Jaya Ekadashi Feb 2024: जया एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, लक्ष्मी मां हो सकती है नाराज

Jaya Ekadashi Feb 2024: सनातन धर्म में एकादशी (जया एकादशी 2024) का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ माह में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। आइए जानते हैं इस क्या नहीं करना चाहिए।

Jaya Ekadashi Feb 2024

Jaya Ekadashi Feb 2024

Jaya Ekadashi Feb 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत पवित्र माना जाता है। साल में कुल मिलाकर 24 एकादशियां होती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। एकदशी के स्थान पर वह एकदशी मानी जाती है जो माघ माह में आती है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस दिन का व्रत रखने से साधक को तमाम पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं जया एकादशी के दिन किन काम को नहीं करना चाहिए।

जया एकादशी के दिन ना करें ये काम ( Do not do these things on the day of Jaya Ekadashi)

ज्यादा देर तक न सोएं

अगर आप जया एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो याद रखें कि इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करें। एकादशी के दिन रात को सोना वर्जित है, जिससे भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।

तामसिक भोजन न करें

एकादशी के दिन घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए और न ही ऐसा खाना खाना चाहिए। इस दिन मांसाहारी भोजन के साथ लहसुन और प्याज खाना वर्जित है। इसलिए एकादशी के दिन सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

चावल मत खाओ

एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। इस दिन भूलकर भी चावल या चावल से बने व्यंजन नहीं खाने चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगले जन्म में तुम रेंगने वाले कीड़े की योनि में जन्म लोगे।

विवाद से दूर रहें

एकादशी के दिन मन बिल्कुल शांत रहना चाहिए। सभी प्रकार के विवादों, झगड़ों और असहमति से बचना जरूरी है। इस दिन कोशिश करें कि अपना ध्यान भगवान की भक्ति में अधिक लगाएं और गलती से भी किसी को नाराज न करें।

Jaya Ekadashi Importance (जया एकादशी महत्व)

जया एकादशी व्रत का बहुत धार्मिक महत्व है। इस व्रत के बारे में कहा जाता है कि जो लोग इसे सच्ची भावना से करते हैं उन्हें आत्मा, भूत और पिशाच की दुनिया में नहीं जाना पड़ता है। व्यक्ति अपने पिछले जन्म के पापों से भी मुक्त हो सकता है। इसलिए, विश्वासियों को सलाह दी जाती है कि वे इस मामले पर शीघ्रता से विचार करें। ऐसे में सभी को सांसारिक पूजा-पाठ छोड़कर सच्चे मन से श्रीहरि विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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