पिता की काफी समय पहले मृत्यु हो गई थी। एक समय रात्रि में राजा को सपने में दिखा कि, उनके माता-पिता नर्क में कष्ट भोग रहे हैं। नींद खुलते ही राजा ने पितरों को यम यातना से मुक्ति दिलाने का उपाय खोजना शुरू कर दिया। राजा ने विद्वान ब्राह्मणों को अपने महल में बुलाला और उन्हें अपने सपने के बारे में बताया। तभी ब्राह्मणों ने कहा कि- हे राजन अगर आप इंदिरा एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करते हैं तो आपके पितरों को जरूर मुक्ति मिल जाएगी।
ब्राह्मणों ने राजा को इस एकादशी की विधि बताते हुए कहा कि इस दिन आप भगवान शालिग्राम की पूजा करें और उन पर तुलसी आदि चढ़ाकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इसके बाद अपनी क्षमता अनुसार दक्षिणा दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इस तरह से आपके माता-पिता को नरक लोक से मुक्ति मिले जाएगी। राजा ने ब्राह्मणों की बात मानकर विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी का व्रत किया। रात में जब राजा सो रहे थे उनके सपने में भगवान आए। जिन्होंने कहा कि राजन तुम्हारे व्रत के प्रभाव से तुम्हारे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हुई है। कहते हैं इसके बाद से ही इंदिरा एकादशी के व्रत की महत्ता बढ़ती चली गई।
एकादशी की आरती pdf (Ekadashi Vrat Aarti In Hindi)
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी…॥
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी…॥
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी…॥
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी…॥
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी…॥
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी…॥
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी…॥
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी…॥
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी…॥
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी…॥
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी…॥
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी…॥
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी…॥
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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