नई दिल्ली समेत इन शहरों में दिखाई दिया करवा चौथ का चांद
Karwa Chauth 2023 Chand Time, Vrat Katha, Puja Muhurat, Time, Puja Vidhi, Samagri List, Moon Rise Time Today In Hindi LIVE Updates: यहां जानें करवा चौथ व्रत की कथा, आरती, मंत्र, सामग्री लिस्ट, पूजा मुहूर्त और चांद निकलने का समय।
नई दिल्ली समेत इन शहरों में दिखाई दिया करवा चौथ का चांद
करवा चौथ भारत का एक लोकप्रिय पर्व है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। तो वहीं कई जगह ये व्रत कुंवारी लड़कियों द्वारा भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह व्रत सूर्योदय से पहले सरगी के साथ शुरू हो जाता है और इसकी समाप्ति चांद निकलने के बाद होती है। इस व्रत में चंद्र दर्शन जरूरी माना जाता है। साल 2023 में करवा चौथ व्रत 1 नवंबर को पड़ रहा है।
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Karva Chauth 2023 Puja Time (करवा चौथ पूजा समय 2023)
करवा चौथ पूजा मुहूर्त (1 नवंबर 2023) - 05:29 PM से 06:45 PM
करवा चौथ व्रत समय (1 नवंबर 2023) - 06:13 AM से 08:14 PM
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय (1 नवंबर 2023) - 08:14 PM
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर 2023 को 09:30 PM बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - 01 नवम्बर 2023 को 09:19 PM बजे
Karwa Chauth Vrat Katha, Story, Kahani in Hindi: Read Here
Karva Chauth Sargi: करवा चौथ में सरगी क्या है?
करवा चौथ का त्यौहार सरगी के साथ आरम्भ होता है। सरगी करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले किये जाने वाले भोजन को कहते हैं। जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं उनकी सास उनके लिए सरगी बनाती हैं। वहीं जिनकी सास नहीं होती वो अपने पति से या खुद ही सरगी बनाती हैं। सरगी में सास द्वारा अपनी बहू को पहनने के लिए नए वस्त्र, श्रृंगार का समान और खाने-पीने की चीजें दी जाती हैं।
Karva Chauth Puja Vidhi (करवा चौथ व्रत की पूजा-विधि)
-सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं और स्नान आदि करके पूजा घर की सफ़ाई कर लें।
-फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके अपना व्रत शुरू करें।
-इसके बाद शाम में फिर से स्नान करें और अच्छे से तैयार हो जाएं।
-इसके बाद एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। जिसमें 10 से 13 करवे रखें।
-एक थाली में पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि चीजें रखें। दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रखें जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे।
-फिर चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू करनी चाहिए।
-शाम की पूजा के समय व्रत कथा भी जरूर सुनें।
-फिर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने की तैयारी करें।
-इस दिन चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा करना चाहिए। साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य देते हुए चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।
-चंद्रमा की पूजा के बाद उसे भोग लगाया जाता है।
-चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर नए वस्त्र, मिष्ठान, फल, मेवे, रूपये आदि देती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करती है।
करवा चौथ का चांद दिखने से पहले जरूर पढ़ें गणेश जी की कहानी
Ganesh Ji Ki Kahani (गणेश जी की कहानी)पौराणिक कथा अनुसार काफी समय पहले की बात है एक गांव में एक अंधी बुढ़िया रहती थी जिसका एक लड़का और बहू थी। उसका परिवार गरीब था। अन्धी बुढ़िया रोजाना गणेश जी की विधि विधान पूजा किया करती थी। गणेश जी उस बुढ़िया की भक्ति से प्रसन्न हुए और एक दिन साक्षात् उसके सन्मुख आकर कहते हैं कि मैं आपकी पूजा से प्रसन्न हूं। जो वर मांगना है वो मांग लो। बुढिया ने कहा मुझे मांगना नहीं आता तो कैसे और क्या मांगू।
तब गणेश जी बोले अपने बहू- बेटे से पूछकर मांग लो। तब बुढ़िया अपने पुत्र और बहू से पूछने गई तो बेटा बोला कि धन मांग लो और बहू ने कहा की पोता मांग लो। तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने ही मतलब की बातें कर रहे हैं। फिर बुढ़िया ने पड़ोसियों से पूछा तो, पड़ोसियों ने कहा बुढ़िया तेरी थोड़ी सी जिंदगी बची है। तो तूं क्यों मांगे धन और पोता, तू तो केवल अपने नेत्र मांग ले जिससे तेरी बची हुई जिंदगी सुख से गुजरे।
उस बुढ़िया ने बेटे-बहू और पड़ोसियों की बातें सुनने के बाद घर में जाकर सोचा, कि क्यों न ऐसी चीज मांग लूं जिसमें बेटा बहू और मेरा सबका ही भला हो जाए। जब दूसरे दिन श्री गणेश जी आये तो बुढ़िया बोली, हे गणराज! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों में प्रकाश दें, नाती पोते दें, और समस्त परिवार को सुख प्रदान करें। फिर अंत में मोक्ष दें।
बुढ़िया की बात सुनकर गणेश जी बोले तूने तो मुझे ठग लिया। खैर जो कुछ तूने मांगा है वह सभी तुझे मिलेगा। यूं कहकर गणेश जी अंतर्ध्यान हो गये। हे गणेश जी! जैसे बुढिया मां को मांगे अनुसार सब कुछ दिया वैसे ही हम सबको देना।
Karva Chauth Moon Time In Dehradun: करवा चौथ का चांद देहरादून में कब दिखेगा
करवा चौथ का चांद देहरादून में रात 8 बजकर 6 मिनट पर दिखेगा।करवा चौथ चांद की पूजा मंत्र( Karwa Chauth Chand Puja Mantra)
करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥ इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे।श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमः
शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय
पार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमः
स्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमः
चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः
'मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'
karva chauth ka chandrama kab nikalega: करवा चौथ का चंद्रमा कब निकलेगा
- गाजियाबाद में करवा चौथ का चांद रात 08:14 पर दिखाई देगा।
- लुधियाना में करवा चौथ का चांद रात 08:13 पर दिखाई देगा।
- वाराणसी में करवा चौथ का चांद रात 08:00 पर दिखाई देगा।
- श्रीनगर में करवा चौथ का चांद रात 08:07 पर दिखाई देगा।
- अलीगढ़ में करवा चौथ का चांद रात 08:13 पर दिखाई देगा।
- गुरुग्राम में करवा चौथ का चांद रात 08:16 पर दिखाई देगा।
Karwa Chauth 2023 Puja Time ( करवा चौथ पूजा टाइम)
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत 01 नवंबर को प्रातः 06: 33 मिनट से आरंभ होकर चंद्रोदय तक रखा जाएगा। व्रत की कुल अवधि 13 घंटे 42 मिनट की है। ध्यान रहे कि करवा चौथ का व्रत चंद्रदर्शन के बाद उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है।करवा चौथ पूजा विधि ( Karva Chauth Puja Vidhi)
करवा चौथ की पूजा के लिए पूजा के स्थान पर सही दिशा देखकर करवा माता की तस्वीर दीवार पर लगा लें। फिर पूजा की थाली तैयार कर लें। पूजा के शुभ मुहूर्त में अपनी सास या फिर जेठानी या फिर किसी अन्य पूज्य महिला से करवा चौथ की व्रत कथा सुनेंकथा सुनते वक्त थाली में जल से भरा लोटा और मिट्टी के करवे में जल भरकर उसे ढक्कन सहित रख लें। इसके अलावा थाली में रोली, गेहूं, धूप, दीपक, सींक आदि सब रख लें। कथा सुनने के बाद 7 बार करवे की अदला-बदली करें। उसके बाद इस जल से भरे करवे को रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए रख लें। फिर चंद्रमा के निकलने के बाद दीपक जलाकर पूजा करें और आरती उतारे। छलनी से चंद्रमा के दर्शन करने के बाद पति का चेहरा देखकर अपना व्रत खोलें। उसके बाद घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर भोजन करें।Ganesh Ji ke Kahani ( करवा चौथ गणेश जी की कहानी)
एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा. रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी.साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ। साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं। साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया। साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया. इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।करवा चौथ की आरती (Karva Chauth Aarti Lyrics)
ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।ॐ जय करवा मैया...सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।Rangoli Design For Karva chauth ( करवा चौथ रंगोली डिजाइन)
करवा चौथ 2023 शुभ मुहूर्त ( Puja Muhurat For Karwa Chauth )
हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि का आरंभ 31 अक्टूबर रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और 1 नवंबर रात 9 बजकर 19 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। बता दें कि व्रत का समय सुबह 6 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक है।करवा चौथ पूजा विधि- Karwa Chauth 2023 Pujan Vidhi
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई पूजा कर व्रत का संकल्प लें। फिर शाम में सबसे पहले भगवान गणेश का स्मरण करते हुए चंद्रमा और करवा माता की पूजा करें। करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ की कथा पढ़े। चंद्रमा को अर्घ्य दें छलनी से पहले चंद्रमा को देखें फिर पति को देखें और पति द्वारा पानी पी कर व्रत पूरा करें।करवा चौथ की आरती (Karva Chauth Aarti)
ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।ॐ जय करवा मैया...सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।16 Shringar list for Karva chauth: सोलह श्रृंगार लिस्ट
बिंदीकाजललिपिस्टिकसिंदूरगजराआलतामेहंदीलाल साड़ीमांगटीकालाल चूड़ीबिछियापायलकमरबंदमंगलसूत्रनेलपेंटकान की बालीKarwa Chauth Thali Item For Puja: करवा चौथ की थाली का सामान
करवा चौथ की थाली में एक आटे से बना दीपक होना चाहिए, उस दीपक में रुई की बात्ती का होना जरुरी है.मिट्टी का करवा पूजा की थाली में होना चाहिए.एक जल का कलश होना बहुत जरुरी है जिससे आप चंद्रमा को अर्घ्य देंगे.छलनी का होना भी जरुरी है, जिससे आप चांद के दर्शन करेंKarva Chauth 2023 Puja Time In Meerut : मेरठ करवा चौथ पूजा समय
मेरठ में 05:34 PM से 06:52 PM तककरवा चौथ चांद पूजा विधि ( Karwa Chauth Chand Puja Vidhi)
करवा चौथ के दिन चांद निकलने के साथ पहले उसे छलनी से देखना चाहिए। छलनी में चांद देखते समय उसमे एक दीपक जरूर रखें। करवा चौथ के दिन शाम को कथा पूजा करने के बाद चांदी के सिक्के और अक्षत, शक्कर दूध कलश में डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ की पूजा सफल मानी जाती है।करवा चौथ कथा टाइम ( Karva Chauth Katha Time)
करवा चौथ की कथा दोपहर के बाद ही सुनी जाती है। इसलिए आज 2 बजकर 30 मिनट के बाद कथा सुनी जा सकती है। इस कथा को आप शाम से पहले सुन सकते हैं।Ganesh Ji ke Kahani ( करवा चौथ गणेश जी की कहानी)
एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा. रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी.साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ। साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं। साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया। साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया. इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।करवा चौथ पूजा विधि- Karwa Chauth 2023 Pujan Vidhi
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई पूजा कर व्रत का संकल्प लें। फिर शाम में सबसे पहले भगवान गणेश का स्मरण करते हुए चंद्रमा और करवा माता की पूजा करें। करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ की कथा पढ़े। चंद्रमा को अर्घ्य दें छलनी से पहले चंद्रमा को देखें फिर पति को देखें और पति द्वारा पानी पी कर व्रत पूरा करें।करवा चौथ 2023 शुभ मुहूर्त ( Puja Muhurat For Karwa Chauth )
हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि का आरंभ 31 अक्टूबर रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और 1 नवंबर रात 9 बजकर 19 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। बता दें कि व्रत का समय सुबह 6 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक है।करवा चौथ की आरती (Karva Chauth Aarti)
ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।ॐ जय करवा मैया...सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।Karwa Chauth Puja Mantra 2023( करवा चौथ मंत्र)
करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा।ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे।सुवासिनीभ्यो दद्याच्च आदद्यात्ताभ्य एववा।।एवं व्रतंया कुरूते नारी सौभाग्य काम्यया।सौभाग्यं पुत्रपौत्रादि लभते सुस्थिरां श्रियम्।।देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम।रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि द्विषो जहि।।Mehandi Design For Foot ( पैर की मेंहदी डिजाइन)
Karva Chauth Message In Hindi ( करवा चौथ संदेश हिंदी में)
जो मेरी हर मुस्कान की वजह है, जो मेरी सारी खुशियों की वजह है, ऐसे प्रिय पतिदेव को करवा चौथ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ! जो मेरी हर मुस्कान की वजह है, जो मेरी सारी खुशियों की वजह है, ऐसे प्रिय पतिदेव को करवा चौथ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं !why do we celebrate karva chauth ( करवा चौथ क्यों मनाया जाता है)
पौराणिक काल से यह मान्यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें। मगर यमराज ने उसकी बात नहीं मानी। इस पर सावित्री अन्न जल त्यागकर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी। काफी समयि तक सावित्री के हठ को देखकर यमराज को उस पर दया आ गई। यमराज ने उससे वर मांगने को कहा। इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने का वर मांग लिया। सावित्री पतिव्रता नारी था और अपने पति के अलावा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी तो यमराज को भी उसके आगे झुकना पड़ा और सत्यवान को जीवित कर दिया। तभी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं सावित्री का अनुसरण करते हुए निर्जला व्रत करती हैं।करवा चौथ के दिन बाल धोना चाहिए या नहीं ( Should hair be washed on Karva Chauth or not?)
करवा चौथ के दिन बाल धो सकते हैं पर ये ध्यान रखना होगा कि आपके मुंह में पानी ना जाए। यदि आपके मुंह में नहाते समय पानी चला जाता है तो आपका व्रत खंडित हो सकता है।करवा चौथ की आरती (Karva Chauth Aarti)
ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।ॐ जय करवा मैया...सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ॐ जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।Ganesh Ji ke Kahani ( करवा चौथ गणेश जी की कहानी)
एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी. एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा. रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी.साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ। साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं। साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया। साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया. इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।करवा चौथ क्यों मनाया जाता है ( Karva Chauth Kyun Manya Jata Hai)
पौराणिक काल से यह मान्यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें। मगर यमराज ने उसकी बात नहीं मानी। इस पर सावित्री अन्न जल त्यागकर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी। काफी समयि तक सावित्री के हठ को देखकर यमराज को उस पर दया आ गई। यमराज ने उससे वर मांगने को कहा। इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने का वर मांग लिया। सावित्री पतिव्रता नारी था और अपने पति के अलावा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी तो यमराज को भी उसके आगे झुकना पड़ा और सत्यवान को जीवित कर दिया। तभी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं सावित्री का अनुसरण करते हुए निर्जला व्रत करती हैं।16 Shringar list for Karva chauth: सोलह श्रृंगार लिस्ट
बिंदीकाजललिपिस्टिकसिंदूरगजराआलतामेहंदीलाल साड़ीमांगटीकालाल चूड़ीबिछियापायलकमरबंदमंगलसूत्रनेलपेंटकान की बालीKarwa Chauth 2023 Choghadiya Muhurat (करवा चौथ 2023 चौघड़िया मुहूर्त)
दिन का चौघड़ियालाभ - उन्नति - 06:23 AM से 07:47 AM
अमृत - सर्वोत्तम - 07:47 AM से 09:10 AM
शुभ - उत्तम - 10:33 AM से 11:56 AM
चर - सामान्य - 02:42 PM से 04:05 PM
लाभ - उन्नति - 04:05 PM से 05:28 PM
रात्रि का चौघड़िया
शुभ - उत्तम - 07:05 PM से 08:42 PM
अमृत - सर्वोत्तम - 08:42 PM से 10:19 PM
चर - सामान्य - 10:19 PM से 11:56 PM
लाभ - उन्नति - 03:10 AM से 04:47 AM, नवम्बर 02
Karva Chauth Wishes 2023: करवा चौथ शुभकामना संदेश
सुख-दुःख में हम-तुमहर पल साथ निभाएंगे
एक जन्म नहीं सातों जन्म
पति-पत्नी बन आएंगे !
Happy Karwa Chauth Dear !
Karwa Chauth 2023 Moon Rise Time In Hindi (करवा चौथ पर चांद निकलने का समय 2023)
करवा चौथ पर चांद रात 08 बजकर 06 मिनट पर दिखाई देगा। करवा चौथ की पूजा चांद की पूजा के बाद ही पूरी मानी जाती है। इसलिए चांद निकलने से पहले व्रत कथा पूजा पूरी कर लें।Karwa Chauth 2023 Moon Time In Hindi (करवा चौथ 2023 पर चांद कब निकलेगा)
ज्योतिष अनुसार इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर की रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। करवा चौथ व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। वहीं करवा चौथ पर चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 14 मिनट का है।Karva Chauth 2023 Sargi Time: सरगी कितने बजे तक खाई जा सकती है, क्या सरगी के बाद सो सकते हैं
सरगी खाने का समय सुबह 5 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। सरगी लेने के बाद सो सकते हैं।करवा चौथ व्रत पूजा सामग्री लिस्ट- Karwa Chauth 2023 Pujan Samagri List
करवा चौथ व्रत की पूजा में कई चीजें लगती हैं, जो ज्यादातर आपकी किचन में मौजूद हैं. और जो चिकन में नहीं मौजूद उन्हें आफ मार्केट से खरीद सकते हैं. चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ आदि।Karwa CHauth Mantra: करवा चौथ मंत्र
श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमःशिव का मंत्र - ॐ नमः शिवायपार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमःस्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमःचंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः'मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।''नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'Karva Chauth Sargi Time : करवा चौथ सरगी टाइम
करवा चौथ के दिन सरगी सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में यानि 4 से 5 बजे के बीच ली जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2023 में सरगी लेने का शुभ मुहूर्त 4 बजे से लेकर 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।करवा चौथ पूजा सामग्री (Karwa chauth Puja samagri)
करवा चौथ की पूजा के लिए टोटीवाला करवा (मिट्टी या तांबे का ढक्कन वाला करवा), कलश,रोली, कुमकुम, मौली, अक्षत,पान, व्रत कथा की पुस्तक, दही, शक्कर का बूरा,चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाईदेसी घी, इत्र, नारियल, जनेऊ जोड़ा, अबीर, गुलाल, शहद, दक्षिणा, कच्चा दूध.छलनी, कपूर, गेहूं, बाती (रूई), करवा माता की तस्वीर, दीपक, अगरबत्ती, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी.सरगी - 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान16 श्रृंगार का सामान - कुमकुम, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, काजल, बिछुआ,काली पोतकरवा चौथ का व्रत कैसे रखते हैं ( Karva Chauth ka Vrat Kaise Rakhte Hain)
करवा चौथ की पूजा के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करके, लकड़ी का पाटा बिछाकर उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की प्रतिमा, तस्वीर या चित्र स्थापित कर दें। बाजार में करवा चौथ की पूजा के लिए कैलेंडर भी मिलते हैं, जिस पर सभी देवी-देवताओं के चित्र बने होते हैं। इस प्रकार देवी- देवताओं की स्थापना करके पाटे की उत्तर दिशा में एक जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करें और उसमें थोड़े-से चावल डाल दें। अब उस पर रोली, चावल का टीका लगाकर लोटे पर मौली बांध दें। कुछ लोग कलश के आगे मिट्टी से बनी गौरी जी या सुपारी पर मौली लपेटकर भी रखते हैं। इस प्रकार कलश की स्थापना के बाद मां गौरी की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सिंदूर चढ़ाना चाहिए। इस दिन चीनी से बने करवे का भी पूजा में बहुत महत्व होता है। कुछ लोग मिट्टी से बना करवा भी रख लेते हैं। साथ ही चार पूड़ी और चार लड्डू तीन अलग-अलग जगह लेकर, एक हिस्से को पानी वाले कलश के ऊपर रख दें। दूसरे हिस्से को मिट्टी या चीनी के करवे पर रखें और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध लें। कुछ जगहों पर पूड़ी और लड्डू के स्थान पर मीठे पुड़े भी चढ़ाए जाते हैं। आप अपनी परंपरा के अनुसार इन सब का चुनाव कर सकते हैं।अब देवी मां के सामने घी का दीपक जलाएं और उनकी कथा पढ़ें। इस प्रकार पूजा के बाद अपनी साड़ी के पल्ले में रखे प्रसाद और करवे पर रखे प्रसाद को अपने बेटे या अपने पति को खिला दें और कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें। बाकी पानी से भरे कलश को पूजा स्थल पर ही रखा रहने दें। रात को चंद्रोदय होने पर इसी लोटे के जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग लगाएं।Aaj Ka Panchang, 1 February 2025: फरवरी के पहले दिन का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल, ब्रह्म मुहूर्त, दिशा शूल और शनिवार के उपाय
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