Jaya Kishori Birthday: जया किशोरी की उम्र, जन्म स्थान, पढ़ाई, परिवार, फीस, शादी सबके बारे में यहां जानें

Jaya Kishori Biography In Hindi: भारत की प्रसिद्ध कथावाचिका, भजन गायिका और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी 13 जुलाई 2024 को यानि आज अपना 30वां जन्मदिन मनाएंगी। इस अवसर पर जानिए जया किशोरी का जीवन परिचय हिंदी में।

Jaya Kishori Birthday

Jaya Kishori Biography In Hindi

Jaya Kishori Jivan Parichay In Hindi: भारत की मशहूर कथावाचिका जया किशोरी 13 जुलाई को अपना 30वां जन्मदिन मनाएंगी। जानकारी अनुसार जया किशोरी का जन्म 13 जुलाई 1995 में राजस्थान के एक सामान्य गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनका बचपन का नाम जया शर्मा था। उनके घर का माहौल अत्यंत धार्मिक होने की वजह से उन्होंने बचपन से ही भजन पाठ शुरू कर दिया था। जया किशोरी कई बार बता चुकी हैं कि उनके आध्यात्मिक सफर में उनके दादा-दादी का अहम रोल रहा है। क्योंकि उन्होंने ही बचपन में जया किशोरी को अध्यात्म की दुनिया से रूबरू कराया। यहां आप जानेंगे जया किशोरी का जीवन परिचय।

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जया किशोरी का जीवन परिचय हिंदी में (Jaya Kishori Biography In Hindi)

नामजया किशोरी
वास्तविक नामजया शर्मा
जन्म तारीख13 जुलाई 1995
जन्मस्थानसुजानगढ़, राजस्थान
पेशाकथावाचक, भजन गायिका और मोटिवेशनल स्पीकर
पढ़ाईबी.कॉम
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
माता का नाम सोनिया शर्मा
पिता का नाम शिव शंकर शर्मा
बहन का नाम चेतना शर्मा
गुरु का नाम श्री गोविंद राम जी मिश्र
स्कूल/विद्यालय
  • श्री शिक्षायतन कॉलेज, कोलकाता
  • महादेवी बिड़ला विश्व अकादमी, कोलकाता
धर्महिंदू
जया किशोरी कितनी फीस लेती हैं (Jaya Kishori Fees For Katha)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जया किशोरी जी श्रीमद्भागवत के वाचन के लिए कम से कम 9 लाख 50 हजार रुपये फीस लेती हैं। कहा जाता है कि इस फीस का आधा हिस्सा यानी 4 लाख 25 हजार रुपये वह कथा करने से पहले लेती हैं और बाकी पैसे कथा के बाद लेती हैं। बताया जाता है कि जया किशोरी अपनी फीस का एक बड़ा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान को दान कर देती हैं। ये संस्थान दिव्यांगों की मदद करती है।

कैसे मिली 'किशोरी जी' की उपाधि

जया किशोरी जी के गुरु पं. गोविंदराम मिश्रा उन्हें ‘राधा’ कहकर पुकारते थे। भगवान कृष्ण के प्रति उनके प्रेम और गहरी आस्थान देखने के बाद मिश्रा ने उन्हें ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी। तभी से जया शर्मा जी जया किशोरी और ‘किशोरी जी’ के नाम से जाने जानी लगीं।

7 साल की उम्र में दिखा दिया था कमाल

कहते हैं जब जया 7 साल की थी तब उन्होंने पहली बार बसंत महोत्सव के दौरान आयोजित सत्संग में भजन गाया था और जब वे 10 साल की हुईं तो उन्होंने अकेले ही मंच पर ‘सुंदर कांड’ का पाठ किया जिसके बाद उनकी खूब प्रशंसा हुई। इसके बाद जया किशोरी ने कई भजनों में अपनी आवाज दी। साथ ही कई कथाएं की और धीरे-धीरे वे प्रसिद्ध होती चली गईं।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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