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karva Chauth Ki katha in Hindi Live: करवा चौथ व्रत वाले दिन जरूर पढ़नी चाहिए ये 3 पौराणिक कथाएं

karva Chauth ki katha in Hindi, Karwa Chauth Vrat Ki Kahani, Puja Ki Katha, Bhai Bahan ki karva Chauth Wali katha Likhit Mein (भाई बहन की करवा चौथ वाली कथा), Sahu Kaar Ki betiyo Vali Karwa Chauth Ki Kahani (साहूकार की बेटियां वाली करवा चौथ की कहानी) LIVE Updates: करवा चौथ व्रत के महत्व को बताने वाली कई पौराणिक कथाएं हैं। जिन्हें व्रत वाले दिन जरूर पढ़ना चाहिए। चलिए आपको बताते हैं करवा चौथ व्रत की कथा।

karva Chauth Ki katha in Hindi Live: करवा चौथ व्रत वाले दिन जरूर पढ़नी चाहिए ये 3 पौराणिक कथाएं

karva Chauth Ki katha in Hindi Live: करवा चौथ व्रत वाले दिन जरूर पढ़नी चाहिए ये 3 पौराणिक कथाएं

karva Chauth ki katha in Hindi, Karwa Chauth Vrat Ki Kahani, Puja Ki Katha, Bhai Bahan ki karva Chauth Wali katha Likhit Mein (भाई बहन की करवा चौथ वाली कथा), Sahu Kaar Ki betiyo Vali Karwa Chauth Ki Kahani (साहू कार की बेटियां वाली करवा चौथ की कहानी) LIVE Updates: करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाएं सुबह स्नानादि नित्य कर्म करके व्रत का संकल्प लेती हैं। साथ ही ईश्वर से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बाद पूरे दिन निर्जला रहकर शाम में शुभ मुहूर्त में विधि विधान पूजा करती हैं। साथ ही करवा चौथ की कथा सुनती हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार कोई भी व्रत कथा के बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आएं हैं करवा चौथ व्रत की कुछ पौराणिक कथाएं।

Karwa Chauth Puja Vidhi Step By Step

करवा चौथ व्रत कथा समय 2024 (Karwa Chauth Vrat Katha Time 2024)
करवा चौथ व्रत पूजा मुहूर्त और कथा का समय 20 अक्टूबर की शाम 05:46 से 07:02 बजे तक का है। इस दौरान करवा चौथ की कथा पढ़ना बेहद फलदायी साबित होगा।

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi)
करवा चौथ की पौराणिक कथा अनुसार प्राचीन काल में एक साहूकार हुआ करते थे। जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। करवा चौथ का पर्व आया तब साहूकार की सातों बहू और बेटी ने ये व्रत रखा। शाम को जब साहूकार और उसके बेटे भोजन के लिए आए तो उनसें अपनी बहन की भूख से व्याकुल हाल देखी नहीं गई। उन्होंने अपनी बहन को भोजन करने के लिए कहा लेकिन बहन ने कहा कि मैं चंद्रमा की पूजा करके ही भोजन करूंगी। काफी समय होगा जब चंद्रमा नहीं निकला तो भाईयों के मन में एक विचार आया। ऐसे में सातों भाई नगर से बाहर चले गए और दूर जाकर उन्होंने आग जला दी। वापस घर आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा कि बहन देखो चांद निकल आया है, अब उसे देख कर अपना व्रत तोड़ दो। बहन भाईयों की ये चाल समझ नहीं पाई और उसने अग्नि को चांद मानकर अपना व्रत तोड़ दिया। छल से तोड़े गए इस व्रत के कारण उसका पति बीमार हो गया और उसका सारा पैसा उसकी बीमारी में खर्च हो गया। जब साहूकार की बेटी को अपने भाइयों के इस छल और अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने गणेश भगवान की विधि-विधान पूजा की और अनजाने में खुद से हुई भूल की क्षमा मांगी, जिससे उसका पति ठीक हो गया।

