Jitiya 2025 Date: 2025 में जितिया कब है? जानिए सही डेट और महत्व

Jitiya 2025 Kab Hai: जीवित्पुत्रिका का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए माताओं के द्वारा किया जाता है। साल 2024 में जितिया का व्रत 24 और 25 सितंबर को रखा जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में जितिया का व्रत कब रखा जाएगा।

Jitiya 2025 Date

Jitiya 2025 Date

Jitiya 2025 Kab Hai (2025 में जितिया कब है): जीवित्पुत्रिका व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। ये व्रत विशेषतौर पर बिहार, यूपी और झारखंड में महिलाओं के द्वारा किया जाता है। जितिया के व्रत माताएं अपने संतान की दीर्घ आयु और उनकी अच्छी सेहत के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ये उपवास पूरे दिन भूखे और प्यासे रहकर किया जाता है। जितिया व्रत को जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है और तीसरे दिन इस व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में आइए जानें साल 2025 में जितिया का व्रत कब रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा।

Jitiya 2025 Kab Hai (2025 में जितिया कब है)

हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया का व्रत हर साल आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। साल 2025 में आश्विन महीने की माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 14 सितंबर 2025 की सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 15 सितंबर 2025 में सुबह 3 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में साल 2025 में जितिया का व्रत 14 सितंबर 2025 को रखा जाएगा।

Jitiya 2025 Shubh Muhurat (2025 में जितिया का शुभ मुहूर्त)

  • ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:19 ए एम
  • प्रातः सन्ध्या 04:56 ए एम से 06:05 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:41 पी एम
  • विजय मुहूर्त 02:20 पी एम से 03:09 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त 06:27 पी एम से 06:51 पी एम
  • सायाह्न सन्ध्या 06:27 पी एम से 07:37 पी एम
  • अमृत काल 11:09 पी एम से 12:40 ए एम,15 सितंबर
  • निशिता मुहूर्त 11:53 पी एम से 12:40 ए एम,
  • रवि योग 06:05 ए एम से 08:41 ए एम, 15 सितंबर

Jitiya Puja Vidhi (जितिया पूजा विधि)

  • जितिया व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • फिर बांस के पत्ते पर मिट्टी से बने चिलो सियारो की पूजा करें।
  • उसके बाद शाम के समय में कुशा से जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा बनाएं।
  • जीमूतवाहन की मूर्ति बनाकर उनकी विधिवत पूजा करें।
  • अंत में जितिया व्रत की कथा का पाठ करें और प्रसाद अर्पित करें।
  • अगले दिन स्नान पूजा के बाद व्रत का पारण करें।

Jitiya Vrat Mahatav (जितिया व्रत महत्व)

सनातन धर्म में जितिया व्रत का खास महत्व है। जीवितपुत्रिका व्रत के दौरान पानी की एक बूंद का भी सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इस व्रत को 24 घंटे निर्जला रहकर किया जाता है। ये व्रत संतान सुख और उनकी लंबी आयु के लिए किया जाता है। जो महिलाएं जीवित्पुत्रिका व्रत का पालन नियमपूर्वक करती हैं उनकी संतान को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। ये व्रत हर मुश्किल से बच्चों को निकाल देता है।
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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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