Dream Interpretation: बहुत आसान है अच्छे सपने का फल पाना और बुरे सपने के असर को कम करना, ये उपाय है बड़े काम का
स्वप्न का आधार व्यक्ति से कहीं न कहीं, किसी न किसी युग से होता है जुड़ा। अच्छा स्वप्न देखने पर उसका फल स्वयं को शीशे में देखकर पाया जा सकता है पूरा। बुरे स्वप्न की नकारात्मक उर्जा का नाश करती है दीपक की लौ। दीपक की लौ के सामने स्मरण कर दें अपना बुरा स्वप्न।
अच्छे− बुरे स्वप्न के प्रभाव
मुख्य बातें
- उपाय से बढ़ाया या घटाया जा सकता है स्वप्न का प्रभाव
- अच्छा स्वप्न देखने पर खुद को शीशे मे देखना होगा शुभ
- बुरे स्वप्न के प्रभाव को कम कर सकती है दीपक की लौ
क्या है सपनों का आधार
स्वप्न शास्त्र के अनुसार स्वप्न सृष्टि की समस्त जीवित, अजीवित वस्तुओं के साथ उनके कणाें में स्थापित होते हैं। स्वप्न का आधार तब ही पूर्ण होता है जब वह आपके इस जन्म के साथ या न्य युग के साथ जुड़ी वस्तु, घटनाओं और संबंधित कार्यों का आधार होते हैं। स्वप्न का पहला आधार स्थान की स्थिति से व्यक्त कराना है। वह स्थान किसी भी युग का हो सकता है, वह घटना किसी भी काल से संबंधित हो सकती है लेकिन उसका आकार तभी बनता है जब वह आपसे कहीं न कहीं जुड़ी हो। इस युग या किसी अन् युग में आपने उसे देखा हो, रहे हों या एेसा कुछ हुआ है जो आपके प्रारब्ध के प्रभाव से युक्त हो।
अच्छे स्वप्न का फल इस तरह करें प्राप्त
यदि स्वप्न में आपने कुछ एेसा देखा है जो आप चाहते हैं ये कि वो पूरा हो जाए, किसी का आगमन, कोइ शुभ समाचार, या अन्य उपलब्धि तो आप जैसे ही नींद से जागें तुरंत कुछ और देखने से पूर्व अपना चेहरा शीशे में देख लें। उस सपने से प्राप्त उर्जा आप स्वयं पर ले लेंगे तो स्वप्न अवश्य पूरा होगा। यानि उस स्वप्न का शुभ फल आपको मिलेगा।
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बुरे स्वप्न का करें प्रभाव कम
यदि सपने में आपने कुछ इस तरह का देख लिया है जिसे आप कभी नहीं चाहते कि उसका फल आपको किसी भी स्थिति में मिले या उसका फल आप कम करना चाहते हैं तो आप नींद से जागने के बाद देवालय में या अपने घर में दीपक जलाएं। दीपक की लौ के सामने अपनी स्मृति में उस स्वप्न को लाएं और उस लौ को कुछ देर ध्यान से देखें। आपके स्वप्न से उर्जित नकारात्मक उर्जा दीपक की उस लौ में स्वाहा हो जाएगी। इससे आपके बुरे स्वप्न का असर खत्म या कम हो जाएगा।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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