Jitiya Puja Vidhi In Hindi: इस शुभ मुहूर्त में करें जितिया व्रत पूजा, जानें पूरी विधि विस्तार से यहां
Jitiya Vrat 2023 Puja Vidhi And Shubh Muhurat: जीवित्पुत्रिका यानि जितिया व्रत महिलाओं के लिए काफी खास होता है। इस दौरान महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए 36 घंटो तक निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल जितिया व्रत 6 अक्टूबर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

Jitiya Vrat 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat And Vrat Paran Time
Jitiya Vrat 2023 Puja Vidhi And Shubh Muhurat: जीवित्पुत्रिका यानि जितिया व्रत बेहद कठिन माना जाता है। ये व्रत हर साल आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। पंचांग अनुसार इस साल जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा और जितिया व्रत का पारण 7 अक्टूबर को किया जाएगा (Jitiya Vrat 2023 Ka Paran Kab Hai)। मान्यता है इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। इस कठिन व्रत को शुरू करने से पहले सरगी ली जाती है (Jitiya Vrat Puja Vidhi)। जिसका खास महत्व माना जाता है। यहां जानिए जितिया व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
जितिया व्रत की तिथि व शुभ मुहूर्त (Jitiya Puja Muhurat 2023)
जितिया व्रत - 6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार
जितिया व्रत पारण- 7 अक्टूबर 2023, शनिवार
जितिया अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 6 अक्टूबर 2023 को 06:34 AM बजे
जितिया अष्टमी तिथि समाप्त- 7 अक्टूबर 2023 को 08:08 AM बजे
जितिया पारण समय 2023 (Jitiya Paran Time 2023)
जितिया व्रत का पारण आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को किया जाता है। जो 7 अक्टूबर की सुबह 08 बजकर 9 मिनट से लग रही है। ऐसे में जितिया व्रत का पारण 7 अक्टूबर की सुबह 08:09 बजे के बाद किया जा सकेगा।
जितिया व्रत पूजा सामग्री (Jitiya Puja Samagri)
जीवित्पुत्रिका व्रत में भगवान जीमूत वाहन, गाय का गोबर, अक्षत(चावल), पेड़ा, पूजा की सुपारी, श्रृंगार का सामान, सिंदूर, कुशा से बनी जीमूत वाहन की मूर्ति, धूप, दीप, मिठाई, फल, बांस के पत्ते, इलायची, पुष्प, गांठ का धागा, सरसों का तेल, दूर्वा की माला, पान, लौंग, खली, गाय का गोबर जरूरी है।
जितिया व्रत 2023 पूजा विधि (Jitiya Puja Vidhi 2023)
- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- फिर गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थल को साफ करें।
- इसके बाद पूजा स्थल को गाय के गोबर से अच्छे से लीपें।
- फिर वहां एक छोटा सा तालाब बनायें। साथ में पाकड़ की डाल खड़ी करें।
- फिर कुश से जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाएं।
- इसके बाद एक जल का पात्र लें। जल के पात्र में कुशनिर्मित जीमूतवाहन की मूर्ति स्थापित कर दें।
- फिर धूप, दीप, रोली, चावल, पुष्प आदि जीमूतवाहन की प्रतिमा को चढ़ाएं।
- गाय के गोबर से फिर चील या सियारिन की प्रतिमा भी बना लें।
- उनके माथे पर लाल सिंदूर लगाएं।
- फिर अंत में जितिया व्रत की कथा सुनें।
जितिया व्रत 2023 महत्व (Jitiya Vrat Significance in Hindi)
ऐसी मान्यता है कि जितिया यानी कि जीवितपुत्रिका का व्रत रखने से संतान को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। जितिया व्रत का पारण महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मरुआ की रोटी, भात और साग जैसी चीजें खाकर करती हैं।
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