Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर कृष्ण को कराया जाता है पंचामृत से स्नान, जानें क्या है इसका महत्व
Janmashtami 2023: जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस श्री कृष्ण की पूजा करने से साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है। जन्माष्टमी के दिन पंचामृत से क्यों होता है स्नान। इसका महत्व क्या है। यहां जानें सबकुछ।

Janmashtami 2023
Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आज यानि 7 सितंबर को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराया जाता है और नये वस्त्र पहनाकर झूला झुलाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस भगवान श्री कृष्ण की पूजा विधिवत करने से साधक के सारे काम सफल हो जाते हैं। आइए जानते हैं कृष्ण को जन्माष्टमी पर पंचामृत से क्यों स्नान कराया जाता है।
पंचामृत स्नान का महत्वसनातन धर्म में पंचामृत का बहुत महत्व होता है। कोई भी पूजा पंचामृत के बिना अधूरी होती है। इस कारण जन्माष्टमी की पूजा में भी पंचामृत का खास महत्व है। इस दिन पंचामृत से भगवान के बाल स्वरूप का स्नान कराया जाता है। पंचामृत का भोग भी इस दिन लगाया जाता है। पंचामृत का स्नान कराने से साधक को दोगुने फल की प्राप्ति होती है। पंचामृत के भोग से व्यक्ति का मन भी शुद्ध होता है। पंचामृत बनाने के लिए कुछ सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है।
पंचामृत सामग्री जन्माष्टमी पंचामृत रेसिपी- ताजा दही - 400 ग्राम (2 कप)
- ठंडा दूध - 100 ग्राम (1/2 कप)
- चीनी - 50 ग्राम (चौथाई कप)
- शहद - 1 बड़ा चम्मच।
- मखाने-10-12
- तुलसी के पत्ते - 8-10
पंचामृत विधि
- पंचामृत के लिए एक बर्तन में दही को अच्छे से मिला लें।
- उसके बाद उसमें दूध, शहद चीनी डालकर अच्छे से मिला दें।
- उसके बाद उसमे मखाने डालकर और तुलसी के पत्ते डाल दें।
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