Kartik Amavasya Katha in Hindi: कार्तिक अमावस्या क्यों मनाई जाती है, इस पौराणिक कथा से जानिए इसका महत्व
Kartik Amavasya Story in Hindi (कार्तिक अमावस्या की कहानी): हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की आखिरी तिथि पर कार्तिक अमावस्या आती है। इस दिन स्नान, दान और पूजा का बड़ा महत्व माना गया है। इसी तिथि पर दीपावली त्योहार भी मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या का महात्मय जानने के लिए पढ़ें कार्तिक अमावस्या की पौराणिक कथा (कहानी) हिंदी में लिखित।
कार्तिक अमावस्या की कहानी
Kartik Amavasya Story in Hindi (कार्तिक अमावस्या की कहानी): कार्तिक अमावस्या की रात का हमारे पुराणों में भी उल्लेख हैं। कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन ही दिवाली मनाई जाती हैं जिस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती हैं। कार्तिक माह में दिवाली सहित कई अन्य बड़े त्यौहार भी पड़ते हैं जिनको धूम-धाम से मनाया जाता हैं। कार्तिक माह महिमा का वर्णन युगों से चला आ रहा हैं और कार्तिक अमावस्या का भी बहुत महात्म्य माना जाता है। कार्तिक अमावस्या की कथा से इसका महत्व समझ सकते हैं। यहां पढ़ें कार्तिक अमावस्या की कहानी (kartik maas ki katha lyrics) हिंदी में लिखित।
Kartik Amavasya Ki Katha, Kartik Amavasya Ki Kahani Lyrics
एक बार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर घूम रही थीं। अमावस्या के अंधेरे की वजह से माता लक्ष्मी अपने मार्ग की दिशा से भटक जा रही थीं। उसी मार्ग में आगे चलते-चलते उन्हें एक जगह पर कुछ दीयों की रोशनी दिखाई पड़ी। देवी उस रोशनी के समीप जाती हैं और देखती हैं कि वहां एक झोपड़ी है जहां एक वृद्ध महिला द्वार खोल के दीपक जला रही थी। माता लक्ष्मी रूप बदलकर उस वृद्ध महिला के पास जा कर अपनी दुविधा बताती हैं। जिस पर वृद्ध महिला अपनी टूटी झोपड़ी में बड़े-ही आदर और सत्कार के साथ स्वागत करती हैं और उन्हें आश्रय प्रदान करती हैं। वृद्ध महिला अपने अतिथि की भक्ति-पूर्वक सेवा करती है और इस तरह से माता लक्ष्मी उस झोपड़ी में रात व्यतीत करती हैं। वृद्ध महिला के उठने से पहले ही माता लक्ष्मी उसकी टूटी झोपड़ी को एक साफ-सुथरे मकान में बदल देती हैं और उसके घर को धन और संपत्ति से भर देती हैं। नींद से उठने पर वह वृद्ध महिला अपने घर को देखकर चौंक जाती है और देवी लक्ष्मी को ह्रदय से धन्यवाद देती है। इसी नाते दिवाली की रात को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घरों में दीप जलाकर रोशनी की जाती है।
Kartik Amavasya 2024 Mein Kab Hai
कार्तिक अमावस्या 2024 की तिथि दो दिन में आ रही है। इसका आरंभ अक्टूबर 31, 2024 को शाम 03:52 बजे से होगा। वहीं इसका समापन एक नवंबर को शाम 06:16 बजे होगा। पूजन समय के अनुसार दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक अमावस्या की पौराणिक मान्यता
ब्रह्म पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या पर माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। पद्म पुराण का कहना है कि इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या को गीता पाठ और अन्न दान करना चाहिए क्योंकि अन्नदान करने से सुख बढ़ता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए। इससे हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें
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