Janmashtami Vrat Niyam: जन्माष्टमी व्रत में क्या पानी पी सकते हैं- जानें कान्हा के जन्मदिन पर क्या करें, क्या नहीं करना चाहिए
Janmashtami Vrat Niyam, Janmashtami Vrat Do's And Dont's In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत के साथ कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। यहां आप जान सकते हैं कि जन्माष्टमी के व्रत में पानी पीना चाहिए या नहीं? तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए या नहीं? जन्माष्टमी पर क्या करें क्या ना करें? आप विस्तार से जान सकते हैं।
Janmashtami Vrat Niyam: यहां देखें जन्माष्टमी पर क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?
Janmashtami Vrat Niyam, Janmashtami Vrat Do's And Dont's In Hindi: जन्माष्टमी को लेकर पूरे देश में एक अलग ही धूम देखने को मिल (Janmashtami Vrat Niyam) रही है। हर तरफ जय श्री कृष्णा, राधे श्याम के मंत्रों का जप हो (Janmashtami Vrat Ke Niyam) रहा है। हालांकि इस बार लोग जन्माष्टमी के पावन पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति (Janmashtami Vrat Ke Niyam In Hindi) में हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि कोहुआ था।
हालांकि इस बार जन्माष्टमी का पर्व 06 और 07 सितंबर दो दिन मनाया जा (Janmashtami Vrat Do's and Dont's) रहा है। 06 सितंबर को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं 07 सितंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:55 से 12:41 तक है। मान्यता है कि इस दौरान लड्डू गोपाल की विधि विन से पूजा अर्चना करने से जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है तथा भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है। इतना ही नहीं पौराणिक कथाओं की मानें तो इस दिन व्रत करने मात्र से एक हजार एकादशी व्रत के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
वहीं निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान के जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है। हालांकि इस दिन कुछ कार्यों की मनाही होती है। जी हां इस दिन व्रत के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसे में यहां आप जान सकते हैं कि जन्माष्टमी के व्रत में पानी पीना चाहिए या नहीं? तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए या नहीं? जन्माष्टमी पर क्या करें क्या ना करें?
Janmashtami 2023 Date Kab Hai, Shubh Muhurat: कब है जन्माष्टमीहिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 07 सितंबर 2023, गुरुवार को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो रही है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 11:57 से 12:41 तक है।
Janmashtami Vrat Ke Niyam In Hindi: जन्माष्टमी पर क्या करें- जन्माष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर निवृत्त हो जाएं।
- इस दिन पूरे दिन राधा कृष्णा के नाम का जप करें।
- भगवान श्री कृष्ण धूप दीप कर माखन मिश्री का भोग लगाएं।
- बाल गोपाल के लिए छोटा सा झूला बनाएं और कन्हैया जी को झूला झुलाएं।
- साथ ही ध्यान रहे जन्माष्टमी के व्रत में केवल फलों का सेवन करना चाहिए।
- जन्माष्टमी के दिन जरूरतमंद, गरीब व ब्राह्मणों को फल फूल पैसे अन्न जल का दान करें।
Janmashtami Vrat Niyam: जन्माष्टमी के दिन क्या ना करें- ध्यान रहे जन्माष्टमी से एक दिन पहले सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- भूलवश मांस मदिरा, सुपारी, तंबाकू का सेवन ना करें।
- कहा जाता है कि जन्माष्टमी के एक दिन पहले से स्त्री व पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- इस दिन भूलवश किसी बड़े बूढ़े का अपमान ना करें।
- जन्माष्टमी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना निषेध माना जाता है। ऐसे में गलती से भी तुलसी के पत्तों को ना तोड़ें।
- जन्माष्टमी के दिन गाय की पूजा की जाती है। ऐसे में भूलवश गाय को ना सताएं।
Disclaimer
यहां दी गई तमाम जानकारियां सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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