Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ व्रत कथा, देखें बुढ़िया और गणेश जी की ये कहानी

Sankashti Chaturthi Vrat Katha Or Ganesh Ji Ki Katha: करवा चौथ (Karwa Chauth) पर कई जगह गणेश जी की ये व्रत कथा भी सुनी जाती है।

ganesh ji ki katha

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर सुनें गणेश जी की ये कथा

Karwa Chauth Ki Katha Or Ganesh Ji Ki Kahani : करवा चौथ का व्रत इस बार 13 अक्टूबर को रखा जा रहा है। इस दिन शिव परिवार की विशेष रूप से पूजा की जाती है। करवा चौथ पर संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) भी मनाई जाती है। करवा चौथ पर शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा की जाती है और फिर व्रत कथा सुनी जाती है। करवा चौथ पूजन के समय सुनें भगवान गणेश जी और बुढ़िया की ये कथा।

करवा चौथ व्रत कथा (karwa Chauth Vrat Katha)

बहुत समय पहले की बात है। एक अन्धी बुढ़िया थी जिसका एक लड़का और बहू थी। वो लोग बहुत गरीब थे। वह अन्धी बुढ़िया रोजाना गणेश जी की पूजा किया करती थी। गणेश जी उस बुढ़िया से प्रसन्न होकर एक दिन साक्षात् सन्मुख आकर कहते हैं कि मैं आपकी पूजा से प्रसन्न हूं आपको जो वर मांगना है वो मांग लें। बुढिया कहती है, मुझे मांगना नहीं आता तो कैसे और क्या मांगू।
तब गणेश जी बोले कि अपने बहू- बेटे से पूछकर मांग लो। तब बुढिया ने अपने पुत्र और वधु से पूछा तो बेटा बोला कि धन मांग ले और बहु ने कहा की पोता मांग लें। तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बातें कर रहे हैं। फिर बुढ़िया ने पड़ोसियों से पूछा तो, पड़ोसियों ने कहा कि बुढ़िया तेरी थोड़ी सी जिंदगी बची है। क्यूँ मांगे धन और पोता, तू तो केवल अपने नेत्र मांग ले जिससे तेरी बाकी की जिंदगी सुख से व्यतीत हो जाए।
उस बुढ़िया ने बेटे और बहू तथा पडौसियों की बातें सुनकर घर में जाकर सोचा, कि क्यों न ऐसी चीज मांग लूं जिसमें बेटा बहू और मेरा सबका ही भला हो। जब दूसरे दिन श्री गणेश जी आये और बोले, कि आपको क्या मांगना है कृप्या बताइए? हमारा वचन है जो आप मांगेगी सो वो हो जाएगा। गणेश जी के वचन सुनकर बुढ़िया बोली, हे गणराज! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आँखों में प्रकाश दें, नाती पोते दें, और समस्त परिवार को सुख दें। फिर अंत में मोक्ष दें।
बुढ़िया की बात सुनकर गणेश जी बोले बुढ़िया माँ तूने तो मुझे ठग लिया। खैर जो कुछ तूने मांग लिया वह सभी तुझे मिलेगा। यूँ कहकर गणेश जी अंतर्ध्यान हो गये। हे गणेश जी! जैसे बुढिया माँ को मांगे अनुसार आपने सब कुछ दिया वैसे ही सबको देना। और हमको भी देने की कृपा करना।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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