Karwa Chauth 2022 Arti & Puja Mantra: करवा चौथ आरती हिंदी में, ओम जय करवा मैया
Karwa Chauth 2022 Arti Lyrics & Puja Mantra in Hindi: करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाता है। व्रत की पूजा में करवा माता की उपासना के साथ उनकी आरती भी की जाती है। यहां देखें करवा चौथ के पूजा मंत्र और आरती लिरिक्स हिंदी में।
Karwa Chauth 2022 Arti Lyrics & Puja Mantra in Hindi: सुहागिनों के पर्व करवा चौथ पूजन में करवा माता की आरती का विशेष महत्व बताया जाता है। कहते हैं आरती के बिना पूजा अधूरी रहती है। शुभ फल और मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान को प्रसन्न करना बेहद जरूरी है। इसी के साथ पूजा में मंत्र उच्चारण का भी महत्व है। अगर आप कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाले करवा चौथ व्रत को करती हैं तो यहां आप करवा चौथ व्रत मंत्र और आरती के लिरिक्स हिंदी में देख सकती हैं।
Karwa Chauth Aarti Lyrics In Hindi (करवा माता की आरती हिंदी में)
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया.. ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी.. ओम जय करवा मैया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती.. ओम जय करवा मैया।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे.. ओम जय करवा मैया।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे.. ओम जय करवा मैया।
Karwa Chauth Stuti Mantra
स्तुति मंत्र
नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।
Karwa Chauth Puja Mantra
पार्वती की पूजा- 'ॐ शिवायै नमः'
शिवजी की पूजा- 'ॐ नमः शिवाय'
कार्तिकेय की पूजा- 'ॐ षण्मुखाय नमः'
गणेशजी की पूजा- 'ॐ गणेशाय नमः'
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय मंत्र- 'ॐ सोमाय नमः'
Karwa Chauth 2022
तस्वीर साभार : BCCL
Karwa Chauth Chandra (Moon) Puja Mantra
चंद्र पूजन मंत्र
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।
प्रार्थना मंत्र
मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्त करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।
Karwa Chauth Moon Puja Vidhi
चंद्रोदय होते ही अपने पति देव के साथ महिलाएं छत पर जल, मिठाई, छलनी, पूजा की थाल आदि लेकर जाती हैं। फिर एक छलनी में जले दीपक को रख कर उस छलनी से चंद्रमा के दर्शन करके फिर अपने पति को देखती हैं। इसके बाद चंद्र देव की पूजा में जल और दूध मिलकार अर्घ्य देती हैं। इसके बाद चंद्र देव से अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। फिर पूजन के बाद पति के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद पति के हाथों से जल और मिठाई ग्रहण करके व्रत खोलती हैं।
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