Janmashtami 56 Bhog: जन्माष्टमी 56 भोग लिस्ट, चेक करें कहीं छूट न जाए कोई जरूरी चीज

Janmashtami 56 Bhog: जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग चढ़ाए जाने का विधान है। खासतौर से श्री कृष्ण भगवान के मंदिरों में ये परंपरा निभाई जाती है। यहां देखिए जन्माष्टमी के 56 भोग की लिस्ट और इसका महत्व।

Janmashtami 56 bhog

Janmashtami 56 Bhog: जन्माष्टमी 56 भोग लिस्ट

Janmashtami 2023 Bhog List: जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई श्रीकृष्ण के रंग में रंगा नजर आता है। मान्यता है कि ये वही खास दिन है जब भगवान कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। इसलिए इस दिन हर कोई भगवान कृष्ण की विधि-विधान पूजा करता है। इस खास मौके पर घर और मंदिरों को सजाया जाता है। कई जगह इस दिन श्रीकृष्ण की झांकियां निकाली जाती हैं। वहीं भगवान कृष्‍ण को 56 भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण को 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यहां देखें जन्माष्टमी 56 भोग की पूरी लिस्ट।

56 Bhog For Janmashtami 2023

1. भक्त (भात)
2. सूप (दाल)
3. प्रलेह (चटनी)
4. सादिका (कढ़ी)
5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी)
6. सिकरिणी (सिखरन)
7. अवलेह (शरबत)
8. बालका (बाटी)
9. इक्षु खरिणी (मुरब्बा)
10. त्रिकोण (शर्करा युक्त)
11. बटक (बड़ा)
12. मधु शीर्षक (मठरी)
13. फेनिका (फेनी)
14. प्रिष्टश्च (पूरी)
15. शतपत्र (खजला)
16. सधिद्रक (घेवर)
17. चक्रम (मालपुआ)
18. चिल्डिका (चोला)
19. सुधाकुंडलिका (जलेबी)
20. धृतपुर (मेसू)
21. वायुपुर ( रसगुल्ला)
22. चन्द्रकला (पगी हुई)
23. दधि (महारायता)
24. शूली (थुली)
25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपुरी)
26. खंड मंडल (खुरमा)
27. गोधूम (दलिया)
28. परिखा
29. सुफलाध्या (सौंफ युक्त)
30. दधिरूप (बिलसारू)
31. मोदक (लड्डू)
32. शाक (साग)
33. सौधान (अधानौ अचार)
34. मांडका (मोठ)
35. पायस (खीर)
36. दधि (दही)
37. गोघृत (गाय का घी)
38. हयंगपीनम (मक्खन)
39. मांदुरी (मलाई)
40. कूपिका (रबड़ी)
41 . पर्पट (पापड़)
42. शक्तिका (सीरा)
43. लसिका (लस्सी)
44. सुवत
45. संघाय (मोहन)
46. सुफला (सुपारी)
47. सीता (इलायची)
48. फल
49. तांबूल
50. मोहन भोग
51. लवण
52. कषाय
53. मधुर
54. तिक्त
55. कटु
56. अम्ल

जन्माष्टमी पर अगर 56 भोग न चढ़ा पाएं?

जन्‍माष्‍टमी के दिन अगर भगवान कृष्‍ण को 56 भोग न भी चढ़ा पाएं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आम लोगों के लिए ऐसा कर पाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में आप अगर बालगोपाल को श्रद्धापूर्वक केवल “माखन-मिश्री” का भोग भी चढ़ाएंगे तो वह बेहद प्रसन्न होंगे। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार बालगोपाल को मक्‍खन बेहद पसंद था इसलिए जन्माष्टमी पर आप 56 भोग की बजाय सिर्फ माखन-मिश्री का भोग भी लगा सकते हैं।
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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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