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जितिया का व्रत खोलने का शुभ समय क्या होगा, यहां जानें कथा, मंत्र, सहित सारी जानकारी

जितिया का व्रत खोलने का शुभ समय क्या होगा, यहां जानें कथा, मंत्र, सहित सारी जानकारी

जितिया का व्रत खोलने का शुभ समय क्या होगा, यहां जानें कथा, मंत्र, सहित सारी जानकारी

जितिया व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। ये व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। विशेष रूप से ये व्रत बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रहती हैं फिर शाम में विधि विधान पूजा करती हैं और जितिया की कथा (Jitiya Ki Katha) सुनती हैं। इसके बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद जितिया व्रत का पारण किया जाता है (Jitiya Ka Paran)।

Jitiya Vrat 2024 Katha, Aarti Lyrics, Puja Vidhi in Hindi

जितिया व्रत पूजा मुहूर्त 2024 (Hindu Panchang Ke Anusar Jitiya Vrat Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 25 सितंबर 2024 की शाम 4 बजे से शुरू होकर 6 बजे तक रहेगा।

Happy Jitiya Vrat 2024 Wishes Images

जितिया व्रत विधि (Jitiya Vrat Vidhi)
जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इस दिन महिलाएं सुबह स्नान कर एक समय भोजन करती हैं। इसके बाद अगले दिन निर्जला व्रत रहती हैं। शाम में जितिया की पूजा करती हैं और कथा सुनी जाती है। इसके बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

Jitiya Vrat 2024 Vrat: Check Full Puja Samagri List Pdf in Hindi

जितिया पूजा विधि (Jitiya Puja Vidhi in Hindi)
जितिया व्रत के दिन प्रदोष काल में महिलाएं पूजन स्‍थल को गोबर से लीपकर साफ करती हैं। वहीं पर एक छोटा-सा तालाब भी बनाती हैं और इस तालाब के पास पाकड़ की डाल खड़ी कर दी जाती है। इसके बाद तालाब के जल में जीमूतवाहन की मूर्ति स्‍थापित की जाती है। ये मूर्ति कुशा से बनी होती है। इसके बाद धूप-दीप, अक्षत, रोली, फल, फूल आदि से विधि विधान पूजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्तियां भी जरूर बनाती हैं। इन मूर्तियों को टीका लगाने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा पढ़ी या सुनी जाती है।

जितिया व्रत का पारण कब और कैसे करें (Jitiya Vrat 2024 Parana Date And Time)
इस साल जितिया व्रत का पारण कुछ महिलाएं 25 सितंबर की शाम को करेंगी तो वहीं कुछ 26 सितंबर की सुबह में करेंगी। जितिया व्रत के पारण से पहले विधि विधान पूजा की जाती है। फिर भात, मरुआ की रोटी और नोनी का साग आदि चीजें खाकर व्रत खोल लिया जाता है।

Sep 25, 2024 | 09:29 PM IST

जितिया मंत्र

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते,

देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
Sep 25, 2024 | 09:02 PM IST

जितिया व्रत पारण विधि (Jitiya Vrat Paran Vidhi)

जितिया व्रत के पारण वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर जीमूतवाहन समेत समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। इसके बाद अपना व्रत खोल लें। व्रत पारण के दिन दान अवश्य करें। कई जगह जितिया व्रत का पारण रागी की रोटी, तोरई सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर किया जाता है।
Sep 25, 2024 | 08:34 PM IST

जितिया व्रत खोलने का समय: jitiya vrat kholne ka samay

जितिया व्रत का पारण अगले दिन करने विधान है। ऐसे में 26 सितंबर को व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाएगा।
Sep 25, 2024 | 08:00 PM IST

jitiya paran me kya khana chahiye: जितिया पारण में क्या खाना चाहिए

जितिया व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में तीसरे दिन किया जाता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग ग्रहण करके व्रत पारण की परंपरा है।
Sep 25, 2024 | 07:40 PM IST

