Jagannath Rath Yatra 2023: जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 में कब है, जानें पुरी की प्रसिद्ध यात्रा की डेट, महत्व, मान्यताएं
Jagannath Rath Yatra 2023 Date in India (जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 की तारीख): पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इस दौरान भगवान कृष्ण, उनके अग्रज बलराम और बहन सुभद्रा को बड़े रथ पर बैठाकर पूरे शहर का भ्रमण कराया जाता है। यहां जानें जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 में कब निकाली जाएगी और क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं।
Jagannath Rath Yatra 2023 Date in India
Jagannath Rath Yatra 2023 Date in India (जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 की तारीख): भगवान जगन्नाथ जी से जुड़े होने की वजह से पुरी विश्व प्रसिद्ध है। यहां एक खास आयोजन के लिए देश-विदेश से भक्त आते हैं जो कि पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकालती जाती है। इस यात्रा को लेकर अलग अलग धारणाएं हैं जिनमें से एक अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस दौरान तीनों के लिए अलग अलग रथ तैयार किए जाते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 कब है
हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। साल 2023 में 20 जून, मंगलवार के दिन को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी।
जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़े तथ्य
रथ यात्रा में प्रयोग होने वाले रथों का निर्माण कार्य अक्षय तृतीया से प्रारंभ होता है। तीनों रथों में भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे बड़ा होता है। इस पीले रंग के रथ को नंदीघोष या गरुध्वज कहा जाता है। रथ यात्रा में यह रथ सबसे पीछे होता है। सबसे आगे सुभद्रा जी का रथ होता है। इस नीले व लाल रंग के रथ को दर्पदलन या पद्म रथ कहते हैं। वहीं मध्य में बलराम जी का रथ चलता है। लाल व हरे रंग के रथ को तालध्वज कहते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा को दुनिया का एकमात्र ऐसा त्योहार माना जाता है जहां भगवान मंदिर से बाहर आते हैं। पुरी के राजघरानों के वंशज आज भी इस रथ यात्रा में सोने की झाड़ू से रास्ता साफ करते हैं। रथों का निर्माण करीब 42 दिन में 4,000 लकड़ी के टुकड़ों से किया जाता है जिनको वंशानुगत अधिकार वाले बढ़ई बनाते हैं। त्योहार के अंत में इन रथों को मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए रसोई में प्रयोग में लाया जाता है।
जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी मान्यताएं
रथ यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पहले पुरी के जगन्नाथ मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाता है। ऐसी मान्यता है, कि इस दौरान भगवान को तेज बुखार होता है और तबीयत में सुधार के लिए उनको 7 दिन आराम कराया जाता है। उनके ठीक होने पर ही यात्रा निकाली जाती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Mokshada Ekadashi Parana Time 2024: मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण कब किया जाएगा, यहां जानिए व्रत खोलने की विधि
मेष वार्षिक राशिफल 2025 (Aries Yearly Horoscope): जानिए, मेष राशि वालों की आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और लव लाइफ के लिए कैसा रहेगा नया साल
Aaj Ka Panchang 12 December 2024: पंचांग से जानिए मोक्षदा एकादशी के पारण का समय, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Annapurna Jayanti Kab Hai 2024: इस दिन मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती, यहां जानिए सही तिथि, महत्व
Raksha Bandhan 2025 Date: अगले साल रक्षा बंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा, नोट कर लें सही तारीख और मुहूर्त
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited