Kartik Pradosh Vrat 2024: कब रखा जाएगा कार्तिक महीने का पहला प्रदोष व्रत, यहां जानें डेट और शुभ मुहूर्त

Kartik Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। ये व्रत शिव जी को समर्पित होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कार्तिक महीने का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और इसके शुभ मुहूर्त के बारे में।

Kartik Pradosh Vrat 2024

Kartik Pradosh Vrat 2024

Kartik Pradosh Vrat 2024: प्रदोष का व्रत भगवान शिव जी की पूजा को समर्पित होता है। इस व्रत में भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इसको त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में ही पड़ता है। प्रदोष का व्रत संतान की तरक्की और संतान सुख की प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। इसके साथ ही इस व्रत को करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा सदा साधक पर बनी रहती है। कार्तिक महीने का प्रदोष व्रत बहुत ही खास होता है, क्योंकि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन पहला कार्तिक प्रदोष व्रत भी होता है और इस दिन धनतेरस का भी पर्व मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक महीने का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।

Dev Uthani 2024 Kab Hai

Kartik Pradosh Vrat 2024 (कार्तिक मास पहला प्रदोष व्रत 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत इस बार 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 अक्तूबर को दोपहर में 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए कार्तिक महीने का पहला प्रदोष व्रत 29 अक्तूबर 2024 को रखा जाएगा। इसी दिन धनतेरस का भी त्योहार मनाया जाएगा।

Kartik Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat (प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त)

कार्तिक महीने का पहला प्रदोष व्रत धनतेरस के दिन 29 अक्तूबर 2024 को मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है। इस समय में हस्त नक्षत्र रहेगा। इसमें शिव जी की पूजा करना शुभ होगा।

Bhaum Pradosh Vrat Puja Vidhi (भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि )

प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर घर के मंदिर की अच्छे से सफाई करें। उसके बाद मंदिर में साफ चौकी लगाकर शिव परिवार के प्रतिमा स्थापित करें। शिव जी के सामने घी का दीपक जलाएं और विधिवत पूजा करें। इस दिन शिव सुबह और शाम दोनों समय में शिव जी की पूजा करनी चाहिए। शिव मंदिर में जाकर शिव जी का जलाभिषेक करें और मंत्रों का जाप करें। इस दिन शिव जी को फूल, बेलपत्र, अक्षत और चंदन जरूर अर्पित करें। अंत में प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और आरती करके भोग लगाएं।

Kartik Pradosh Vrat Mahatav (कार्तिक प्रदोष व्रत महत्व)

कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का शास्त्रों में बहुत ही खास महत्व है। इस दिन धनतेरस का भी पर्व मनाते हैं। प्रदोष व्रत के दिन शिव जी और पार्वती जी की पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक प्रदोष व्रत पर संध्या के समय शिव जी और लक्ष्मी जी की पूजा करने से साधक को धन- धान्य की प्राप्ति होती है और उसके सारे संकट दूर होते हैं।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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