जितिया व्रत कथा: jitiya vrat katha

एक समय की बात है एक चील और एक सियारन नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहा करते थे। दोनों ने वहां कुछ महिलाओं को व्रत पूजन करते देगा और खुद भी ये व्रत रखने का संकल्प लिया। इस उपवास के दौरान, सियारन को भूख बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए उसने चुपके से भोजन कर लिया। दूसरी ओर चील ने विधि विधान इस व्रत को पूरा किया। अगले जन्म में चील और सियारन दोनों राजकुमारी बनकर सगी बहनें हुईं। जिसमें सियारिन बड़ी बहन थी और चिल्हो छोटी बहन थी। दोनों बहनों की शादी हो गई। लेकिन सियारिन रानी के जो भी बच्चे होते वे मर जाते जबकि चिल्हो के बच्चे स्वस्थ रहते। सियारन को इससे जलन होने लगी। जलन के कारण सियारिन रानी अपनी बहन के बच्चों और उसके पति को मारने का प्रयास करने लगी लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। बाद में जब उसे अपनी भूल का अहसास हुआ तो उसने अपनी बहन से क्षमा मांगी। बहन के बताने पर उसने फिर से जितिया का विधि विधान व्रत किया जिससे उसके पुत्रों को लंबी आयु की प्राप्ति हुई।
Sep 25, 2024 | 07:20 PM IST

जितिया व्रत पूजा विधि (Lord Jimutavahana Puja Vidhi)

जितिया व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इसके बाद भगवान जीमूतवाहन की दीपक जलाकर पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
व्रत कथा (Jitiya Vrat Katha) का पाठ करें और मंत्रों का जप करें।
फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
प्रभु से संतान की प्राप्ति और उनकी सुरक्षा के लिए कमाना करें।
इसके अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
अंत में लोगों में श्रद्धा अनुसार दान करें।
Sep 25, 2024 | 07:00 PM IST

jitiya mai ka katha

इनमें से हरेक घर में एक कहानी चंद शब्दों में ही कह ली जाती है. कहानी छोटी, रोचक और गहरा संदेश लिए होती है. 'एक खास पौधे' के अगल बगल बैठ कर भी कुछ महिलाएं कथा कहती हैं.

कहानी अलग-अलग बोली भाषा में अपने अंचल के हिसाब से सुनाई जाती है जो भोजपुरी में कुछ यूं है- ए अरियार त का बरियार, श्री राम चंद्र जी से कहिए नू कि फलां के माई खर जीयूतिया भूखल बड़ी.

सवाल यही है कि आखिर ये बरियार है कौन? तो बरियार एक ऐसा पौधा है जिसे भगवान राम का दूत माना जाता है. कहा जाता है कि यह छोटा सा बरियार (बलवान पेड़) भगवान राम तक हमारी बात दूत बनकर पहुंचाता है. अर्थात मां को अपनी संतान के जीवन के लिए कहे हुए वचनों को भगवान राम से जाकर सुनाता है और इस तरह श्री राम चंद्र तक उसके दिल की इच्छा पहुंच जाती है. संतान और घर परिवार का कल्याण हो जाता है
Sep 25, 2024 | 06:42 PM IST

jitiya vrat kahani in hindi (जितिया व्रत की कहानी)

जितिया व्रत की कथा गंधर्व के राजकुमार जीमूत वाहन से जुड़ी है। वृद्धावस्था में जीमूत वाहन जी के पिता अपना सारा राजपाठ सौंप कर वानप्रस्थ आश्रम चले जाते हैं। लेकिन जीमूत की राजा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। ऐसे में वह अपने साम्राज्य को अपने भाइयों को देकर अपने पिता की सेवा करने के लिए जंगल चले जाते हैं। जंगल में मलयवती नाम की एक राज कन्या से उनका विवाह हो जाता है। एक दिन जंगल में जीमूतवाहन को एक बूढ़ी महिला रोती नजर आती है। जीमूतवाहन उस महिला से उसके रोने का कारण पूछते थे तब वो बताती है कि मैं नागवंश की स्त्री हूं और मेरा एक ही बेटा है। जिसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकती हूं और नागों ने पक्षियों के राजा गरुण को रोजाना खाने के लिए नाग सौंपने की प्रतिज्ञा दे रखी है। रोजाना दिए जाने वाली बली के क्रम में आज मेरे बेटे शंखचूड़ की बारी है। तब जीमूत वाहन ने महिला से कहा कि आप घबराइए मत मैं आपके बेटे की अवश्य रक्षा में करूंगा। आज उसकी जगह पर मैं खुद की बलि देने जाऊंगा। इसके बाद जीमूत वाहन ने शंख चूड़ से लाल कपड़ा लिया और बलि देने के लिए शीला पर लेट गए। इसके बाद जब गरुण आए तो वो लाल ढके कपड़े में जीमूत वाहन को दबाकर पहाड़ की ऊंचाई पर ले गए। अपनी चोंच में दबे जीव को रोता देखकर गरुण हैरान हो गए। तब गरुड़ ने जीमूत वाहन से पूछा कि आप कौन हैं? जीमूतवाहन ने उन्हें सारी बात बता दी। गरुड़ जीमूत वाहन की बहादुरी से बेहद प्रसन्न हुए और तब उन्होंने उन्हें जीवनदान तो दिया ही। साथ ही आगे से नागों की बलि ना लेने की भी प्रतिज्ञा ली। कहते हैं इसी के बाद से बेटे की रक्षा के लिए जीमूत वाहन की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई।
Sep 25, 2024 | 05:59 PM IST

