Kalki Jayanti 2023: जानिए कब मनाई जाएगी कल्कि जयंती, क्या है पूजा विधि और महत्व
Kalki Jayanti 2023: भारत देश कई धर्म और जाति को मानने वाला देश है। इस देश में आये दिन कोई ना कोई तीज त्योहार आते रहते हैं। हिंदू धर्म में कल्कि जयंती का विशेष महत्व है। हिंदू पंचाग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती का त्योहार मनाया जाता है। कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां अवतार माना गया है।
Kalki Jayanti Date puja vidhi
Kalki Jayanti Date 2023: हिंदू धर्म में भगवान कल्कि का विशेष महत्व है। कलयुग के भगवान को कल्कि के नाम से जाना जाता है। भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां अवतार माना गया है। हिंदू पंचाग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस बार कल्कि जयंती का पर्व 22 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि की पूजा- उपासना की जाती है। इस दिन भगवान कल्कि की पूजा करने से साधक को बेहद ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। कल्कि अवतार का जन्म इस समय नहीं हुआ है। धार्मिक ग्रंथों में यह निहित है कि भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे। यह उनका आखिरी अवतार होगा। यह दिन वैष्णव संप्रदाय के प्रतिनिधियों के लिए विशेष है। इस दिन भगवान कल्कि की भक्तिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस पूजा की विधि और इसके महत्व के बारे में...
कल्कि भगवान पूजा विधिसावन माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन, ब्रह्म बेला में उठें और ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु का ध्यान करें। नित्यकर्मों (घर की साफ-सफाई) से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण कर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें। फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पीले फल, फूल, केसर मिश्रित दूध, पनीर, घी, मक्खन और मिठाई से विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का जाप करें और कल्कि मंत्र का जाप करें। अंत में सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें।
कल्कि भगवान का महत्वसनातन धर्म के ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान विष्णु का जन्म सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पृथ्वी पर अवतार लेंगे। इस बार वह कल्कि कलुग के अवतार में समापन करेंगे। कलयुगी लोग प्रायः दुष्ट और निरंकुश हो जाएंगे पृथ्वी पर पाप बढ़ जाएगा। लोग एक दूसरे के दुश्मन बन जाएंगे। कलियुग के लोगों के कारण पृथ्वी पर हाहाकार मच जाएगा। इस समय धर्म की स्थापना और अन्याय का नाश करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि के रूप में जन्म लेते लेंगे। इस कारण भगवान के इस अवतार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
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