Jagannath Rath Yatra 2024: कब से शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा, यहां जानिए इससे जुड़ी सारी जानकारी
Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा विश्व की सबसे प्रसिद्ध यात्रा में से एक है। इस यात्रा में लाखों लोग भाग लेते हैं। भगवान जगन्नाथ जी की पूजा भगवान विष्णु के रूप में की जाती है। हर साल ये यात्रा निकाली जाती है। आइए जानें कब से शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा।
Jagannath Rath Yatra 2024: भगवान जगन्नाथ का मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है। ये विश्व के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। हर वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा पुरी शहर में निकलती है। इस यात्रा में लाखों लोग यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बालभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा में तानों मूर्तियों को रथों पर सवार करके पूरे नगर भ्रमण कराते हैं। रथ यात्रा शुरू होने से पहले ये मंदिर 15 दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है। उसके बाद 15 दिन बाद रथों को बहुत भव्य तरीके से सजाकर यात्रा निकाली जाती है। आइए जानें कब से शुरू हो रही है जगन्नाथ रथ यात्रा।
Jagannath Rath Yatra 2024 (जगन्नाथ रथ यात्रा कब से शुरू होगी)जगन्नाथ रथ की यात्रा आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 7 जुलाई 2024 की सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इस तिथि का समापन 8 जुलाई प्रातः 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में जगन्नाथ रथ की यात्रा 7 जुलाई 2024 को शुरू होगा।
कैसे निकलती है रथ यात्राजगन्नाथ रथ यात्रा बलभद्र और देवी सुभद्रा तीनों को अलग- अलग रथों पर सजाया जाता है। सबसे आगे बलभद्र बीच में सुभद्रा और पीछे भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकाली जाती है। इन रथों पर सवार होकर तीनों लोग अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर पहुंच जाते हैं। वहां पर कुछ दिनों तक वो आराम करते हैं। उसके बाद वापस से अपने घर लौट जाते हैं।
क्यों निकाली जाती है रथ यात्राभगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बालभद्र को आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन गर्भगृह से बाहर निकालकर स्नान कराया जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बिमार हो जाते हैं और 15 दिनों के लिए आराम करने के लिए चले जाते हैं। इस समय में भक्त दर्शन करने की मनाही होती है। उसके बाद आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन ठीक होकर बाहर निकाला जाता है और यात्रा निकाली जाती है।
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्वसनातन परंपरा में जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत महत्व है। ये साल में एक बार रथ यात्रा निकाली जाती है। उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ कृष्ण के रूप में विराजमान हैं। इस रथ यात्रा शामिल होने से 100 यज्ञों के बराबर पुण्य का फल प्राप्त होता है। इस यात्रा में भाग लेने से और भगवान के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हु...और देखें
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