जितिया व्रत पूजा मुहूर्त 2024 दिल्ली (Jitiya Puja Muhurat 2024 Delhi)

दिल्ली में जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
Sep 25, 2024 | 05:30 PM IST

jitiya me kiske puja hoti hai: जितिया में किसकी पूजा होती है

प्रत्येक साल आश्विन माह की अष्टमी तिथि पर जितिया पर्व को अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन देशभर के कई हिस्सों में खास रौनक देखने को मिलती है। इस शुभ तिथि पर महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान जीमूतवाहन की उपासना करती हैं।
Sep 25, 2024 | 05:06 PM IST

जितिया व्रत पूजा विधि (Lord Jimutavahana Puja Vidhi)

जितिया व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इसके बाद भगवान जीमूतवाहन की दीपक जलाकर पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
व्रत कथा (Jitiya Vrat Katha) का पाठ करें और मंत्रों का जप करें।
फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
प्रभु से संतान की प्राप्ति और उनकी सुरक्षा के लिए कमाना करें।
इसके अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
अंत में लोगों में श्रद्धा अनुसार दान करें।
Sep 25, 2024 | 04:45 PM IST

Jitiya Vrat ke niyam: जितिया व्रत नियम

जितिया का व्रत निर्जला रखा जाता है. इसमें खाने-पीने की मनाही होती है. इसलिए माताएं व्रत के नियमों का पालन करें और नवमी तिथि के बाद ही व्रत खोले. व्रत के दौरान जो माताएं गलती से भी अन्न-जल ग्रहण करती हैं, उसका नकारात्मक प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य और करियर पर पड़ता है.
व्रत के दिन किसी को भी अपशब्द न कहें और ना ही मन में दूसरों के लिए बुरे विचार लाएं.
व्रत वाले दिन व्रती को पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चहिए. मन,वचन और कर्म से शुद्ध रहकर व्रत रखने से यह व्रत सफल माना जाता है
Sep 25, 2024 | 04:23 PM IST

जितिया व्रत कथा pdf : Jitiya Vrat Katha In Hindi

महाभारत युद्ध के समय अपने पिता की हत्या से नाराज हुए अश्वत्थामा ने पांडवों से बदला लेने की सोची। गुस्से में वह पांडवों के शिविर में घुस गए। जहां उस वक्त 5 लोग सो रहे थे। अश्वत्थामा को लगा कि यही 5 पांडव हैं और उन्होंने सोते हुए ही उन्हें मार डाला। लेकिन असल में वह 5 पांडव नहीं बल्कि द्रौपदी की पांच संताने थी। जब अर्जुन को ये बात पता चली तो उन्होंने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्यमणि छीन ली। इसके बाद अश्वत्थामा का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया तब उन्होंने बदला लेते हुए अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे को उनकी गर्भ में ही नष्ट कर दिया।
लेकिन भगवान कृष्ण ने अपने पुण्य का फल उत्तरा की मृत संतान को देकर उसे फिर से जीवित कर दिया। इस तरह मर कर पुनः जीवित होने की वजह से ही इस बच्चे का जीवित्पुत्रिका रखा गया। कहते हैं उसी समय से बच्चों की लंबी उम्र की कामना करते हुए जितिया का व्रत रखे जाने की परंपरा शुरू हो गई।
Sep 25, 2024 | 04:01 PM IST

