Kashi Vishwanath Jyotirlinga: काशी विश्वनाथ में कितने बजे से शुरू हो जाता है दर्शन, यहां जानें आरती का सटीक समय
Kashi Vishwanath Jyotirlinga Aarti And Darshan Timing: बाबा विश्वनाथ का मंदिर काशी में गंगा नदी के पश्चिम तट पर स्थित है। ये 12 ज्योतिर्लिग में से सातवां ज्योतिर्लिंग है। यहां नोट करें इस मंदिर के दर्शन और आरती का सही समय।

Kashi Vishwanath Jyotirlinga
Kashi Vishwanath Jyotirlinga Aarti And Darshan Timing: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बाबा विश्वना का मंदिर विराजमान है। ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये सातवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान भोलेनाथ के विश्वनाथ यानी विश्वेशर रूप को समर्पित है। काशी को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस जगह भगवान शिव स्वंय निवास करते हैं। काशी भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय स्थान है। बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए भारत के कौने- कौने से भक्त आते हैं। सावन के महीने में इस मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। पौराणिक मान्यता है कि काशी में जिन लोगों की मृत्यु होती है, उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस मंदिर के दर्शन और आरती के समय के बारे में।
कब से कब तक खुला रहता है मंदिर (kashi Vishwanath Temple Darshan Timings)बाबा विश्वनाथ मंदिर के कपाट मध्यरात्रि को 2 बजकर 30 मिनट पर खुल जाते हैं, लेकिन दर्शन करने का समय सुबह 4 बजे से शुरू होता है। सुबह 4 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक मंदिर खुला रहता है। रात के समय में शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। जिन लोगों को मंगल आरती में शामिल होना होता है, वो लोग सुबह 3 बजे से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।
बाबा विश्वनाथ आरती का समय (kashi Vishwanath Temple Aarti Timings)
मंगला आरती | सुबह 3 बजे से लेकर 4 बजे तक |
भोग आरती | 11 बजकर 15 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक |
सप्त ऋषि आरती | शाम 7 बजे से लेकर 8 बजकर 15 मिनट तक |
संध्या आरती | रात 9 बजे से रात 10 बजकर 15 मिनट तक |
शयन आरती | रात 10 बजकर 30 मिनट से 11 बजे तक |
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

Sawan 2025: सावन से पहले जानें बैद्यनाथ धाम के कामना लिंग की कहानी, माना जाता है शिव-शक्ति का मिलन स्थल

05 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें चंद्र राशि और योग का ज्योतिषीय विश्लेषण, कब रहेगा शुभ मुहूर्त

Sawan Month: बहुत पावन होता है शिव जी का प्रिय सावन का महीना, फिर क्यों नहीं होते हैं विवाह जैसे शुभ काम

सावन 2025 : भांग, आक और धतूरा क्यों माना जाता है महादेव को प्रिय, 'नीलकंठ' की कहानी से जुड़ी है मान्यता

बुध देव इन राशियों का करेंगे कल्याण, हर काम में मिलेगी सफलता
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited