Karwa Chauth 2022: कैटरीना कैफ ने मनाया पहला करवा चौथ, मौनी रॉय ने पति के साथ शेयर की फोटो
Karwa Chauth 2022 Moonrise Timings Live Updates
करवा चौथ 2022 पूजा मुहूर्त (Karwa Chauth 2022 Puja Muhurat): इस साल करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर को रखा जा रहा है। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:53 PM से 07:08 PM तक रहेगा। वहीं करवा चौथ व्रत समय सुबह 06:20 AM से रात 08:09 PM बजे तक रहेगा। करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय समय 08:09 पी एम का है।
Karwa Chauth 2022 Moonrise Time Live Updates: करवा चौथ पर किस शहर में कब होगा चांद का दीदार
Karwa Chauth 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat Live Updates
करवा चौथ व्रत से जुड़े हर एक अपडेट के लिए जुड़े रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर
मिलिंद गाबा ने शेयर की फोटो
बिग बॉस ओटीटी के कंटेस्टेंट और सिंगर मिलंद गाबा और प्रिया बेनीवाल ने शादी के बाद अपना पहला करवा चौथ मनाया। मिलिंद ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किया।गोविंदा का करवा चौथ सेलिब्रेशन
गोविंदा ने अपनी वाइफ सुनीता आहूजा के साथ करवा चौथ मनाया। गोविंदा ने सोशल मीडिया पर अपनी और वाइफ सुनीता की फोटो पोस्ट की।राहुल वैद्य और दिशा परमार
राहुल वैद्य और दिशा परमार ने भी करवा चौथ सेलिब्रेट किया। राहुल और दिशा ने सोशल मीडिया पर करवा चौथ सेलिब्रेशन की फोटोज शेयर की है।आर माधवन ने शेयर की फोटो
एक्टर आर माधवन ने सोशल मीडिया पर अपनी वाइफ के साथ करवा चौथ सेलिब्रेशन की फोटो शेयर की है।मौनी रॉय का पहला करवा चौथ
ब्रह्मास्त्र फिल्म की एक्ट्रेस मौनी रॉय ने भी शादी के बाद अपना पहला करवा चौथ सेलिब्रेट किया। मौनी ने अपने पति सूरज नांबियार के साथ रोमांटिक फोटो शेयर की।कैटरीना कैफ ने सेलिब्रेट किया पहला करवा चौथ
कैटरीना कैफ और विक्की कौशल ने शादी के बाद अपना पहला करवा चौथ मनाया। कैटरीना कैफ ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की है।सुनीता कपूर के घर हुआ करवा चौथ सेलिब्रेशन
सुनीता कपूर के घर करवा चौथ सेलिब्रेशन हुआ। इस मौके पर नीलम कोठारी, शिल्पा शेट्टी, रवीना टंडन, रीमा जैन समेत कई सेलेब्स शामिल हुए।लखनऊ, दिल्ली समेत इन जगहों पर निकला चांद
लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, मैनपुरी, नई दिल्ली में चांद निकल चुका हैदिल्ली एनसीआर समेत इन जगहों पर निकला चांद
दिल्ली, एनसीआर, चंडीगढ़ समेत देश के कई जगहों पर चांद निकल गया है। सुहागिन महिलाएं रीति-रिवाज के साथ अपना करवा चौथ का व्रत खोल रही हैं।Karwa Chauth 2022: दान और हवन-पूजन करें
करवा चौथ पर यदि गलती से व्रत टूट गया है तो दान जरूर करें। इसके अलावा व्रत टूटने का दोष दूर करने से पंडितजी की मदद से हवन और पूजन भी कर सकते हैं।Karwa chauth 2022 Pooja: व्रत टूटने पर करें षोडशोपचार पूजा
करवा चौथ पर यदि गलती से व्रत टूट जाता है तो षोडशोपचार पूजा करना चाहिए। ये एक 16 क्रियाओं वाली पूजा है। ये पूजा है- पद्य, अर्घ्य, स्नान, वस्त्र, आभूषण, सुगंध, फूल, धूप, दीप, प्रसाद, आचमन, तंबुल, स्तवपथ, तर्पण और नमस्कार। षोडशोपचार पूजा करने के बाद आप दान करें।अनजाने में यदि टूट जाए व्रत? (Karwa chauth 2022 Vrat)
करवाचौथ के दिन सुहागिन महिला निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में यदि अनजाने में व्रत टूट जाए तो आप करवा माता और गौरी माता से क्षमा मांगे। उनके नाम का जप करें और क्षमा मांगे।मंगलसूत्र का विशेष महत्व (Karwachauth 2022 Mangalsutra Importance)
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं के लिए मंगलसूत्र का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है मंगलसूत्र पति के जीवन की रक्षा करता है और उन पर आने वाले सभी संकटों को दूर करता है।चंद्र देव की पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जाप (Karva Chauth 2022 Mantra in Hindi)