चिल्हो सियारो की कथा (Jitiya Vrat Katha Chilo Siyaro)

एक समय की बात है एक चील और एक सियारन नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहा करते थे। दोनों ने वहां कुछ महिलाओं को व्रत पूजन करते देगा और खुद भी ये व्रत रखने का संकल्प लिया। इस उपवास के दौरान, सियारन को भूख बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए उसने चुपके से भोजन कर लिया।
Sep 25, 2024 | 03:40 PM IST

Jitiya Puja Muhurat 2024: जितिया व्रत पूजा मुहूर्त 2024

उत्तर प्रदेश में जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
Sep 25, 2024 | 03:21 PM IST

जितिया व्रत की आरती- jitiya vrat ke aarti

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
Sep 25, 2024 | 02:55 PM IST

जितिया का पारण कितने बजे है

जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 12 मिनट को होगा।
Sep 25, 2024 | 02:26 PM IST

Jitiya Vrat Kyun Manaya Jata Hai : जितिया व्रत क्यों मनाया जाता है

जितिया व्रत के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है। भविष्य पुराण के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को जितिया व्रत के बारे में बताया था। शिव जी ने माता पार्वती से कहा कि जो भी माताएं जितिया का व्रत रखती हैं। उनकी संतान की हमेशा रक्षा होती और उनके संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। इस व्रत को रखने संतान हमेशा सलामत रहती है और बच्चे की जिदंगी के सारे संकट दूर हो जाते हैं। जितिया व्रत की शुरुआत द्वापर युग से भी मानी जाती है। भगवान कृष्ण ने उत्तरा की संतान को जीवित्पुत्रिका नाम दिया। तब से ही इस व्रत को करने की परंपरा शुरू हो गई।
Sep 25, 2024 | 02:00 PM IST

jimutvahan vrat katha: जीमूतवाहन व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय की बात है, गंधर्वों के राजकुमार जीमूतवाहन अपने परोपकार और पराक्रम के लिए जाने जाते थे। एक बार जीमूतवाहन के पिता उन्हें राजसिंहासन पर बिठाकर वन में तपस्या के लिए चले गए। लेकिन उनका मन राज-पाट में नहीं लगा, जिसके चलते वे अपने भाइयों को राज्य की जिम्मेदारी सौंप कर अपने पिता के पास उनकी सेवा के लिए चले जा पहुंचे, जहां उनका विवाह मलयवती नाम की कन्या से हुआ। एक दिन भ्रमण करते हुए उनकी भेंट एक वृद्ध स्त्री से हुई, जो नागवंश से थी। वह बहुत ज्यादा दुखी और डरी हुई थी। उसकी ऐसी हालत देखकर जीमूतवाहन ने उनका हाल पूछा, जिसपर उस वृद्धा ने कहा कि नागों ने पक्षीराज गरुड़ को यह वचन दिया है कि वे प्रत्येक दिन एक नाग को उनके आहार के रूप में उन्हें देंगे। उस स्त्री ने रोते हुए बताया कि उसका एक बेटा है, जिसका नाम शंखचूड़ है। आज उसे पक्षीराज गरुड़ के पास आहार के रूप में जाना है।

जैसे जीमूतवाहन ने वृद्धा की हालत देखी उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि वो उसके पुत्र के प्राणों की रक्षा जरूर करेंगे। अपने कहे हुए वचनों के अनुसार, जीमूतवाहन पक्षीराज गरुड़ के समक्ष गए और गरुड़ उन्हें अपने पंजों में दबोच कर साथ ले गए। उस दौरान उन्होंने जीमूतवाहन के कराहने की आवाज सुनी और वे एक पहाड़ पर रुक गए, जहां जीमूतवाहन ने उन्हें पूरी घटना बताई।

