Jitiya Vrat Katha Chilo Siyaro: जितिया व्रत में जरूर सुनें चील-सियार की कहानी, संतान के जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

Jitiya Vrat Katha In Hindi (Chil-Siyar Ki Katha): जितिया व्रत में जीमूतवाहन की कथा के साथ चील-सियार की कहानी भी जरूर सुननी चाहिए। क्योंकि चील-सियार की व्रत कथा को सुनें बिना जितिया व्रत पूजा अधूरी मानी जाती है।

Jitiya Vrat Katha, Chil Aur Siyar Ki Kahani In Hindi

Jitiya Vrat Katha In Hindi (चील-सियार की कथा): जीवित्पुत्रिका व्रत अष्‍टमी तिथि को रखा जाता है और ये तिथि इस बार 6 अक्टूबर को पड़ी है। जितिया व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है (Chil aur siyarin ki kahani)। मान्यता है इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत में 24 घंटे तक महिलाएं अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं। इस दिन जीमूतवाहन की कुशा से बनी प्रतिमा की पूजा होती है। जितिया व्रत पूजा के समय में चील और सियारिन की व्रत कथा पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें (Chil-siya Vrat Katha)। यहां देखें क्या है चीज और सियार की कहानी।

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जितिया व्रत कथा, चील-सिरार की कहानी (Jitiya Vrat Katha, Chil Siyar Ki Kahani)

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