Jyeshtha Purnima Vrat 2023: इस तिथि को रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत, देखें व्रत के खास नियम

Jyeshtha Purnima vrat 2023 Niyam (ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के नियम): हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शंकर और विष्णु का पूजन करने से सारे पाप धुल जाते हैं, एवं पितरों को शांति मिलती है। हालांकि ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत को विधि के साथ रखना बहुत जरूरी है। देखें ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के खास नियम।

Jyeshtha purnima vrat date kab hai purnima Vrat ke niyam and rules

Jyeshtha Purnima vrat 2023 kab hai, Niyam: सनातन धर्म के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं, एवं व्रत रख भगवान विष्णु और शंकर को प्रसन्न करने का तप करती हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा का सिद्ध व्रत विधि के साथ रखने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, पापों का नाश होता है, एवं दान पुण्य करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से सारी बलाएं और रुकावटें टल जाती हैं। देखें ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत को रखने के नियम क्या हैं।

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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के नियम, Jyeshtha Purnima 2020 Vrat Niyam Puja Vidhi

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  • ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रख रहे जातकों को विशेष लाभ के लिए पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा में बांस की टोकरियों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें आप सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा होती है।
  • व्रत को पूरा करने के लिए बरगद या अक्षय वट की पूजा करना अत्यधिक महत्व रखता है।
  • बरगद के पेड़ के साथ विष्णु, शिव और ब्रह्मा जी की भी पूजा करनी होती है। तभी नियम से व्रत सिद्ध माना जाएगा।
  • चंद्रमा की पूजा करना और यज्ञ एवं हवन करना भी ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन शुभ माना जाता है।
  • ज्येष्ठ पूर्णिमा के नियमों के अनुसार जातकों को इस दिन ब्राह्मणों को वस्त्र एंव भोजन का दान करना चाहिए। ब्राह्माण बंधुओं को आशीष लेने से आपके सारे काम बनने लगेंगे।
कोई भी व्रत हो विधि और पंचांग व पुराणों में बताए गए नियम के अनुसार ही करना चाहिए। वहीं जो भी व्रत विधिविधान और नियमों के अनुसार नहीं होता, उस व्रत को खंडित माना जाता है। तथा उस व्रत का जातकों को कोई लाभ नहीं मिलता, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 4 जून को रखा जाएगा।
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