Jitiya Vrat Ongthan Niyam 2024: जितिया व्रत में कैसे किया जाता है ओंगठन, जानिए क्या है ये रस्म

Jitiya Vrat Ongthan Niyam 2024: जितिया व्रत का हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व है। इस व्रत को लेकर शास्त्रों में बहुत सारे नियम बताए गए हैं। इस दिन ओंगठन करने का भी नियम है। आइए जानते हैं इस रस्म के बारे में।

Jitiya Vrat Ongthan

Jitiya Vrat Ongthan

Jitiya Vrat Ongthan Niyam 2024: जितिया का व्रत खासतौर पर बिहार और यूपी में किया जाता है। इस साल जितिया का व्रत 24 और 25 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन का व्रत माताएं अपने संतान के लिए रखती हैं। जितिया व्रत को लेकर हर जगह के अपने- अपने खास नियम हैं। इन्हीं में से एक नियम ओंगठन करने का है। ओंगठन की रस्म खासतौर पर मिथिला के लोगों के द्वारा किया है। मिथिला के लोगों के लिए ये रस्म बहुत विशेष मानी जाती है। जितिया का व्रत बिना ओंगठन के शुरू नहीं होता है। उठगन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है। आइए जानते हैं ओंगठन के नियम के बारे में।

Jitiya Vrat 2024 Vidhi In Hindi

Jitiya Vrat Ongthan Niyam (ओंगठन कैसे किया जाता है)

जितिया व्रत में ओंगठन की रस्म विशेषतौर पर मिथिलांचल में निभाई जाती हैं। जितिया व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले ही ओंगठन किया जाता है। ओंगठन के समय में लोग चूड़ा-दही खाते हैं। इसके साथ ही कुछ लोग बहुत सारे लोग अलग- अलग तरह के व्यंजन बनाकर खाये जाते हैं। इस दिन पितरों को भी केले के पत्ते पर दही, चूड़ा अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही झीगुनी के पत्ते पर तेल और खल्ली चढ़ाई जाती है।

Jitiya Vrat Ongthan Importance (जितिया व्रत महत्व)

जितिया व्रत में ओंगठन का बहुत ही खास महत्व है। इसके बिना जितिया व्रत अधूरा माना जाता है। ओंगठन के लिए लोग हर तरह के व्यंजन बनाकर खाये जाते हैं। इस दिन पूर्वजों को चूड़ा, दही, चीनी और फल चढ़ाए जाते हैं। इस दिन पितरों को ये चीजें अर्पित करने से पितर प्रसन्न होते हैं।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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