तब पक्षीराज उनके साहस और परोपकार को देखकर दंग रह गए और प्रसन्न होकर उन्होंने जीमूतवाहन को प्राणदान दे दिया। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे अब किसी नाग को अपना आहार नहीं बनाएंगे। तभी से संतान की सुरक्षा और उन्नति के लिए जीमूतवाहन की पूजा का विधान है, जिसे लोग आज जितिया व्रत के नाम से भी जानते हैं। कहा जाता है कि इस कथा के बिना जितिया व्रत (Jivitputrika Parv Ke Niyam) अधूरा होता है, इसलिए इसका पाठ जरूर करना चाहिए।
Sep 25, 2024 | 01:41 PM IST

jitiya vrat geet: जितिया व्रत गीत

तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरो जीनगीया के दिही सवार हो
जिऊत वाहन देव अर्जी करीह स्वीकार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
हमरो दुलरवा के नजरों ने लागे
रहीह तू हरदम सबका से आगे
पढ़ लिख के बबुआ खूब नाम कमईह
कौनो परेशानी से तू कबहू ना डेरईह
जीऊत वाहन देव के बा महिमा अपार हो
एही से त निर्जल भूकल बानी त्यौहार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
हमरो उमर तोहरा के लग जाए
रोग बल्ला कोई छू नहीं पाई
पावन परब हम तोहरे ला करिले
कवनो ना गलती होखे ध्यान हम धरीले
तोहरे से रोशन बा अंगना हमार हो
कबहु भुलइह ना माई के दुलार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
Sep 25, 2024 | 01:18 PM IST

Jitiya Puja Muhurat: जितिया पूजा मुहूर्त

उत्तर प्रदेश में जितिया व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
Sep 25, 2024 | 12:35 PM IST

जितिया व्रत का पारण कब होगा 2024 : Jitiya Vrat Paran Time 2024)

जितिया व्रत का पारण 26 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 12 मिनट को होगा।
Sep 25, 2024 | 11:50 AM IST

जितिया पूजा विधि (Jitiya Puja Vidhi)

  • इस दिन मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाएं।
  • कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप, दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें।
  • विधि विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें।
  • व्रत का पारण करने के बाद दान अवश्य दें।
Sep 25, 2024 | 11:12 AM IST

Jitiya Mantra: जीवित्पुत्रिका व्रत में इस मंत्र का जरूर करें जाप

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
Sep 25, 2024 | 10:14 AM IST

जितिया व्रत का महत्व

ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी माँ जितिया का व्रत करती है उनकी संतान की उम्र लंबी होती है, उन्हें जीवन भर किसी दुख और तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता और ऐसी माता को अपने संतान के वियोग का सामना भी नहीं करना पड़ता है।
Sep 25, 2024 | 09:59 AM IST

Jitiya Vrat Katha Chilo Siyaro: चिल्हो सियारो की कथा

एक समय की बात है एक चील और एक सियारन नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहा करते थे। दोनों ने वहां कुछ महिलाओं को व्रत पूजन करते देगा और खुद भी ये व्रत रखने का संकल्प लिया। इस उपवास के दौरान, सियारन को भूख बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए उसने चुपके से भोजन कर लिया। दूसरी ओर चील ने विधि विधान इस व्रत को पूरा किया। अगले जन्म में चील और सियारन दोनों राजकुमारी बनकर सगी बहनें हुईं। जिसमें सियारिन बड़ी बहन थी और चिल्हो छोटी बहन थी। दोनों बहनों की शादी हो गई। लेकिन सियारिन रानी के जो भी बच्चे होते वे मर जाते जबकि चिल्हो के बच्चे स्वस्थ रहते। सियारन को इससे जलन होने लगी। जलन के कारण सियारिन रानी अपनी बहन के बच्चों और उसके पति को मारने का प्रयास करने लगी लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। बाद में जब उसे अपनी भूल का अहसास हुआ तो उसने अपनी बहन से क्षमा मांगी। बहन के बताने पर उसने फिर से जितिया का विधि विधान व्रत किया जिससे उसके पुत्रों को लंबी आयु की प्राप्ति हुई।
Sep 25, 2024 | 09:27 AM IST

