Jaya kishori Birthday: इन 5 भजनों को गाकर जया किशोरी ने बनाई अपनी अलग पहचान
Jaya Kishori Birthday Date: जया किशोरी आज अपना 29वां जन्मदिन मना रही हैं। जया किशोरी भारत की एक लोकप्रिय कथावाचिका हैं। उन्होंने अवध में राम आए हैं, काली कमली वाला मेरा यार है, मेरा आपकी कृपा से समेत कई लोकप्रिय भजन गाए हैं।
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Happy Birthday Jaya Kishori: 13 जुलाई को जया किशोरी (Jaya Kishori) अपना 29वां जन्मदिन मना रही हैं। इनका जन्म साल 1995 में राजस्थान के एक छोटे से गांव सुजानगढ़ (Jaya Kishori Birth Place) में हुआ था। बचपन में ही जया किशोरी भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो गई थीं और बेहद कम उम्र में उन्होंने अपने लिए अध्यात्म का मार्ग चुन लिया था। जया किशोरी ने अपने अध्यात्मिक करियर की शुरुआत भजन गाकर की थी। इनकी मधुर आवाज का हर कोई दीवाना हो जाता था। जया किशोरी ने 'किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए', 'अवध में राम आए हैं', 'मेरा आपकी कृपा से' इत्यादि कई भजन गाएं। जिन्हें करोड़ों बार यूट्यूब पर देखा जा चुका है। जया किशोरी के जन्मदिन पर देखें इनके सबसे लोकप्रिय भजनों का कलेक्शन (Jaya Kishori Ke Bhajan)।
जया किशोरी के आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत
जानकारी अनुसार जया किशोरी के परिवार का माहौल शुरू से ही आध्यात्मिक रहा है। यही वजह है कि उनकी बचपन से ही भगान में गहरी आस्था जुड़ गई थी। मात्र 6-7 साल की उम्र में जया ने अपने आध्यात्मिक सफर की शुरुआत कर दी थी। जया किशोरी ने खुद ही बताया था कि उनके ऊपर उनके दादा दादीजी का काफी प्रभाव पड़ा। उनके दादा दादीजी उन्हें बचपन से ही भगवान् श्री कृष्ण जी की कहानियां सुनाया करते थे। जिस वजह से जया किशोरी भगवान कृष्ण की भक्त बन गईं और उन्होंने भगवान कृष्ण पर एक से एक भजन गाएं।
जया किशोरी के भजन (Jaya Kishori Bhajan)
- अवध में राम आए हैं
- मेरा आपकी कृपा से
- मीठे रस से भरयोरी
- काली कमली वाला मेरा यार है
- लगन तुझसे लगा बैठे
- मेरे कान्हा
- हम तुम्हारे हैं प्रभु जी
- हे दुख भंजन मारुति नंदन
- जगत के रंग क्या देखूं
- मां बाप को मत भूलना
- कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नंदलाल
- इतनी खात्री करवावे ईगो काई लगे
- सबसे ऊंची प्रेम सगाई
- हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे रमा
- राधिका गौरि से
- गाड़ी में बिठा ले रे बाबा
- लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप
- अच्युतम केस्वाम कृष्ण दामोदरम
- आज हरी आये विदुर घर
जया किशोरी ने ऐसे बनाई अलग पहचान
जया किशोरी ने मात्र 9 साल की उम्र में ही लिंगाष्टकम, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, शिव तांडव स्त्रोत, मधुराष्टकम्रा, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् जैसे कई कठिन स्त्रोत याद कर लिए थे। मात्र 10 वर्ष की उम्र में सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गाकर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। जया जी के गुरूजी का नाम गोविंद राम मिश्र है। उनके गुरू ने ही जया शर्मा को किशोरी की उपाधि दी थी।
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