Kali Chaudas Puja Vidhi: काली चौदस के दिन इस तरह से करें पूजा, जानिए इसकी पूरी विधि

Kali Chaudas Puja Vidhi: काली चौदस कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता काली की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं काली चौदस की पूजा विधि के बारे में।

Kali Chaudas Puja Vidhi

Kali Chaudas Puja Vidhi: हिंदू धर्म में काली चौदस के पर्व का खास महत्व है। इस दिन मां काली की पूजा पूरे विधि- विधान के साथ की जाती है। काली चौदस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। काली चौदस को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल काली चौदस का त्योहार 30 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन को बंगाल के में खासतौर पर मनाया जाता है। काली चौदस के दिन काली जी की पूजा से पहले यम दीपक जलाया जाता है। इस दिन यमराज के नाम का दीपदान किया जाता है। काली चौदस पर यम का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जाएं नहीं आती हैं। आइए जानते हैं काली चौदस की पूजा विधि के बारे में।

Kali Chaudas Puja Vidhi (काली चौदस पूजा विधि)

  • काली चौदस के दिन सुबह उठकर अभ्यंग स्नान करें।
  • उसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और इत्र लगाएं।
  • फिर साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता काली की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उसके बाद माता काली के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • इस दिन पूजा में हल्दी, कुमकुम, कपूर, नारियल नैवेद्य मां काली को अर्पित करें।
  • काली चौदस के दिन काली चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में मां काली की आरती करें और भोग अर्पित करें।

काली चौदस क्यों मनाते हैं (Why do we celebrate Kali Chaudas?)

काली चौदस को नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। काली चौदस पर माता काली की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि काली चौदस के दिन मां काली की पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। देवी काली की पूजा करने से साधक को सुख, समृद्धि मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। काली चौदस के यम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है। काली चौदस का दिन तंत्र साधना करने वाले लोगों के लिए बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।

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