Karwa Chauth 2024 Puja Time, Moon Rise Time

करवा चौथ की कहानी (Karwa Chauth Ki Kahani)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार ये व्रत सबसे पहले शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। कहते हैं इसी व्रत के प्रभाव से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी। कहते हैं तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रख रही हैं। इस व्रत से जुड़ी एक कहानी के अनुसार एक बार देवताओं और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया। जिसमें राक्षसों की जीत हो रही थी। तभी ब्रह्मा देव ने सभी देवताओं की पत्नियों को करवा चौथ का पावन व्रत रखने के लिए कहा। कहते हैं इसके बाद कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी के दिन सभी देवियों ने अपने पतियों के लिए व्रत रखा जिससे देवताओं की जीत हुई। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद से ही इस व्रत को रखे जाने की शुरुआत हो गई थी। इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि द्रौपदी ने भी पांडवों को कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था।

करवा चौथ की पौराणिक कथा (Karwa Chauth Vrat Ki Pauranik Katha)
करवा चौथ व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा अनुसार, देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थीं। एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने गए थे। स्नान के समय मगरमच्छ ने देवी करवा क पति का पैर पकड़ लिया और वह उन्हें नदी में खींचने लगा। मदद के लिए पति अपनी पत्नी करवा को पुकारने लगे। पति की दर्द भरी पुकार सुनकर करवा दौड़कर नदी के पास पहुंचीं। पति की रक्षा के लिए करवा ने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया। करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छ एक कच्चे धागे में ही इस तरह से बंध गया था कि वह थोड़ा भी हिल नहीं पा रहा था। लेकिन अभी भी करवा के पति और मगरमच्छ दोनों के प्राण संकट में फंसे थे।

तब करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति के लिए जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने की प्रार्थना की। करवा के कहने पर यमराज पधारे और उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है और तुम्हारे पति की अब आयु पूरी हो चुकी है। इस बात पर करवा को क्रोध आ गया और वो बोलीं, यदि आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको श्राप दूंगी। करवा के क्रोध को देखकर यमराज ने मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया। कहते हैं करवा चौथ के व्रत में सुहागन महिलाएं करवा माता से प्रार्थना करती हैं कि ‘हे करवा माता जैसे आपने अपने पति को बचाया वैसे ही मेरे सुहाग की भी रक्षा करना।

Oct 19, 2024 | 12:55 PM IST

Karwa Chauth Vrat Significance: करवा चौथ व्रत क्यों रखा जाता है

करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के द्वारा अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की के लिए किया जाता है। हालांकि, कई कुंवारी कन्याएँ मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
Oct 19, 2024 | 12:07 PM IST

Karwa Chauth 2024 Chand Time: करवा चौथ पर चांद कब निकलेगा

करवा चौथ के दिन चांद शाम 7 बजकर 55 मिनट पर निकलेगा।
Oct 19, 2024 | 11:57 AM IST

करवा चौथ का महत्व

हिंदू मान्यता के अनुसार, यदि महिला पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखती है, तो उसके पति की उम्र लंबी होती है और उसे अखंड सौभाग्‍य का वरदान मिलता है। इस दिन महिलाओं को पूरे सोलह श्रृंगार कर व्रत करना चाहिए और करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए।
Oct 19, 2024 | 11:56 AM IST

करवा चौथ की सरगी में क्या देना चाहिए? (Karwa Chauth Ki Sargi Me Kya Hota Hai)

करवा चौथ की सरगी में ताजे फल, मेवे, नारियल पानी, चाय, जूस, पराठा, फेनी इत्यादि चीजें होती हैं। इसके अलावा इस सरगी में सास अपनी बहू को साड़ी या सूट और श्रृंगार की सामग्री भी देती है। कहते हैं सरगी के दौरान ऐसी चीजें खानी चाहिए जिससे पूरे दिन शरीर में ऊर्जा रहे।
Oct 19, 2024 | 11:07 AM IST

करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं?

करवा चौथ की रात को पत्नी पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य अर्पित करती हैं। इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं।
Oct 19, 2024 | 10:29 AM IST

Karwa Chauth Sankalp Mantra: करवा चौथ संकल्प मंत्र

'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
Oct 19, 2024 | 09:44 AM IST

Karwa Chauth Vrat Katha Sunaye: करवा चौथ व्रत कथा सुनाएं

Oct 19, 2024 | 09:22 AM IST

सोलह श्रृंगार की सामग्रियां (Solah Shringar Samagri)

सिन्दूर, मेहंदी, चुनरी, बिंदिया, कंघा, बिछिया, मंगलसूत्र, महावर, नेल पॉलिश, चूड़ी, दीपक, अगरबत्ती, दक्षिणा के पैसे, मांग टीका, वस्त्र।
Oct 19, 2024 | 09:22 AM IST

करवा चौथ की थाली (Karva Chauth Ki Thali Samagri)

करवा, सिन्दूर, पानी का लोटा, छलनी, दीपक, मिट्टी के 5 डेलिया, कांस की तीलियां और मिठाई।
Oct 19, 2024 | 09:22 AM IST

करवा चौथ पूजा सामग्री (Karva Chauth Puja Samagri In Hindi)

ताजे फल
मेवे
मिठाई
हलवा या खीर
पका हुआ भोजन
पानी
Oct 19, 2024 | 09:22 AM IST

करवा चौथ पूजा सामग्री (Karva Chauth Puja Samagri In Hindi)

  • करवा माता की तस्वीर और छलनी
  • करवाचौथ व्रत की कथा
  • मौली
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • रोली
  • चन्दन
  • फूल
  • कलश भर जल
  • हल्दी
  • चावल
  • मिठाई
  • कच्चा दूध
  • पान
  • मिट्टी का करवा (कलश)
  • दही, देसी घी
  • शक्कर
  • शहद
  • नारियल
Oct 19, 2024 | 09:22 AM IST

करवा चौथ पूजन विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi In Hindi)

  • करवा चौथ व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सरगी लें।
  • इसके बाद ही नहा धोकर निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  • फिर पूरे दिन कुछ भी खाना-पीना नहीं है।
  • शाम की पूजा से पहले व्रती महिलाएं फिर से स्नान कर सुंदर वस्त्र धारण करें।
  • कहते हैं करवा चौथ की पूजा 16 श्रृंगार के साथ करनी चाहिए।
  • पूजन के समय दीवार पर करवा चौथ की पूजा का चित्र बनाएं या बाजार से लाया हुआ कैलेंडर दीवार पर लगाएं।
  • फिर एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें और इन पर 10 से 13 करवे रखें।
  • करवा में 21 सींकें लगाएं और उसके अंदर खील, बताशे, चूरा और साबुत अनाज डालें।
  • करवा के ऊपर रखे दीपक को जलाएं। फिर इसके पास पूड़ियां, मीठा हलवा, खीर और अन्य पकवान रखें।
  • पूजा के समय एक लोटे में जल भी रखें। पूजा के बाद इसी जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
  • फिर धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि से विधिवत पूजा करें। ध्यान रहे कि पूजा के समय दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहे जिससे वो देर तक जलता रहे।
  • इसके बाद करवा चौथ की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  • करवा चौथ की पूजा में मुख्य रूप से चावल के आटे का प्रसाद तैयार किया जाता है। व्रत खोलते समय जल के बाद सबसे पहले इसी प्रसाद को महिलाएं खाती हैं।
  • पूजा के समय कई महिलाएं सुहाग की सामग्री भी चढ़ाती हैं।
  • जब चांद निकल जाए तो छलनी की ओट से पति को देखने के बाद फिर चांद के दर्शन करें।
  • इसके बाद चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
  • फिर पति के हाथ से पानी पीकर और कुछ मीठा खाकर अपना व्रत खोल लें।
Oct 19, 2024 | 09:21 AM IST

Karwa Chauth Puja Muhurat 2024: करवा चौथ पूजा मुहूर्त 2024

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। तो वहीं करवा चौथ व्रत का समय सुबह 06:25 से 07:54 बजे तक रहेगा।

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