Kajari Teej Katha In Hindi: कजरी तीज और सातुड़ी तीज की व्रत कथा यहां पढ़ें
Kajari Teej Katha In Hindi (सातुड़ी तीज की कहानी): कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। जो इस बार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा करने के बाद कथा सुनती हैं। यहां हम आपको बताएंगे कजरी तीज या सातुड़ी तीज की कथा।
Kajari Teej Katha In Hindi, Satudi Teej Ki Kahani
Kajari Teej Katha In Hindi, Satudi Teej Ki Kahani (कजरी तीज की कहानी): कजरी तीज का त्योहार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे सतवा तीज, सातुड़ी तीज (Satudi Teej Katha) और सौंधा तीज के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है इस व्रत को रखने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा होती है। साथ ही शाम में कजरी तीज की कथा जरूर सुनी जाती है। जिसके बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है। यहां जानिए कजरी तीज या सातुड़ी तीज की कथा।
कजरी तीज की कहानी (Kajari Teej Ki Kahani)
एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था, जो बेहद गरीब था। जब भाद्रपद कृष्ण पक्ष की कजरी तीज आई तो उसकी पत्नी ने व्रत रखा। ब्राह्मण की पत्नी ने अपने पति से कहा कि मैंने आज तीज का व्रत रखा है। कृप्या व्रत के लिए चने का सातु लेकर आए। जिस पर ब्राह्मण ने कहा कि मैं सातु कहां से लाऊंगा? मेरे पास तो बिल्कुल भी पैसा नहीं है। तब पत्नी ने कहा कि कहीं से भी लाओ चाहे तुम चोरी करो या कहीं डाका डालो लेकिन मुझे सातु हर कीमत पर चाहिए। इसके बाद ब्राह्मण रात में ही सातु लेने निकल गया। ब्राह्मण साहूकार की दुकान पर पहुंचा। जहां उसने चने की दाल, घी, शक्कर सवा किलो तोलकर सातु बना लिया और उसे लेकर वहां से निकलने लगा।
ब्राह्मण की आवाज नौकरों ने सुन ली और वह नींद से जाग गए। सभी नौकरी चोर-चोर चिल्लाने लगे। नौकर की आवाज सुनते ही तुरंत साहूकार आ गया और उसने ब्राह्मण को पकड़ लिया। ब्राह्मण ने साहूकार से कहा कि मैं कोई चोर नहीं हूं बल्कि एक गरीब ब्राह्मण हूं। मेरी पत्नी ने कजरी तीज का व्रत रखा है जिसके लिए मैं सिर्फ यह सवा किलो का सातु बनाकर ले जा रहा था। साहूकार को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ और उसने ब्राह्मण की तलाशी ली। लेकिन वाकई में उसे ब्राह्मण के पास से सातु के सिवा कुछ नहीं मिला। साहूकार ब्राह्मण से प्रसन्न हुआ और उसने कहा कि आज से मैं तुम्हारी पत्नी को अपनी धर्म बहन मानूंगा। यह कहकर साहूकार ने ब्राह्मण को सातु के साथ थोड़े गहने, धन, मेहंदी भी दी। फिर सभी ने मिलकर कजरी माता की पूजा की। कहते हैं इसके बाद से ही कजरी तीज की महत्ता बढ़ती चली गई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
February Rashifal 2025: मेष से मीन तक सभी 12 राशियों का फरवरी महीने का राशिफल यहां देखें
Mahakumbh Mela 2025: क्या है महाकुंभ, कौन होते हैं नागा साधु, अखाड़ों का क्या होता है मतलब, कैसे बनते हैं महामंडलेश्वर, कुंभ में जाकर क्या करें...सबकुछ जानने के लिए देखें ये Video
Gupt Navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि कब से कब तक रहेगी, जानिए इसकी पूजा विधि और महत्व क्या है
Mahakumbh Mela 2025 Shahi Snan Dates: मौनी अमावस्या के बाद कितने शाही स्नान बचे हैं, जानिए कब तक रहेगा कुंभ मेला
February 2025 Festival List: बसंत पंचमी, महा शिवरात्रि, जया एकादशी, माघ पूर्णिमा समेत फरवरी में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, नोट कर लें डेट लिस्ट
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited