New Year 2023: संतान को संकट से बचाने के लिए अचूक हैं ये उपाय, नये साल पर करना न भूलें ये
Putrada Ekadashi 2023 : नये साल 2023 पर पहला व्रत संतान की मंगल कामना का ही है। दो जनवरी 2023 को है पुत्रदा एकादशी का व्रत। पुत्रदा एकादशी पर व्रत और उपाय करने से संतान से साल भर संकट का साया दूर रहता है। निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए इस व्रत का बहुत महत्व है।
नये साल पर करें श्रीकृष्ण की पूजा।
- दो जनवरी को है पुत्रदा एकादशी व्रत
- नववर्ष में करें संतान प्राप्ति की पूजा
- उपाय से दूर होगा संतान पर संकट
Putrada Ekadashi 2023 : नववर्ष नव तरंग लेकर आता है। नववर्ष पर अक्सर लोग मंदिर, देवालय जाकर वर्षभर के लिए सुरक्षा, सुख शांति की कामना करते हैं। इस बार का नया साल लेकर आ रहा है संतान प्राप्ति संग संकट हरने वाला विशेष व्रत। यदि माताएं इस व्रत को कर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करेंगी तो संतान के सिर से संकट दूर ही रहेगा।
पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार श्रीकृष्ण की पूजा से संतान सुख प्राप्त होता है। नए साल में पहला व्रत पुत्रदा एकादशी का रखा जाएगा। दो जनवरी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन संतान की कामना या उसकी सुरक्षा के लिए श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा करें। पूजा आरंभ करने के लिए “देवकी सुतः गोविंद वासुदवेः जगत्पते। देही में तनंय कृष्णः त्वाम् अहम् शरणागतः।” मंत्र की तीन माला का जाप करें।
संतान की तरक्की और रक्षा के उपाय
शास्त्रों के अनुसार संतान की समृद्धि के लिए और उसे संकट से बचाने के लिए ये मंत्र बहुत लाभकारी बताया गया है। श्री कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमरू। नए साल में इस मंत्र का जाप करते हुए भगवान कृष्ण के चरणों में मोरपंख अर्पित करें।
संतान की लंबी आयु के लिए
जिस किसी के बच्चे जीवित न रहते हों या जन्म लेकर गुजर जाते हों तो उसे बच्चे के जन्म होने पर मिष्ठान वितरण नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर नमकीन चीज बांटें। आश्चर्यजनक लाभ होगा और संतान की आयु भी लंबी होगी।
संतान के लिए प्रार्थना
पूजन के बाद संतान की मंगल कामना के लिए प्रार्थना करें कि “हे विश्ववैद्य। इस संतानहीन की चिकित्सा आप स्वयं करें। इसकी कुटिया को संतान के मुखमंडल की आभा से आप ही दीप्त करें।”
संतान के लिए निराश न हों
विवाह के लंबे समय बाद भी यदि संतान प्राप्ति नहीं हो सकी है। और पति−पत्नी उपचार आदि क्रियाओं से परेशान हो चुके हैं तो पत्नी को चाहिए कि वह एक पाव आटे की बड़ी− बड़ी गोलियां बनाए और उसमें थाेड़ी सी हल्दी एवं चने की दाल भरकर अपने हाथाें से सफेद गाय को खिलाए। लाभ होगा।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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