जितिया व्रत का पारण कब और कितने बजे होगा, जानिए जितिया व्रत के पारण में क्या खाना चाहिए
जितिया व्रत का पारण कब और कितने बजे होगा, जानिए जितिया व्रत के पारण में क्या खाना चाहिए
जितिया व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से लेकर नवमी तिथि तक रखा जाता है। जिसमें व्रत का दूसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न और जल के रहती हैं और शाम में विधि विधान पूजा करके व्रत कथा सुनती हैं। फिर अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जितिया व्रत का पारण झोर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग खाकर करना चाहिए। चलिए जानते हैं इस साल जितिया व्रत का पारण कब किया जाएगा और व्रत खोलने की विधि क्या है।
जितिया व्रत 2024 पारण डेट और टाइम
जो महिलाएं 24 सितंबर को जितिया व्रत रखेंगे वो व्रत का पारण 25 की शाम में करेंगी। तो वहीं जो महिलाएं ये व्रत 25 सितंबर को रखेंगी वो इस व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद करेंगी।
मिथिला पंचांग के अनुसार जितिया व्रत पारण समय 2024
मिथिला पंचांग के अनुसार जितिया व्रत का पारण 25 सितंबर 2024 की शाम 5 बजकर 5 मिनट के बाद किया जाएगा। ये पारण समय उन महिलाओं के लिए है जो 24 सितंबर को जितिया व्रत रखेंगी।
बनारसी पंचांग के अनुसार जितिया व्रत पारण समय 2024
बनारसी पंचांग के अनुसार जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद किया जाएगा। ये व्रत पारण समय उन महिलाओं के लिए है जो जितिया व्रत 25 सितंबर को रख रही हैं।
जितिया व्रत पारण विधि
जितिया व्रत के पारण से पहले विधि विधान पूजा की जाती है। अगर सुबह के समय व्रत खोल रहे हैं तो सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। इसके बाद रागी की रोटी, तोरई सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर व्रत खोल लें। जो महिलाएं शाम में व्रत खोलती हैं वे तारे दिखने के बाद व्रत का पारण कर सकती हैं।
जितिया व्रत पारण विधि (Jitiya Vrat Paran Vidhi)
जितिया व्रत के पारण वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर जीमूतवाहन समेत समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। इसके बाद अपना व्रत खोल लें। व्रत पारण के दिन दान अवश्य करें। कई जगह जितिया व्रत का पारण रागी की रोटी, तोरई सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर किया जाता है।jitiya vrat kholne ka samay: जितिया व्रत खोलने का समय
जितिया व्रत का पारण अगले दिन करने विधान है। ऐसे में 26 सितंबर को व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाएगा।jitiya paran me kya khana chahiye
जितिया व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में तीसरे दिन किया जाता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग ग्रहण करके व्रत पारण की परंपरा है।जितिया आरती: jitiya mai aarti
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
jitwahan katha: जितिया वाहन कथा
जितिया व्रत की कथा गंधर्व के राजकुमार जीमूत वाहन से जुड़ी है। वृद्धावस्था में जीमूत वाहन जी के पिता अपना सारा राजपाठ सौंप कर वानप्रस्थ आश्रम चले जाते हैं। लेकिन जीमूत की राजा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। ऐसे में वह अपने साम्राज्य को अपने भाइयों को देकर अपने पिता की सेवा करने के लिए जंगल चले जाते हैं। जंगल में मलयवती नाम की एक राज कन्या से उनका विवाह हो जाता है। एक दिन जंगल में जीमूतवाहन को एक बूढ़ी महिला रोती नजर आती है। जीमूतवाहन उस महिला से उसके रोने का कारण पूछते थे तब वो बताती है कि मैं नागवंश की स्त्री हूं और मेरा एक ही बेटा है। जिसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकती हूं और नागों ने पक्षियों के राजा गरुण को रोजाना खाने के लिए नाग सौंपने की प्रतिज्ञा दे रखी है। रोजाना दिए जाने वाली बली के क्रम में आज मेरे बेटे शंखचूड़ की बारी है।जितिया मंत्र: jitiya mantra
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते,
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
jitiya vrat kholne ka samay
हिंदू पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आज यानी 25 सितंबर को किया जा रहा है। वहीं, इसका पारण अगले दिन यानी 26 सितंबर को को सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 23 मिनट के बीच किया जा सकता है।jitiya vrat aarti: जितिया व्रत आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
