Kali Mata Ki Aarti: गुप्त नवरात्रि में जरूर करें मां काली की आरती, अम्बे तू है जगदम्बे काली...

Kali Mata Ki Aarti (काली माता की आरती लिरिक्स): कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से माता काली की अराधना करता है उसे मनचाही चीजें प्राप्त होती है। गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) का समय मां दुर्गा के काली रूप की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। यहां जानिए माता काली की आरती (Maa Kali Aarti)।

mata kali ki aarti

Mata Kali Ki Aarti: माता काली की आरती

Mata Kali Ki Aarti Lyrics In Hindi: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (Ashadha Gupt Navratri 2023) के पावन दिन चल रहे हैं। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। जो मां दुर्गा के उग्र स्वभाव के प्रतीक माने जाते हैं। ये नवरात्रि विशेष रूप से मां काली की पूजा के लिए उत्तम मानी जाती है। मान्यता है जो साधक इस नवरात्रि में विधि विधान पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस नवरात्रि में साधाना और तंत्र की शक्तियों को सिद्ध करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां काली की इस आरती को जरूर करें।

Kali Mata Ki Aarti (काली माता की आरती)

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
तेरे भक्त जनों पर,
भीर पडी है भारी मां ।
दानव दल पर टूट पड़ो,
मां करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
मां बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा बरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
चरण शरण मे खड़ी तुम्हारी,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मां सकंट हरने वाली ।
मां भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओं वालीं,
भक्तो के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतारें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

काली बीज मंत्र (Kali Beej Mantra)

|| ॐ क्रीं काली ||
काली बीज मंत्र का जाप साधक को माता काली की ऊर्जा से जोड़ता है। ये ऊर्जाएं जातक को उसके आसपास और उसके अंदर मौजूद बुरी ताकतों से लड़ने में मदद करती हैं। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति इस बीज मंत्र का सच्चे मन से जाप करता है उसे मनपसंद चीजें प्राप्त होती हैं।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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