Jyeshtha Purnima 2023 Date: ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है? पूजा विधि-मुहूर्त से लेकर जानिए पूजन की सामग्री लिस्ट
Jyeshtha Purnima 2023 vrat, puja vidhi (ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि, सामग्री लिस्ट): हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस इस व्रत, कथा और पूजन करने से जातकों के जीवन में धन, सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यहां देखें ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि, सामग्री और मुहूर्त।
Jyeshtha Purnima june vrat kab hai puja vidhi muhurat puja timing samagri list
Jyeshtha Purnima 2023 Puja Vidhi And Muhurat: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद पवित्र और मंगलकारी माना जाता है। यह हर महीने के अंत में आती है। पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का अलग ही महत्व है। इसे ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का व्रत धन, समृद्धि सफलता और संतान प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। साथ ही आज के दिन सत्यनारायण भगवान की भी पूजा का विधान है। इस खास दिन पर चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होता है, इसलिए पूर्णिमा व्रत में चंद्रदेव की पूजा भी होती है। कहते हैं इस दिन सच्चे मन से पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से मानसिक तनाव दूर होता है। साथ ही व्रत के पुण्य प्रभाव से जातकों के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहती। जीवन में अनुकूलता बनी रहती है। यहां जानिए ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा विधि, तिथि और मुहूर्त इन हिंदी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 कब है, Jyeshtha Purnima Vrat 2023 Date
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की आखिरी तिथि यानी शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर रखी जाती है। इस साल यह खास व्रत 4 जून, रविवार को पड़ी है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और रात्रि में चंद्र देव की पूजा का विधान है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त, Jyeshtha Purnima 2023 Muhurat
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 3 जून 2023, सुबह 11:16 बजे
पूर्णिमा तिथि समापन: 4 जून 2023, सुबह 09:11 बजे
स्नान मुहूर्त: सुबह 4:02 से सुबह 04:43 बजे तक
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि, Jyeshtha Purnima 2023 Puja Vidhi
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सबसे पहले भोर में उठ जाएं और सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
- स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद दिन में सत्यनारायण भगवान की कुमकुम, रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, , फूल, नैवेद्य आदि से पूजा शुरू करें।
- पूजन के बाद भगवान को फल या मिठाई का भोग अवश्य लगाएं।
- इसके बाद व्रत कथा सुनें और अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।
- पूजा के बाद सफेद चीजें जैसे चांदी, मोती, सफेद कपड़े दही, चावल और सफेद फूल का दान जरूर चाहिए।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन शाम में चंद्र देव को दूध में चीनी, चावल और फूल मिलाकर अर्घ्य जरूर देना चाहिए।
Jyeshtha Purnima Vrat Puja Samagri List, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत सामग्री लिस्टज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत पर सत्यनारायण भगवान, माता लक्ष्मी और रात्रि में चंद्र देव की पूजा होती है। पूजन में कलावा, धूप, दीपक, फल, फूल, गंध, इत्र, पान, सिंदूर, कुमकुम, सुपारी, नारियल, अक्षत, रोली, चंदन, मिठाई, रोली, सवा मीटर कपड़ा, बताशा, सुहाग सामग्री, जल कलश आदि चीजों का इस्तेमाल होता है।
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