Kaal Bhairav Jayanti 2024: आखिर कब पड़ने वाली है काशी के कोतवाल काल भैरव की जयंती, जानिए तिथि और महत्व

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र अवतार माना जाता है। काल(मृत्यु) के संकट से दूर करने वाले भगवान काल भैरव की जयंती पर उनकी भली विधि से पूजा की जाती है। आइयए जानते है कि इस साल काल भैरव जयंती कब मनाई जाएगी।

काल भैरव जयंती 2024 तिथि और महत्व

Kaal Bhairav Jayanti 2024 (काल भैरव जयंती 2024): सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार काल भैरव को भगवान भोलेनाथ का उग्र और रौद्र रूप माना जाता हैं। इन्होंने कई बार संसार की दुष्ट असुरों से रक्षा की है। काल भैरव को दंड पाणी भी कहा जाता है, जिसका मतलब है कि वे पापियों को दंड देते हैं। तंत्र-मंत्र और मायावी शक्तियों के स्वामी कहे जाने काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है जिनकी आज्ञा से ही भगवान विश्वनाथ के दर्शन प्राप्त होते हैं। हर साल भगवान शिव के भक्त काल भैरव जयंती का पर्व विधिपूर्वक मनाते हैं। काल भैरव काशी यानी वाराणसी शहर की रक्षा करते हैं जिनका वाहन कुत्ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल काल भैरव जयंती कब मनाई जाएगी।

Kaal Bhairav Jayanti 2024 (काल भैरव जयंती 2024)विक्रम संवत के पंचांग के अनुसार काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह तिथि की शुरुआत 22 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगी और इसका समापन 23 नवंबर को रात के 7 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में काल भैरव जयंती इस साल 22 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।

Kaal Bhairav Jayanti 2024 Puja Shubh Muhurat (काल भैरव जयंती पूजा शुभ मुहूर्त 2024)

काल भैरव जयंती इस साल 22 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 12 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में पूजा करना लाभकारी होगा।

भगवान काल भैरव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

शिव पुराण के अनुसार, श्रेष्ठता को लेकर ब्रह्मा, विष्णु, और महेश में विवाद हुआ। ब्रह्मा के पांचवे सिर ने अहंकार में आकर भगवान विष्णु और शिव का अपमान करना शुरू कर दिया। भगवान शिव के क्रोध से जन्मे काल भैरव ने अपमान का बदला लेने के लिए ब्रह्मा के पांचवें सिर को काट दिया था। काल भैरव जयंती के दिन काल भैरव की सकाम भक्ति से पूजा करने वाले व्यक्ति को अकाल मृत्यु नही आती है और स्वयं भगवान शिव की कृपा उसपर बनी रहती हैं।

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