jitiya vrat kholne ka samay
जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 12 मिनट को होगा।जितिया व्रत आरती: jitiya vrat aarti
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
कब है जितिया व्रत का पारण (Jitiya Vrat 2024 Paran date and Time)
जितिया व्रत का पारण अगले दिन करने विधान है। ऐसे में 26 सितंबर को व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाएगा।जितिया व्रत कथा हिंदी में
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय की बात है, गंधर्वों के राजकुमार जीमूतवाहन अपने परोपकार और पराक्रम के लिए जाने जाते थे। एक बार जीमूतवाहन के पिता उन्हें राजसिंहासन पर बिठाकर वन में तपस्या के लिए चले गए। लेकिन उनका मन राज-पाट में नहीं लगा, जिसके चलते वे अपने भाइयों को राज्य की जिम्मेदारी सौंप कर अपने पिता के पास उनकी सेवा के लिए चले जा पहुंचे, जहां उनका विवाह मलयवती नाम की कन्या से हुआ। एक दिन भ्रमण करते हुए उनकी भेंट एक वृद्ध स्त्री से हुई, जो नागवंश से थी। वह बहुत ज्यादा दुखी और डरी हुई थी। उसकी ऐसी हालत देखकर जीमूतवाहन ने उनका हाल पूछा, जिसपर उस वृद्धा ने कहा कि नागों ने पक्षीराज गरुड़ को यह वचन दिया है कि वे प्रत्येक दिन एक नाग को उनके आहार के रूप में उन्हें देंगे। उस स्त्री ने रोते हुए बताया कि उसका एक बेटा है, जिसका नाम शंखचूड़ है। आज उसे पक्षीराज गरुड़ के पास आहार के रूप में जाना है।जैसे जीमूतवाहन ने वृद्धा की हालत देखी उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि वो उसके पुत्र के प्राणों की रक्षा जरूर करेंगे। अपने कहे हुए वचनों के अनुसार, जीमूतवाहन पक्षीराज गरुड़ के समक्ष गए और गरुड़ उन्हें अपने पंजों में दबोच कर साथ ले गए। उस दौरान उन्होंने जीमूतवाहन के कराहने की आवाज सुनी और वे एक पहाड़ पर रुक गए, जहां जीमूतवाहन ने उन्हें पूरी घटना बताई।
तब पक्षीराज उनके साहस और परोपकार को देखकर दंग रह गए और प्रसन्न होकर उन्होंने जीमूतवाहन को प्राणदान दे दिया। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे अब किसी नाग को अपना आहार नहीं बनाएंगे। तभी से संतान की सुरक्षा और उन्नति के लिए जीमूतवाहन की पूजा का विधान है, जिसे लोग आज जितिया व्रत के नाम से भी जानते हैं। कहा जाता है कि इस कथा के बिना जितिया व्रत (Jivitputrika Parv Ke Niyam) अधूरा होता है, इसलिए इसका पाठ जरूर
jitiya puja 2024 Date and time: जितिया पूजा डेट और टाइम 2024
इस साल जीतिया पूजा 25 सितंबर 2024 को व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।jitiya vrat kya hota hai: जितिया व्रत क्या होता है
जितिया व्रत विवाहित महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति के लिए रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रत करने से भगवान श्रीकृष्ण संतान की सदैव रक्षा करते हैं।जितिया व्रत पूजा मुहूर्त 2024 लखनऊ (Jitiya Puja Muhurat 2024 Lucknow)
लखनऊ में जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।जितिया व्रत का मंत्र (Jitiya Vrat Mantra)
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
what is jitiya puja: जितिया पूजा क्या होता है
सनातन धर्म में जितिया व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। साथ ही संतान की लंबी उम्र और उसकी मंगल कामना के लिए भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं। इस पर्व को बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है।Jitiya 2025 Kab Hai : 2025 में जितिया कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया का व्रत हर साल आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। साल 2025 में आश्विन महीने की माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 14 सितंबर 2025 की सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 15 सितंबर 2025 में सुबह 3 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में साल 2025 में जितिया का व्रत 14 सितंबर 2025 को रखा जाएगा।जितिया व्रत की कथा: jitiya vrat ke aarti
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप...
