Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्या नहीं

Kartik Purnima 2022: कार्तिक माह हिंदू कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना होता है। कार्तिक माह के अंतिम दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, दान और दीपदान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और पूजा-पाठ से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं दूर होती है।

Kartik Purnima 2022

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें क्या नहीं

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए स्नान
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी का भी अपमान न करें
  • हिंदुओं का सबसे पवित्र दिन माना जाता है कार्तिक पूर्णिमा

Kartik Purnima 2022 Date Puja Significance: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का उत्सव मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बेहद खास होता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरतीलोक पर आते हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव इस साल 08 नवंबर को मनाया जाएगा। यह दिन को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन स्नान, दान, पूजा, अनुष्ठान और दीपदान जैसे कार्य करने का महत्व है। बड़ी संख्या में लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। सभी कार्य के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें इस दिन करने से बचना चाहिए। जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा के शुभ व पवित्र दिन में क्या करें और क्या नहीं।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन कार्यों को न करें
  1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं। किसी गरीब, जरूरतमंद, असहाय और बुजुर्गों से कटु वचन न बोलें।
  2. इस दिन यदि आप किसी भी व्यक्ति का अपमान करते हैं तो इससे दोष लगता है।
  3. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  4. इस दिन मांसहार भोजन, मदिरा, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. कार्तिक पूर्णिमा के सूर्योदय के बाद न उठें। बल्कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए।

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कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये कार्य

सूर्योदय से पूर्व स्नान: कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है। यदि किसी कारण नदी स्नान संभव न हो तो आप नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान से 100 राजसूय अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।

सूर्येदव को जरूर दें अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। इससे पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान भास्कर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

दान-पुण्य करें: कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा जरूर दें। इससे पुण्यकर्म में वृद्धि होती है और पाप दूर होते हैं। इस दिन आप गरीब और जरूरमंदों में अन्न, फल, तिल, चावल, आवंला का दान दे सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर ब्राह्मण, बहन और बुआ को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देना चाहिए।

दीपदान भी जरूर करें: कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी, तालाब, मंदिर, आंगन या खुले आकाश के नीचे दीपदान करने का महत्व है। साथ ही तुलसी पौधे से समक्ष भी संध्या में एक दीप जरूर जलाएं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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