Kartik Purnima 2022 Date: कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण आज, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Kartik Purnima 2022 Date And Time: कार्तिक पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लग रहा है। ऐसे में इस दिन स्नान-दान का क्या रहेगा मुहूर्त, जानिए सबकुछ।

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Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का क्या रहेगा शुभ मुहूर्त।

Chandra Grahan On Kartik Purnima 2022: कार्तिक मास की पूर्णिमा बेहद ही खास मानी जाती है। इस पूर्णिमा को कई जगह त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान और व्रत रखना का प्रावधान है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मान्यताओं अनुसार इस दिन जो कोई भी सच्चे मन और विधि विधान तरीके से पूजा पाठ करता है उसके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहती है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार धारण किया था।

कार्तिक पूर्णिमा 2022 तिथि और मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Date And Muhurat)

इस साल कार्तिक पूर्णिमा 08 नवंबर 2022, मंगलवार के दिन पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 18 मिनट से 08 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले स्नान यानी ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

चंद्र ग्रहण नवंबर 2022 डेट और टाइम (Chandra Grahan November 2022 Date And Time)

चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के समाप्त होने के बाद ही लगेगा। चंद्र ग्रहण लगने का समय 8 नवंबर को शाम 05 बजकर 32 मिनट से शाम 06 बजकर 18 मिनट तक का है। ये चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व: हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुरों नामक राक्षसों का वध किया था और भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। कार्तिक पूर्णिमा का दिन धार्मिक समारोह का आयोजन करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन दीप दान और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही इस दिन 6 कृतिकाओं का पूजन भी होता है। कृत्तिका एक नक्षत्र है जिसकी 6 देवियां होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान व स्नान के फायदे: मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी या तालाब में स्नान करने व दान करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन स्वर्ग से देवतागण भी आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। यदि गंगा स्नान के लिए जाना संभव न हो तो आप घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करके पुण्य फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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