Kartik Maas Ki Katha: कार्तिक महीने में जरूर सुनें सीता जी की नितनेम की कहानी, घर में धन के भर जाएंगे भंडार

Sita Mata Nitnem Ki Katha (सीता माता की नितनेम कहानी): कार्तिक महीने में सीता जी की नित नेम की कहानी सुनना बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस कहानी को सुनने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती।

Kartik Maas Ki Katha

Sita Mata Nitnem Ki Katha

Sita Mata Nitnem Ki Katha (सीता माता की नितनेम कहानी): कार्तिक महीने में सीता जी की नित नेम की कहानी सुनने का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि ये कहानी माता सीता कहती थी और श्री राम भगवान इसे सुनते थे। एक दिन भगवान राम को किसी काम से जाना पड़ा। तब माता सीता श्री राम जी से कहती हैं कि मेरा तो 12 वर्ष का नित नेम है अब आप बाहर जाएंगे तो मैं अपनी कहानी किसी सुनाऊंगी। तब भगवान राम ने कहा कि तुम कुए की पाल पर जाकर बैठ जाना और वहां जो औरतें पानी भरने आएंगी उन्हें ये कहानी सुनाना।

Diwali 2024 Date 31 Or 1

नितनेम की कथा (Sita Mata Nitnam Ki Katha)

राम आये लक्ष्मण आये देश के पुजारी आये

नितनेम का नेम लाये आओ राम बैठो राम

माखन मिसरी खाओ राम, दूध बताशा पियो राम

सूत के पलका पोटो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम

राम संवारें सब के काम खाली घर भंडार भरेंगे

सब का बेड़ा पार करेंगे जय श्री राम जय-जय राम

माता सीता भगवान श्री राम को यही कहानी सुनाती थीं। जब भगवान श्री राम को किसी काम से बाहर जाना पड़ा तो राम जी के कहे अनुसार माता सीता अपनी कहानी सुनाने के लिए एक कुए की पाल पर जाकर बैठ गईं। तभी वहां एक स्त्री आई उसने रेशम की जरी की साड़ी पहनी हुई थी और उसके हाथ में सोने का घड़ा था। सीता माता उसके कहती है कि बहन मेरा बारह वर्ष का नितनेम सुन लो। पर वो स्त्री बोली कि अगर मैं तुम्हारा नितनेम सुनने बैठ गई तो मुझे घर जाने में देर हो जाएगी। फिर मेरी सास मुझे डाटने लगेगी। ये कहते हुए उसने कहानी सुनने से मना कर दिया और वो चली गई। जब वह महिला घर पहुंचने ही वाली थी कि उसकी रेशम जरी की साड़ी फट गई और सोने का घड़ा भी मिट्टी के घड़े में बदल गया। सास ने जब ये देखा तो पूछा कि ये किस का दोष अपने सिर लेकर आ गई है? तब बहू ने कहा कि कुएं के पास एक औरत बैठी थी उसने मुझे कहानी सुनने के लिए कहा था लेकिन मैने उसकी कहानी नहीं सुनी। जिसका मुझे यह फल मिला।

अपनी बहू की बात सुनकर अगले दिन उसकी सास वही साड़ी और घड़ा लेकर कुएं की पाल पर गई। सास को वहीं माता सीता बैठी मिली। तब माता सीता ने कहा कि बहन मेरी कहानी सुन लो। सास बोली कि एक बार ही नहीं मैं तो चार बार कहानी सुन लूंगी।

राम आये लक्ष्मण आये देश के पुजारी आये

नितनेम का नेम लाये आओ राम बैठो राम

तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम

दूध बताशा पियो राम, सूत के पलका मोठो राम

शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम

जब बोलूँ जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम

खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे

श्री राम जय राम जय-जय राम

सास ये कहानी सुनकर बोली कि बहन तुम्हारी कहानी बहुत अच्छी लगी। इतना कहकर सास घर चली गई और उसकी साड़ी फिर से रेशम जरी की बन गई। वहीं मिट्टी का घड़ा फिर सोने के घड़े में बदल गया। जब बहू ने ये देखा तो वो कहने लगी सासू मां, आपने ये सब कैसे किया? सास ने कहा कि बहू तू दोष लगा के आई थी और मैं उस दोष उतारकर आ रही हूं। जब बहू ने पूछा कि वह कुएं वाली स्त्री कौन है? सास बोली वो माता सीता थीं। जो पुराने से नया कर देती हैं, खाली घर में भंडार भर देती हैं, वह लक्ष्मी जी का वास घर में कर देती हैं, आदमी की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। तब बहू बोली कि वो कहानी मुझे भी सुना दो। सास बोली कि ठीक है तुम भी सुनों ये कहानी...राम आये लक्ष्मण आये देश के पुजारी आये, नितनेम का नेम लाये आओ राम बैठो राम....इस तरह से सास ने भी बहू को पूरी कहानी सुना दी।

कहानी बहू को भी बहुत अच्छी लगी। तब सास कहने लगी कि इस कहानी को रोज कहा करेगें। अब सास-बहू रोज सवेरे उठकर स्नान कर पूजा करने के बाद नितनेम की सीता जी की कहानी कहने लगीं। एक दिन उनके घर एक पड़ोस की औरत आई और कहने लगी कि बहन जरा सी आंच देना तो वह बोली कि आंच तो अभी जलाई नहीं है। तब पड़ोसन कहने लगी कि तुम सुबह चार बजे से उठकर क्या कर रही हो फिर? तब सास-बहू ने बताया कि हम सुबह उठकर पूजा करते हैं। फिर सीता माता की नितनेम की कहानी कहते हैं। पड़ोसन ने पूछा कि सीता माता की कहानी कहने से तुम्हें क्या मिला? तब वे बोली कि इस कहानी को कहने से घर में धन के भंडार भर जाते हैं। मनुष्ट के सारे काम सिद्ध हो जाते हैं, मन की समस्त इच्छाएं भी पूरी होती है।

इसके बाद पड़ोसन ने भी ये कहानी सुनने की इच्छा जताई। वह बोली कि ठीक है तुम भी यह कहानी सुन लो। राम आये लक्ष्मण आये देश के पुजारी आये नितनेम का नेम लाये आओ……………। इस तरह से सास-बहू ने अपनी पड़ोसन को भी पूरा कहानी सुना दी। कहानी सुनने के बाद पड़ोसन कहने लगी कि कहानी तो बहुत ही अच्छी हैय़ अब वह पड़ोसन भी नितनेम सीता माता की कहानी कहने लगी। इस कहानी को कहने से पड़ोसन के घर में भी धन के भंडार भर गए। हे सीता माता ! जैसे आपने उनके भंडार भरे, वैसे ही आप हमारे भी भंडार भरना।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited