Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi: करवा चौथ की व्रत कथा हिंदी में यहां पढ़ें

Karwa Chauth 2023 Vrat Katha in Hindi (करवा चौथ व्रत कथा हिंदी | करवा चौथ व्रत कहानी): करवा चौथ व्रत के दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में करवा माता की पूजा की जाती है। इस दौरान सभी महिलाएं इकट्ठा होकर करवा चौथ व्रत की कथा भी सुनती हैं। जानिए क्या है करवा चौथ की कथा।

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Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi

Karwa Chauth 2023 Vrat Katha in Hindi (करवा चौथ व्रत कथा): सनातन धर्म में कोई भी व्रत उसकी कथा के बिना अधूरा माना जाता है। हर व्रत की कोई न कोई कहानी होती है जो उसके महत्व के बारे में बताती है। इसी तरह करवा चौथ की भी एक कहानी है। जिसे पढ़ना या सुनना हर सुहागिन स्त्री जो करवा चौथ व्रत करती है उसके लिए जरूरी होता है। साल 2023 में करवा चौथ व्रत 1 नवंबर को पड़ा है (karva chauth ki kahani in hindi)। इस बार करवा चौथ व्रत कथा करने का शुभ मुहूर्त शाम 05:33 से 06:52 तक रहेगा। यहां देखें करवा चौथ व्रत की कथा (karva chauth ki sampurn katha)।

Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi (करवा चौथ की पौराणिक व्रत कथा)

श्री गणेशाय नमः !

एक साहूकार के सात पुत्र और एक पुत्री थी। एक बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सेठानी, उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने करवा चौथ का व्रत रखा। रात के समय जब साहूकार के सभी बेटे भोजन करने के लिए बैठे तो उन्होंने अपनी प्रिय बहन को भोजन कर लेने के लिए कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देने के बाद ही मैं भोजन करूंगी।

चूंकि साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, इसलिए उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा काफी दुख दे रहा था। साहूकार का एक बेटा नगर के बाहर चला गया और उसने वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उसने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा कि चांद निकल आया है, तुम सब भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन ये चांद नहीं है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं।

साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों की बात अनसुनी कर दी और वो भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देने पहुंच गई। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग होने की वजह से भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण ही उसका पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में खर्च हो गया।

साहूकार की बेटी को जब अपने दोषों का पता लगा तो उसने बहुत पश्चाताप किया। उसने गणेश जी से क्षमा मांगी और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू किया। उसने उपस्थित सभी लोगों का आदर किया और तदुपरांत सबसे आशीर्वाद ग्रहण किया।

इस प्रकार लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर भगवान गणेश उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। इस तरह से लड़की के पति को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल गई और उसे धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया।

बोलो करवा चौथ माता की जय !

karwa Chauth Chand Time 2023 (करवा चौथ चांद निकलने का समय)

पंचांग अनुसार करवा चौथ का चांद रात 8 बजकर 14 मिनट पर निकलेगा। चांद को अर्घ्य देने से पहले करवा चौथ व्रत की पूजा पूरी कर लें।

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