Jitiya Vrat Samagri: जितिया पूजा सामग्री

चावल, पेड़ा, दूर्वा की माला, सुपारी, श्रृंगार का सामान, सिंदूर पुष्प, पान, लौंग, इलायची,गांठ का धागा, कुशा से बनी जीमूत वाहन की मूर्ति, धूप, दीप, मिठाई, फल, फूल, बांस के पत्ते, सरसों का तेल होना आवश्यक है।
Sep 25, 2024 | 08:40 AM IST

Happy Jitiya: जितिया की फोटो

Happy Jitiya जितिया की फोटो
Sep 25, 2024 | 08:06 AM IST

Jitiya Vrat Puja Time: जितिया व्रत की पूजा का समय

जितिया व्रत की पूजा शाम 4 से 6 बजे के बीच में की जाएगी।
Sep 25, 2024 | 07:20 AM IST

जितिया व्रत पारण विधि (Jitiya Vrat Paran Vidhi)

जितिया व्रत के पारण वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें। फिर जीमूतवाहन समेत समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। इसके बाद अपना व्रत खोल लें। व्रत पारण के दिन दान अवश्य करें। कई जगह जितिया व्रत का पारण रागी की रोटी, तोरई सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर किया जाता है।
Sep 25, 2024 | 06:49 AM IST

Happy Jitiya Wishes In Hindi: जितिया की शुभकामनाएं

चिराग हो तुम घर का
राग हो तुम मन का
रहो सलामत युगों युगों तक
फैलाओ यश कीर्ति
जितिया व्रत पर आप सबको बधाई
Sep 25, 2024 | 06:45 AM IST

जितिया व्रत कथा pdf

महाभारत युद्ध के समय अपने पिता की हत्या से नाराज हुए अश्वत्थामा ने पांडवों से बदला लेने की सोची। गुस्से में वह पांडवों के शिविर में घुस गए। जहां उस वक्त 5 लोग सो रहे थे। अश्वत्थामा को लगा कि यही 5 पांडव हैं और उन्होंने सोते हुए ही उन्हें मार डाला। लेकिन असल में वह 5 पांडव नहीं बल्कि द्रौपदी की पांच संताने थी। जब अर्जुन को ये बात पता चली तो उन्होंने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्यमणि छीन ली। इसके बाद अश्वत्थामा का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया तब उन्होंने बदला लेते हुए अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे को उनकी गर्भ में ही नष्ट कर दिया। लेकिन भगवान कृष्ण ने अपने पुण्य का फल उत्तरा की मृत संतान को देकर उसे फिर से जीवित कर दिया। इस तरह मर कर पुनः जीवित होने की वजह से ही इस बच्चे का जीवित्पुत्रिका रखा गया। कहते हैं उसी समय से बच्चों की लंबी उम्र की कामना करते हुए जितिया का व्रत रखे जाने की परंपरा शुरू हो गई।
Sep 24, 2024 | 10:00 PM IST

jitiya vrat katha hindi mein: जितिया व्रत कथा

जितिया व्रत की कथा गंधर्व के राजकुमार जीमूत वाहन से जुड़ी है। वृद्धावस्था में जीमूत वाहन जी के पिता अपना सारा राजपाठ सौंप कर वानप्रस्थ आश्रम चले जाते हैं। लेकिन जीमूत की राजा बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। ऐसे में वह अपने साम्राज्य को अपने भाइयों को देकर अपने पिता की सेवा करने के लिए जंगल चले जाते हैं। जंगल में मलयवती नाम की एक राज कन्या से उनका विवाह हो जाता है। एक दिन जंगल में जीमूतवाहन को एक बूढ़ी महिला रोती नजर आती है। जीमूतवाहन उस महिला से उसके रोने का कारण पूछते थे तब वो बताती है कि मैं नागवंश की स्त्री हूं और मेरा एक ही बेटा है। जिसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकती हूं और नागों ने पक्षियों के राजा गरुण को रोजाना खाने के लिए नाग सौंपने की प्रतिज्ञा दे रखी है। रोजाना दिए जाने वाली बली के क्रम में आज मेरे बेटे शंखचूड़ की बारी है।
तब जीमूत वाहन ने महिला से कहा कि आप घबराइए मत मैं आपके बेटे की अवश्य रक्षा में करूंगा। आज उसकी जगह पर मैं खुद की बलि देने जाऊंगा। इसके बाद जीमूत वाहन ने शंख चूड़ से लाल कपड़ा लिया और बलि देने के लिए शीला पर लेट गए। इसके बाद जब गरुण आए तो वो लाल ढके कपड़े में जीमूत वाहन को दबाकर पहाड़ की ऊंचाई पर ले गए। अपनी चोंच में दबे जीव को रोता देखकर गरुण हैरान हो गए। तब गरुड़ ने जीमूत वाहन से पूछा कि आप कौन हैं? जीमूतवाहन ने उन्हें सारी बात बता दी। गरुड़ जीमूत वाहन की बहादुरी से बेहद प्रसन्न हुए और तब उन्होंने उन्हें जीवनदान तो दिया ही। साथ ही आगे से नागों की बलि ना लेने की भी प्रतिज्ञा ली। कहते हैं इसी के बाद से बेटे की रक्षा के लिए जीमूत वाहन की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई।
Sep 24, 2024 | 09:40 PM IST

