Jitiya Vrat Aarti Lyrics: जितिया की आरती कब करें, जानिए जीवितपुत्रिका व्रत की आरती और मंत्र लिखित में

Jivitputrika Vrat Ki Aarti, Jitiya Vrat Puja Aarti Lyrics in Hindi, Aarti Jimutvahan Ji Ki Lyrics Likhit Main: जितिया व्रत या जीवितपुत्रिका व्रत माताएं संतान के लिए रखती हैं। यह व्रत प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन प्रदोष काल में विधि विधान पूजा करने के बाद जितिया की आरती की जाती है। यहां देखें जितिया की आरती के लिरिक्स।

Jitiya Ki Aarti Lyrics

Jivitputrika Vrat Ki Aarti, Jitiya Vrat Puja Aarti Lyrics in Hindi, Aarti Jimutvahan Ji Ki Lyrics Likhit Main: जितिया व्रत सुहागिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखती हैं। ये तीन दिन का त्योहार होता है जिसकी शुरुआत आश्विन कृष्ण पक्ष की सप्तमी से होती है और समापन नवमी तिथि पर होता है। इस दौरान महिलाएं 24 घंटों का निर्जला व्रत रखती हैं और शाम में शुभ मुहूर्त में जितिया की पूजा करती हैं। इस पूजा के समय विशेष तरह की आरती की जाती है। जिसके बिना ये पूजा अधूरी मानी जाती है। चलिए जानते हैं जितिया की आरती के लिरिक्स।

जितिया की आरती pdf (Jitiya Ki Aarti)

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
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