Jitiya Vrat Kab Hai 2024: मिथिला पंचांग के अनुसार जितिया व्रत 2024 का तारीख और समय क्या है, 24 या 25 की दुविधा यहां दूर करें
Jitiya 2024 Date and Time (जितिया व्रत 2024 कब है बिहार): जितिया व्रत का महत्व संतान की सुरक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की से जुड़ा है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत या जिउतिया व्रत भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यहां जानें मिथिला पंचांग के अनुसार जितिया व्रत 2024 का डेट और टाइम।
Jitiya 2024 Date and Time
Jitiya 2024 Date and Time (जितिया व्रत 2024 कब है बिहार): बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में जितिया व्रत बहुत श्रद्धा के साथ रख जाता है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) या जिउतिया व्रत भी कहते हैं। आम जन जीवन में इस व्रत की बहुत मान्यता है। महिलाएं इस व्र को अपनी संतान की सलामती और दीर्घायु के लिए करती हैं। जितिया व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। जिउतिया व्रत में 24 घंटे का निर्जला उपवास रहता है। उसके पश्चात विधिवत व्रत का पारण करने के बाद महिलाएं अन्न जल ग्रहण करती हैं।
जितिया व्रत 2024 कब है (Jitiya 2024 Date)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार , आश्विन माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी पर जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 24 सितम्बर को सुबह 09:08 बजे से होगा। इस तिथि का समापन 25 सितम्बर को सुबह 08:40 पर होगा। मिथिला पंचांग के अनुसार इस साल जितिया व्रत 24 सितंबर को रखा जाएगा।
Jitiya Vrat 2024 Shubh Muhurat (जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2024)
मिथिला पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार 24 सितम्बर 2024 को 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो जाएगी। इस दिन से ही बिहार में जितिया व्रत की शुरुआत हो जाएगी। मंगलवार की सुबह महिलाएं सरगही ओठंगन करेंगी। उसके बाद सूर्योदय के बाद से इस व्रत की शुरुआत हो जाएगी।
Jitiya Vrat 2024 Parana Time (जितिया व्रत पारण टाइम 2024)
बिहार में इस साल जितिया का व्रत 24 सितंबर 2024 से शुरू हो जाएगा ये व्रत 24 घंटे तक निर्जला रहकर किया जाता है। इस साल जितिया व्रत का पारण 25 सितंबर 2024 को शाम 5 बजकर 15 मिनट के बाद किया जाएगा।
Jitiya Vrat Puja Vidhi (जितिया व्रत पूजा विधि)
- जितिया व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।
- उसके बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
- फिर मिट्टी से चील और सियारिन की मूर्ति बनाएं और उनको भोग लगाएं।
- इसके साथ ही जीमूतवाहन की मूर्ति को धूप, दीप दिखाएं।
- फिर जितिया व्रत की कथा का पाठ करें और आरती करें।
- व्रत के बाद पारण करें। इस दिन पारण में मरुआ की रोटी, और नोनी का साग बनाकर खाएं।
- पारण के बाद पूजा में प्रयोग किया हुआ तेल अपने बच्चों के सर पर लगाएं।
Jitiya Vrat Importance (जितिया व्रत महत्व)
सनातन धर्म में जितिया के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ये व्रत संतान की लंबी आयु और उनकी सुख, समृद्धि के लिए किया जाता है। जितिया का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। इस दिन महिलाएं संतान के सुख के लिए पूरे 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं और विधि- विधान के साथ जितिवाहन की पूजा करती हैं। इस व्रत के तप से माता अपने संतान की हर मुश्किल से रक्षा करती हैं। इस दिन जीवित्पुत्रिका की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान को भी लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।
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