Jitiya Vrat Kyun Manaya Jata Hai 2024: जितिया व्रत क्यों मनाया जाता है, जानिए इसका खास महत्व
Jitiya Vrat Kyun Manaya Jata Hai 2024: सनातन धर्म में जितिया के व्रत का बहुत ही विशेष महत्व है। जितिया व्रत के दिन जीमूतवाहन भगवान की पूजा- अर्चना की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं जितिया व्रत क्यों मनाया जाता है और इसके महत्व के बारे में।
Jitiya Vrat Kyun Manaya Jata Hai 2024: जीवित्पुत्रिका का व्रत हर वर्ष आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। जितिया व्रत को जिउतिया के नाम से भी जाना जाता है। जितिया का व्रत माताएं अपने बच्चे की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस व्रत को रखने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य और तरक्की मिलती है। ये व्रत पूरे दिन निर्जला रहकर किया जाता है। जिउतिया व्रत के दिन जीमूतवाहन की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। आइए जानें जितिया व्रत क्यों मनाया जाता है और इसके महत्व के बारे में।
Jitiya Vrat Kyun Manaya Jata Hai (जितिया व्रत क्यों मनाया जाता है)
जितिया व्रत के बारे में भविष्य पुराण में बताया गया है। भविष्य पुराण के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को जितिया व्रत के बारे में बताया था। शिव जी ने माता पार्वती से कहा कि जो भी माताएं जितिया का व्रत रखती हैं। उनकी संतान की हमेशा रक्षा होती और उनके संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। इस व्रत को रखने संतान हमेशा सलामत रहती है और बच्चे की जिदंगी के सारे संकट दूर हो जाते हैं। जितिया व्रत की शुरुआत द्वापर युग से भी मानी जाती है। भगवान कृष्ण ने उत्तरा की संतान को जीवित्पुत्रिका नाम दिया। तब से ही इस व्रत को करने की परंपरा शुरू हो गई।
Jitiya Vrat Significance (जितिया व्रत महत्व)
जितिया के व्रत का बहुत ही खास महत्व है। इस व्रत का पौराणिक महत्व भी बहुत है। इस व्रत को संतान की दीर्घ आयु के लिए किया जाता है। जितिया का व्रत रखने से आपके संतान के ऊपर भगवान कृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहती है। विवाहित महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति के लिए जिउतिया का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है।
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