Janmashtami Puja Samagri List: कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी, जानिए भगवान कृष्ण की पूजा में क्या-क्या सामान लगता है

Janmashtami Puja Samagri List In Hindi: जन्माष्टमी पूजा की सामग्री लिस्ट, भगवान कृष्ण की पूजा में झूला, श्रृंगार, बांसुरी, आभूषण समेत इन चीजों को जरूर करें शामिल।

Janmashtami Puja Samagri List In Hindi

Janmashtami Puja Samagri List In Hindi: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की विधि विधान पूजा की जाती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और आधी रात को कृष्णा की उपासना करते हैं। जन्माष्टमी पर बाल गोपाल का अद्भुत श्रृंगार किया जाता है। उनका पालना सजाया जाता है और रात में उन्हें झूला झुलाया जाता है। यहां हम आपको बताएंगे कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा सामग्री लिस्ट, जिनके बिना अधूरी है भगवान कृष्ण की पूजा।

जन्माष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट (Janmashtami Puja Samagri List In Hindi)

  • बाल गोपाल के लिए झूला
  • भगवान कृष्ण की मूर्ति
  • अक्षत
  • मक्खन
  • केसर
  • छोटी इलायची
  • कलश
  • छोटी बांसुरी
  • एक नया आभूषण
  • पान
  • सुपारी
  • गंगाजल
  • सिंहासन
  • इत्र
  • सिक्के
  • मुकुट
  • लाल कपड़ा
  • कुमकुम
  • नारियल
  • मौली
  • तुलसी के पत्ते
  • चंदन
  • दिया
  • सरसों का तेल या फिर घी
  • रूई की बाती
  • अगरबत्ती
  • हल्दी
  • सफेद कपड़ा
  • लॉन्ग
  • इत्र
  • धूप बत्ती
  • फल और कपूर
  • मोरपंख
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि (Krishna Janmashtami Puja Vidhi)

  • इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
  • इस दिन बाल गोपाल का विधि विधान श्रृंगार किया जाता है।
  • उनका पालना सजाया जाता है और उसमें उन्हें झूला झुलाया जाता है।
  • कृष्ण जी की प्रतिमा का दूध और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।
  • भगवान कृष्ण को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं।
  • उन्हें मुकुट और बांसुरी अर्पित की जाती है।
  • इसके बाद चंदन, फूलोंं और वैजयंती माला से लड्डू गोपाल का श्रृंगार किया जाता है।
  • भगवान को तुलसीदल, मक्खन, मिश्री, फल, मखाने का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही मिठाई, मेवे, और पंजीरी अर्पित की जाती है।
  • इसके बाद श्री कृष्ण की आरती की जाती है।
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत नियम (Krishna Janmashtami Vrat Niyam)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। हालांकि आप फलाहार ले सकते हैं। इस दिन रात 12 बजे की पूजा के बाद अन्न ग्रहण किया जा सकता है।

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