jitiya aarti: जितिया आरती

ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
Sep 24, 2024 | 09:21 PM IST

jitiya vrat kiske liye hota hai: जितिया व्रत किस के लिए होता है

इस व्रत के दिन माताएं अपने संतान के सुखी और सुरक्षित जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. मान्यता है कि, जीवित्पुत्रिका व्रत रखने से संतान के जीवन में कभी संकट नहीं आते हैं. साथ ही संतान का वियोग का कष्ट भी नहीं मिलता
Sep 24, 2024 | 09:03 PM IST

jitiya puja kaise kia jata hai: जितिया पूजा कैसे किया जाता है

जितिया व्रत के दिन प्रदोष काल में महिलाएं पूजन स्‍थल को गोबर से लीपकर साफ करती हैं। वहीं पर एक छोटा-सा तालाब भी बनाती हैं और इस तालाब के पास पाकड़ की डाल खड़ी कर दी जाती है। इसके बाद तालाब के जल में जीमूतवाहन की मूर्ति स्‍थापित की जाती है। ये मूर्ति कुशा से बनी होती है।
Sep 24, 2024 | 08:41 PM IST

jitiya vrat kiske liye hota hai

जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं, संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि, और सुरक्षा के लिए रखा जाता है. इस व्रत को हर साल अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. यह व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में रखा जाता है
Sep 24, 2024 | 08:22 PM IST

jitiya puja time: जितिया पूजा टाइम

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल जितिया का व्रत 25 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
Sep 24, 2024 | 08:01 PM IST

चिलो सियरो के कथा: chilo siyaro ke katha jitiya ke

एक समय की बात है एक चील और एक सियारन नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहा करते थे। दोनों ने वहां कुछ महिलाओं को व्रत पूजन करते देगा और खुद भी ये व्रत रखने का संकल्प लिया। इस उपवास के दौरान, सियारन को भूख बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए उसने चुपके से भोजन कर लिया। दूसरी ओर चील ने विधि विधान इस व्रत को पूरा किया। अगले जन्म में चील और सियारन दोनों राजकुमारी बनकर सगी बहनें हुईं। जिसमें सियारिन बड़ी बहन थी और चिल्हो छोटी बहन थी। दोनों बहनों की शादी हो गई। लेकिन सियारिन रानी के जो भी बच्चे होते वे मर जाते जबकि चिल्हो के बच्चे स्वस्थ रहते। सियारन को इससे जलन होने लगी। जलन के कारण सियारिन रानी अपनी बहन के बच्चों और उसके पति को मारने का प्रयास करने लगी लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। बाद में जब उसे अपनी भूल का अहसास हुआ तो उसने अपनी बहन से क्षमा मांगी। बहन के बताने पर उसने फिर से जितिया का विधि विधान व्रत किया जिससे उसके पुत्रों को लंबी आयु की प्राप्ति हुई।
Sep 24, 2024 | 07:42 PM IST

जीवित्पुत्रिका व्रत 2024: jivitputrika vrat 2024

इस साल जितिया व्रत 24 और 25 सितंबर दोनों दिन मनाया जाएगा। ये व्रत संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। इसे जिउतिया व्रत और जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे जितिया पूजा में क्या-क्या सामग्री लगेगी।

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