Jyeshtha Purnima 2024: कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, जानिए सही तिथि , शुभ मुहूर्त और महत्व
Jyeshtha Purnima 2024: सनातन परंपरा में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार पूरे साल में पूरी 12 पूर्णिमा तिथियां आती है और हर पूर्णिमा तिथि खास होती है। आइए जानें इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है। यहां नोट करें तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व।

Jyeshtha Purnima 2024
Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही उत्तम माना गया है। ये तिथि गंगा स्नान, दान और लक्ष्मी विष्णु के पूजा के लिए बहुत ही शुभ होती है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि चंद्रदेव की पूजा के लिए भी बहुत खास मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं, इसलिए पूर्णिमा पर चांद की पूजा करने से साधक को चंद्र दोष से भी छुटकारा प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानें कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा। जानिए सही तिथि और महत्व।
Jyeshtha Purnima 2024 (ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 डेट)ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत इस बार 21 जून को शुक्रवार की सुबह 6 बजे होगी। वहीं इस तिथि का समापन 22 जून को सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर होगी। ऐसे में इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा।
Jyeshtha Purnima 2024 Shubh Muhurat (ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त)इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त की पूजा करने सबसे शुभफलदायी होगा। ऐसे में शाम की पूजा के लिए शाम 7 बजकर 21 मिनट से 7 बजकर 41 मिनट तक का मुहूर्त शुभ रहने वाला है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि (Jyeshtha Purnima Puja Vidhi)- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- उसके बाद एक साफ चौकी पर कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी और विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें।
- फिर पंचामृत के साथ भगवान का अभिषेक करें।
- इसके साथ घी का दीपक जलाएं और पीले फूल, चंदन और तुलसी दल अर्पित करें।
- उसके बाद सच्चे मन से सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करें।
- अंत मंत्र जाप करें और आरती करके भोग लगाएं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा महत्व (Jyeshtha Purnima Importance)हिंदू धर्म शास्त्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। इसके साथ ही पूर्णिमा पर चंद्र देव को अर्घ्य देने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। पूर्णीमा के दिन चावल, शहद और चीनी का दान करना सबसे उत्तम माना गया है।
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बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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