Jyeshtha Amavasya 2023: ज्येष्ठ अमावस्या पर नाराज़ पितरों की शांति के लिए करें ये उपाय, जीवन में लौट आएंगी धन-दौलत, खुशियां

Pitro ki shanti ke upay (ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को खुश कैसे करें): सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत गहरा महत्व होता है, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती का योग एक दिन बन रहा है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति और पितरों की शांति के लिए विधिपूर्वक पूजन करना बहुत लाभदायक हो सकता है। देखें ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को खुश करने के सिद्ध उपाय।

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Jyeshtha Amavasya 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में आने वाली अमावस्या तिथि बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहती है। इस साल ज्येष्ठ यानी की मई माह की अमावस्या तिथि 19 मई को पड़ रही है। अमावस्या ही नहीं, इस तिथि पर शनि जंयती के भी योग बन रहे हैं, जिस वजह से कृष्ण पक्ष की अमवस्या का महत्व और अधिक है। अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य कर पितरों की शांति के लिए भी पूजन किया जाता है। जिसके आपके पूर्वजों को खुशी होगी अथवा उनका आशीर्वाद सदा आपके और आपके परिवार के ऊपर बना रहेगा। यहां देखें नाराज़ पितरों को शांत और खुश करने के लिए रामबाण उपाय -

पितृ शांति के उपाय

अमावस्या तिथि पर नदी स्नान, दान, काम और पूजन करना बहुत फलदायक माना जाता है। हिंदू धर्म के मुताबिक इस तिथि पर जो भी काम किया जाए, उसमें अवश्य ही सफलता हासिल होती है। अगर आपके जीवन में भी किसी प्रकार दुख, दर्द, कष्ट या पीड़ा है तो अमावस्या तिथि पर पूजन करने से लाभ हो सकता है। वहीं अमावस्या पर पितरों की नाराजगी का भी उपाय किया जा सकता है, ताकि उनका आशीर्वाद और खुशियां सदेव आपके जीवन में बनी रहे -

पितरों को तर्पण दें

नाराज़ पितरों को शांत करने हेतु आप अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान कर, घर में गंगाजल का छिड़काव करें। फिर मुट्ठी में कुश और काले तिल लेकर उन्हें जल से पितरों के चरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं।

पेड़ लगाएं

पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करनी है, तो अमावस्या के दिन घर के आंगन में या किसी गार्डन में पीपल, बड़, आंवले या नीम का पौधा लगाना लाभदायक हो सकता है। मान्यता है कि, पौधा लगाने से भी पितर खुश और संतुष्ट होते हैं।

ब्राह्मण भोज

अमावस्या के दिन आपके पूर्वज किसी भी रूप में आपसे मिलने आ सकते हैं। इसलिए अमावस्या पर किसी गरीब को या ब्राह्मण को भोजन कराने से आपके पितरों की भूख मिट सकती है।

पशु-पक्षियों का रखें ध्यान

ज्येष्ठ अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति चाहते हैं, तो ब्राह्मण के साथ साथ कौए, गाय, कुत्ते और चीटियों को भी नियमित रूप से भोजन करवाएं। पशु और पक्षियों को खाना प्रदान करने से भी पितरों को भोजन प्राप्त हो जाता है।

पीपल की पूजा

पीपल का पेड़ लगाने के साथ साथ पेड़ की पूजा करने से भी पितर खुश रहते हैं। मान्यता है कि, न केवल अमावस्या के दिन बल्कि हर रोज़ दोपहर में पीपल के पेड़ को जल, फूल, अक्षत, दूध, काले तिल अर्पित करना चाहिए।

पितरों की तस्वीर

अगर आपके घर में भी आपके पितरों की तस्वीर है, तो ध्यान रखें कि तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगी हुई हो।

माफी का विधान

रोज़ अपने पितरों की पूजा और उनकी आत्मा की शांति के लिए आशीर्वाद मांगे। साथ ही आप रोज़ अपने पितरों से माफी भी मांगे, ऐसा करने से पितरों की नाराजगी दूर हो जाएगी।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन विधिपूर्वक अपने पितरों को ध्यान-धूप और दान-दक्षिणा देना आवश्यक है। नहीं तो पितरों की नाराजगी के साथ आप जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे, नियमित रूप से पितरों की आत्मा की शांति के उपाय कर उनके आशीर्वाद से आपका कष्टो से भरा जीवन दोबारा पटरी पर आ जाएगा। पितरों को खुश कर आपकी जिंदगी धन, दौलत, सुख, शांति, समृद्धि से भर जाएगी।

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अवनि बागरोला author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें

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