Kaal Sarp Dosh: इन मंदिरों के दर्शन से दूर होता है काल सर्प दोष, जीवन में आती है सुख-समृद्धि
Kaal Sarp Dosh Ke Upay (काल सर्प दोष से मुक्ति के उपाय): अगर कुण्डली में काल सर्प दोष हो तो इससे मुक्ति पाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। इसके अलावा भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां दर्शन करने मात्र से कल सर्प दोष दूर हो जाते हैं। जानिए किन मंदिरों के दर्शन करने से होते हैं काल सर्प दोष दूर।
Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष के निवारण के लिए इन मंदिरों के करें दर्शन
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नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple in Ujjain)
नागचंद्रेश्वर भगवान बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो महाकाल मंदिर के परिसर में स्थित है। यहां माता पार्वती के साथ शिवजी फन फैलाए हुए एक सिंहासन पर विराजमान है। मान्यता है कि नागपंचमी के अवसर पर इनके दर्शन करने से कालसर्प दोष दूर हो जाते हैं।
मन्नारशाल (Mannarshala Temple In Kerala)
मन्नारशाला मंदिर, 30 हजार नागों की प्रतिमाओं वाला सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो केरल में स्थित है। इस मंदिर में नाग देवता के साथ उनकी पत्नी नागयक्षी देवी भी विराजमान हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, इसका निर्माण स्वयं भगवान परशुराम ने किया था। बाद में नागदेवता यहां अनंतकाल तक रहकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाए थे। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है उन्हें एकबार यहां जरूर दर्शन करने जाना चाहिए।
नाग वासुकी मंदिर (Nag Vasuki Temple In Uttar Pradesh)
नाग वासुकी मंदिर, उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में स्थित एक विश्व विख्यात मंदिर है। यहां गणेश जी, माता पार्वती और भीष्म पितामह की भी प्रतिमा विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन यहां दर्शन कर नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
तक्षकेश्वर नाथ (Takshakeshwar Nath Temple In Allahabad)
तक्षकेश्वर महादेव का यह मंदिर, इलाहबाद के यमुना तट पर स्थित है। इसका उल्लेख पद्मपुराण में भी मिलता है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से मनुष्य को काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
सेम-मुखेम नागराजा मंदिर (Sem Mukhen Nagraja Temple In Uttrakhand)
सेम-मुखेम नागराजा मंदिर, उत्तराखंड के टिहरी में स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि द्वारका नगरी के डूबने के बाद यहां पर श्री कृष्ण नागराज के रूप में प्रकट हुए थे। कहते हैं यहां नागराज को पूजने से समस्त परेशानियों का हल मिलता है। साथ ही काल सर्प जैसे दोषों से भी मुक्ति मिलती है।
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