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
जितिया व्रत का महत्व : Jitiya Vrat Ka Mahatva
जितिया व्रत माताएं अपनी सन्तानों की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिये रखती हैं। ये व्रत आश्विन माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी पर किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।जितिया व्रत कथा: jitiya vrat katha in hindi
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय की बात है, गंधर्वों के राजकुमार जीमूतवाहन अपने परोपकार और पराक्रम के लिए जाने जाते थे। एक बार जीमूतवाहन के पिता उन्हें राजसिंहासन पर बिठाकर वन में तपस्या के लिए चले गए। लेकिन उनका मन राज-पाट में नहीं लगा, जिसके चलते वे अपने भाइयों को राज्य की जिम्मेदारी सौंप कर अपने पिता के पास उनकी सेवा के लिए चले जा पहुंचे, जहां उनका विवाह मलयवती नाम की कन्या से हुआ।जितिया व्रत पारण विधि : Jitiya Vrat Paran Vidhi
जितिया व्रत के पारण वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर जीमूतवाहन समेत समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। इसके बाद अपना व्रत खोल लें। व्रत पारण के दिन दान अवश्य करें। कई जगह जितिया व्रत का पारण रागी की रोटी, तोरई सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर किया जाता है।jitiya vrat kiske lie hota hai: जितिया व्रत किसके लिए होता है
जितिया व्रत संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है।गर्भवती महिलाएं कैसे रखें जितिया व्रत
गर्भवती महिलाओं को जितिया का व्रत निर्जला नहीं रखना चाहिए। इस व्रत में फलाहार ग्रहण जरूर करें।Jitiya Parana Time 2024: जितिया पारण समय
26 सितंबर को जितिया व्रत का पारण किया जाएगा। पारण के लिए शुभ समय रहेगा सुबह 4:35 से 5:23 तक।Jitiya Muhurat 2024: जितिया व्रत के दिन बन रहे हैं यह शुभ मुहूर्त
विजय मुहूर्त दोपहर 2:12 से 3:00 तक रहेगा, इसके बाद गोधूलि मुहूर्त शाम 6:13 से 6:37 तक रहेगा, संध्या मुहूर्त 6:13 से 7:25 तक रहेगा, अमृत कल 12:11 से 1:49 तक रहेगी, इसके अलावा निशिथ मुहूर्त की बात करें तो यह 11:48 से 12:36 तक रहेगा।जितिया के भजन
Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत में पानी कब पिएं
वैसे तो जितिया व्रत में पानी अगले दिन पिया जाता है। लेकिन कुछ जगह शाम की पूजा के बाद पानी पी लिया जाता है।जितिया व्रत में कुछ खा सकते हैं
जितिया व्रत में न तो कुछ खाया जाता है और न ही कुछ पिया जाता है। ये व्रत निर्जला रखा जाता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को ये व्रत फलाहार के साथ रखना चाहिए।जितिया व्रत का पारण कब होगा 2024 (Jitiya Vrat Paran Time 2024)
जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 12 मिनट को होगा।जितिया का पारण कब होगा
कुछ लोग जितिया का पारण आज शाम 5 बजे के बाद करेंगे तो कुछ महिलाएं 26 तारीख की सुबह में अपना व्रत खोलेंगी।Jitiya 2025 Kab Hai : 2025 में जितिया कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया का व्रत हर साल आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। साल 2025 में आश्विन महीने की माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 14 सितंबर 2025 की सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 15 सितंबर 2025 में सुबह 3 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में साल 2025 में जितिया का व्रत 14 सितंबर 2025 को रखा जाएगा।जितिया पारण में क्या खाना चाहिए: jitiya paran me kya khana chahiye
जितिया व्रत के पारण में चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग खाने की परम्परा चली आ रही है। इसलिए आप भी इस सभी चीजों के द्वारा अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।जितिया का पारण कितने बजे हैं: Jitiya ka paran kitne bje hai
उसका समापन 25 सितंबर को दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। जो लोग 24 सितंबर 2024 को व्रत रख रहे हैं। वो 25 सितंबर को शाम 5 बजकर5 मिनट पर पारण करेंगी। जितिया का व्रत रखने वाली माताएं 25 सितंबर को पूरे दिन और पूरी रात व्रत रखके अगले दिन यानी कि 26 सितंबर को व्रत का पारण करेंगी। इसका पारण सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक किया जाएगा।jitiya me kya khana chahiye: जितिया में क्या खाना चाहिए
मंडुआ की लिट्टी, गेहूं के आटे की दूध-पिट्ठी, देसी मटर करी, झिंगली-तोरी की सब्ज़ी, अरबी की सब्ज़ी, पोई साग के पकौड़े, काशीफल की सब्ज़ी, खीरे का रायता भी खाए जाते हैंजितिया 2024 पारण कब है: jitiya 2024 paran kab hai
मिथिला पंचांग के अनुसार 25 को शाम 5 बजकर छह मिनट पर होगा जितिया व्रत का पारण। काशी पंचांग के अनुसार आज (24 सितंबर) को अपराह्न चार बजे से व्रती माताओं का निर्जला उपवास शुरू होगा। इस पंचांग के अनुसार, व्रत का पारण 26 सितंबर की सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर हो जाएगा।25 September 2024 Panchang
अभिजीत-नहीं है।2विजय मुहूर्त-02:29pm से 03:23 pm तक
3गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:23 pm तक
4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:04m से 05:05am तक
5अमृत काल-06:08am से 07;48am तक
6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:45 से 12:21तक रात
संध्या पूजन-06:26 pm से 07:04pm तक
जितिया व्रत का मंत्र (Jitiya Vrat Mantra)
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
jitiya ke aarti: जितिया का आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
jitiya vrat ka paran kitne baje hai: जितिया व्रत का पारण कितने बजे है
उसका समापन 25 सितंबर को दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। जो लोग 24 सितंबर 2024 को व्रत रख रहे हैं। वो 25 सितंबर को शाम 5 बजकर5 मिनट पर पारण करेंगी। जितिया का व्रत रखने वाली माताएं 25 सितंबर को पूरे दिन और पूरी रात व्रत रखके अगले दिन यानी कि 26 सितंबर को व्रत का पारण करेंगी। इसका पारण सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक किया जाएगा।Aaj Ka Panchang 25 November 2024: मार्गशीर्ष महीने कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दिन क्या होगा पूजा का मुहूर्त, यहां जानें पूरा पंचांग
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