Jitiya Vrat Paran 2023: जितिया का पारण कब है, इस व्रत में नोनी का साग समेत इन चीजों को खाने की है परंपरा

Jitiya Vrat 2023 Paran Vidhi And Muhurat: इस बार जितिया व्रत का पारण 7 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा। इस व्रत के पारण के कुछ खास नियम हैं जिसे जानना बेहद जरूरी है। यहां जानिए जितिया व्रत पारण विधि, शुभ मुहूर्त और नियम।

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Jitiya Vrat Paran Vidhi And Muhurat 2023

Jitiya Vrat 2023 Paran Vidhi And Muhurat: जीवित्पुत्रिका व्रत को ही ज्युतिया या जितिया के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष से व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। वैसे तो ये पर्व पूरे उत्तर भारत में प्रचलित है लेकिन मुख्य रूप से इसे बिहार, झारखंड और यूपी के लोग मनाते हैं। इस दिन के दिन जीमूतवाहन की पूजा की जाती है (Jitiya Ka Paran Kab Se Kab Tak Hai)। जितिया व्रत का पारण आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को किया जाता है। जितिया के पारण में नोनी का साग (Noni Ka Saag), मरुवा की रोटी, तोरई आदि चीजें खाई जाती हैं। यहां जानिए जितिया व्रत का पारण कैसे करें, क्या है विधि और शुभ मुहूर्त (Jitiya Ka Paran Kitne Baje Tak Hai)।

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Jitiya Vrat Paran Time 2023 (जितिया व्रत पारण टाइम 2023)

जितिया व्रत का पारण 7 अक्टूबर 2023 को शनिवार के दिन किया जाएगा। अष्टमी तिथि सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और इसके बाद नवमी लग जाएगी। जितिया व्रत का पारण नवमी तिथि में किया जाता है। पंचांग अनुसार जितिया व्रत पारण के लिए 7 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 21 मिनट का समय सबसे शुभ बताया जा रहा है।

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Jitiya Vrat Paran Vidhi (जितिया व्रत का पारण कैसे किया जाता है)

अष्टमी तिथि के अगले दिन सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ जितिया व्रत का पारण किया जाता है। पारण के समय चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, मंडुआ (Ragi) और नोनी का साग खाने की परंपरा है।

Jitiya Vrat Paran Me Kya Khana Chahiye (जितिया व्रत में क्या क्या खाना चाहिए)

जितिया व्रत के पारण के समय पर एक जैसे खाद्य पदार्थ पकाए और खाए जाते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से ऐसी साग-सब्जियां खाई जाती हैं, जो आसानी से उगती हों। जिन्हें उगाने में विशेष मेहनत नहीं करनी पड़ती है और जो मौसम की हर मार झेलने में सक्षम होती हैं। दरअसल इन साग-सब्जियों को ग्रहण करने के साथ ही माताएं ईश्वर से प्रार्थना करती हैं कि उनकी संतान भी जीवन की हर परिस्थिति में जी सके और फल-फूल सकें। विषम परिस्थिति भी उन्हें डिगा ना सकें। जितिया व्रत के पारण के समय मुख्य रूप से अरवी, तोरई, खीरा, नोनी का साग, मंडुआ (Ragi) और देसी मटर (Kushi Kerav) खाई जाती है।

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