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥मीठी चीज ना खाएं
इंस्टेंट मिठाई या कोई मीठी चीज खाने से परहेज करें और खजूर, अंजीर या एप्रीकॉट खाएं। ज्यादा मीठा खाने से ये आपको डिहाइड्रेट कर देगा और आपको हंगर पैंग्स महसूस होने लगेगा।ऐसे करें शिव-पार्वती पूजा (Karwa Chauth Shiv Parvati Pujan Vidhi)
करवा चौथ में पूजा के लिए शुद्ध पीली मिट्टी से शिव, गौरी एवं गणेश जी की मूर्ति बना लें। इसके बद चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर भगवान को स्थिपित करें। फिर चौथ देवी यानी देवी पार्वती को सिंदूर, बिंदी, चुनरी पहनाएं और भगवान शिव को चंदन, पुष्प, वस्त्र आदि अर्पित करें। साथ में शिवजी के दोनों पुत्रों की पूजा कर दीवार पर गेरू से फलक बनाकर चावल, हल्दी के आटे को मिलाकर करवा चौथ का चित्र अंकित करें। इसके बाद दूसरे दिन करवा चौथ की पूजा संपन्न होने के बाद घी-बूरे का भोग लगाकर उन्हें विसर्जित कर दें।ऐसे मिलता है अन्नपूर्णा का आशीर्वाद
आटे के दीपक का प्रयोग किसी बहुत बड़ी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। यही कारण है कि मन्नत के दिए आटे के बनाए जाते हैं। इस दीये पर मां अन्नपूर्णा का विशेष आशीर्वाद होता है।चांदी की पायल बिन अधूरा है करवाचौथ का श्रृंगार
चांदी की पायल के बिना करवाचौथ का पर्व अधूरा माना जाता है। अक्सर चांदी की ज्वेलरी जल्दी काली पड़ जाती हैं और हमें इसे साफ कर आने के लिए बार-बार ज्वेलर्स के पास जाना पड़ता है। अगर आपके घर में चांदी की ज्वेलरी, काली पड़ गई हो, तो आप उन्हें घर में ही चमका सकते हैं। जी हां, हर बार चांदी की ज्वेलरी को चमकाने के लिए ज्वैलर्स के पास नहीं जाना पड़ेगा। घर में ही इन आसान तरीकों से आप अपनी काली चांदी की ज्वैलरी को चमका सकते हैं। आपको बता दें कि कि टूथपेस्ट न केवल दांतो को चमकाने के काम आता है बल्कि इससे फीके पड़ चुके चांदी के बर्तनों को भी चमक दी जा सकती है। अगर आप करवाचौथ पर चांदी के पुराने गहनों को यूज करने की सोच रही हैं तो इन तरीकों से उन्हें साफ कर आप इस्तेमाल कर सकती हैं।व्रत के दौरान हाइड्रेशन का ध्यान रखें
वैसे तो करवा चौथ व्रत के दौरान आमतौर पर महिलाओं को पानी नहीं मिलता है, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो आपको खुद को हाइड्रेट रखना ही चाहिए। दिन भर में अपने आप को तरोताजा रखने और हाइड्रेटेड रखने के लिए फलों और फलों के रस, छाछ और नारियल पानी जैसी चीजें देते रहना चाहिए।पिछले पांच सालों में करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय-
24 अक्टूबर 2021 चंद्र दर्शन का समय - रात 08 बजकर 07 मिनट पर।4 नवंबर 2020 चंद्र दर्शन का समय- रात 08 बजकर 12 मिनट पर।17 अक्टूबर 2019 चंद्र दर्शन का समय- रात 08 बजकर 16 मिनट।27 अक्टूबर 2018 चंद्र दर्शन का समय- रात 07 बजकर 55 मिनट पर।8 अक्टूबर 2017 चंद्र दर्शन का समय- रात 08 बजकर 10 मिनट पर।इतने बजे निकलेगा चांद
करवा चौथ के दिन हर सुहागिन महिला को चांद का इंतजार रहता है। इस साल चंद्रोदय का समय (दिल्ली) 08 बजकर 09 मिनट है।पूजा सामग्री लिस्ट
करवा चौथ का व्रत रखने एवं पूजा के लिए कुछ खास सामग्री की जरूरत होगी। इनमें मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी और दही आदि शामिल हैं।Ganesh Ji Ki Katha Or Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ व्रत कथा, बुढ़िया और गणेश जी की कहानी
करवा चौथ व्रत में व्रत कथा सुननी या पढ़नी बेहद जरूरी मानी जाती है। यहां देखें करवा चौथ की एक पौराणिक कथा Ganesh Ji Ki Katha Or Karwa Chauth Vrat Kathaकरवा चौथ 2022, आज कब निकलेगा चाँद Karwa Chauth Moonrise time
करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं को शाम के समय चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है। पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ का चांद रात 8.19 मिनट पर निकलेगा।Karwa Chauth Puja Mantra करवा चौथ पूजा मंत्र
पार्वती की पूजा- 'ॐ शिवायै नमः'शिवजी की पूजा- 'ॐ नमः शिवाय'कार्तिकेय की पूजा- 'ॐ षण्मुखाय नमः'गणेशजी की पूजा- 'ॐ गणेशाय नमः'चंद्रमा को अर्घ्य देते समय मंत्र- 'ॐ सोमाय नमः'करवा चौथ पर मां गौरी को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें
मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के दिन माँ गौरी के मंदिर जाकर श्रृंगार सामग्री अर्पित करने और गुलाबी रंग की चुनरी चढ़ाने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।करवा चौथ 2022 चांद निकलने का समय (karwa Chauth 2022 Moonrise Time)
दिल्ली- 08:09 पी एम।लखनऊ- 07:58 पी एम।
जयपुर- 08:19 पी एम।
देहरादून- 08:02 पी एम।
कानपुर- 08:01 पी एम।
चण्डीगढ़- 08:06 पी एम।
पटना- 07:44 पी एम।
मुम्बई- 08:48 पी एम।
पुणे- 08:45 पी एम।
रांची- 07:48 पी एम।
Happy Karwa Chauth 2022: चांद की पूजा से करती हूं
चांद की पूजा से करती हूंचांद की पूजा से करती हूं
तेरी सलामती की दुआ
तुझे लग जाए मेरी भी उमर
गम रहे हर पल जुदा।
करवाचौथ की हार्दिक बधाई...
करवा चौथ पर इस नियम की न करें अनदेखी
करवा चौथ की कथा सुनने के बाद व्रती अपनी सास को बयाना देती हैं. इस निमय का खास तौर पर पालन किया जाता है.करवा चौथ पर क्या दान करें?
करवा चौथ पर सुहाग से जुड़े समान जैसे कि सोलह शृंगार के सामान आदि का दान किया जाता है।श्री सूक्त और विष्णु सहस्रनाम का करें पाठ
आमतौर पर करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है, लेकिन साथ में महिलाओं श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए और पुरुषों को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और माँ लक्ष्मी और विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है।करवा चौथ के दिन बन रहा है सिद्धि योग
जब दिन, नक्षत्र और तिथि के बीच विशेष संबंध पाया जाता है तो सिद्धि योग का निर्माण होता है। उदाहरण:- यदि सोमवार के दिन नवमी/दशमी तिथि हो और साथ में रोहिणी/मृगशिरा/पुष्य/श्रवण/शतभिषा नक्षत्र हो तो सिद्धि योग बनेगा।मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता ज़रूर मिलती है। साथ ही मनुष्य की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सिद्धि योग आरंभ: 12 अक्टूबर 2022 की दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से
सिद्धि योग समाप्त: 13 अक्टूबर 2022 की दोपहर 01 बजकर 53 मिनट तक
करवा चौथ व्रत के नियम (Karwa Chauth Ke Niyam)
- यह व्रत सूर्योदय के पहले से चंद्रोदय तक रखना चाहिए।
- इस व्रत को चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाना चाहिए।
- चंद्रमा निकलने के 1 घंटे पहले भगवान शिव के पूरे परिवार यानी कि भगवान शिव, माँ पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जानी चाहिए।
- पूजा के समय भगवानों का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और व्रत करने वाली महिला का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- इस व्रत के दौरान जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
करवा चौथ पौराणिक कथा (Karwa Chauth Vrat Katha):
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक साहूकार था। जिसके सात बेटे थे और एक करवा नाम की बेटी भी थी। साहूकार के घर में करवा चौथ का व्रत रखा गया शाम के समय जब सभी लोग भोजन करने बैठे तो करवा के भाइयों ने अपनी बहन से कहा की वो भी भोजन कर ले। करवा ने कहा कि अभी चंद्रोदय नहीं हुआ है और वे चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करेगी। करवा ने सुबह से ही निर्जला व्रत रखा हुआ था और उसकी ये हालत सातों भाइयों से देखी नहीं जा रही थी। करवा के सबसे छोटे भाई ने दूर किसी पीपल के पेड़ पर इस तरह से दीपक जलाया कि करवा यह नहीं समझ पाई कि वह चांद नहीं है। अनजाने में उसने दीपक को चंद्रमा समझ कर अपना व्रत खोल लिया और भोजन का निवाला खाने लगी। करवा के खाने खाते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। दुःख से भरी करवा एक साल तक अपने पति के शव के साथ बैठी रही और उसके ऊपर उगने वाली घास-फूस को एकत्र करती रही। जब अगले साल करवा चौथ व्रत आया तो उसने पूरे विधि-विधान के साथ करवा चौथ का व्रत किया। जिससे उसके पति को जीवनदान मिल गया।करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)साहूकार के सात पुत्र और इकलौती पुत्री वीरावती की कथा करवा चौथ की सबसे प्रचलित और पौराणिक कथाओं में एक हैं। इसके अनुसार, एक ब्राह्मण साहूकार के साथ पुत्र और इकलौती पुत्री थी जिसका नामवीरावती था। वीरावती अपने पिता और भाइयों की बहुत लाडली थी। सभी भाई वीरावती पर खूब प्यार लुटाते थे। सबसे पहले वे अपनी बहन को खाना खिलाते थे उसके बाद खुद खाते थे। वीरावती का विवाह एक ब्राह्मण युवक से हुआ। विवाह के बाद वीरावती ससुराल से मायके आई हुई थी। वीरावती ने करवा चौथ का व्रत रखा था। शाम में जब सभी भाई घर पहुंचे तो वीरावती से भोजन करने का आग्रह करने लगे। तब बहन वीरावती ने कहा कि उसने करवा चौथ का निर्जला व्रत रखा है और चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही वह भोजन ग्रहण करेगी। लेकिन भूख-प्यास से वीरावती व्याकुल हो रही थी।बहन की यह दशा देख सभी भाई उससे भोजन करने का आग्रह करने लगे। लेकिन वीरावती बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए भोजन नहीं कर सकती थी। ऐसे में छोटे भाई ने एक तरकीब ढूंढी और उसने पीपल के पेड़ पर चढ़कर एक दीपक जलाकर छलनी की ओट से रख दिया। जिसे दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि चतुर्थी का चांद निकल आया हो। भाई ने वीरावती से कहा देखो चांद निकल गया है अब तुम जाकर चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण कर लो। बहन भी खुशी-खुशी चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद भोजन के लिए बैठ गई। लेकिन जैसे ही उसने भोजन का पहला टुकड़ा मुंह में डाला उसे छींक आ गई। दूसरा टुकड़ा डालते ही भोजन में बाल निकल आया और जैसे ही वह भोजन का तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने लगी तभी उसके ससुराल से पति की मृत्यु का समाचार आ गया।वीरावती की भाभियों ने उसकी दशा देखकर उसे भाई की सारी सच्चाई बताते हुए कहा कि गलत तरीके से करवा चौथ का व्रत खोलने के कारण देवता उससे नाराज हो गए। जब वीरावती को सच्चाई का पता चला तो उसने निश्चय किया कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने पति को पुनर्जीवित करा कर रहेगी। वीरावती पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रही और उसकी देखभाल करती रही।करवा चौथ के दिन इंद्र देव की पत्नी इंद्राणी धरती पर आईं। वीरावती उनके पास गई और उसने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना की। तब देवी इंद्राणी ने वीरावती को श्रद्धा और विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत करने के लिए कहा। वीरावती ने अगले साल करवा चौथ आने का इंतजार किया और उसने फिर से पूरी श्रद्धा के साथ करवा चौथ का व्रत रखा। उसकी पूजा और भक्ति से भगवान प्रसन्न हुए और उन्होंनें वीरावती को अखंड सौभाग्यवती भव: का आशीर्वाद दिया और उसके पति के प्राण वापस कर दिए।करवा चौथ का महत्व
शास्त्रों के अनुसार किसी भी महीने की चौथ भगवान गणेश को समर्पित होती है। मान्यता है कि करवा चौथ के दिन भगवान शिव के पूरे परिवार यानी कि शिव जी, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा चंद्रोदय से एक घंटा पहले की जानी चाहिए। ऐसा करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चलिए आगे बढ़ते हैं और करवा चौथ के शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited