Kharmas 2024 Start Date And Time: खरमास क्या होता है, कब से शुरू हो रहा है, इस दौरान क्या नहीं करते हैं?
Kharmas 2024 Start Date And Time, Dos and Don'ts: जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तब खरमास लगता है। दिसंबर में धनु खरमास लगन जा रहा है। इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। जानिए दिसंबर खरमास कब से कब तक रहेगा।
Kharmas 2024 Start Date And Time
Kharmas 2024 Start Date And Time, Dos and Don'ts: हिंदू पंचांग अनुसार खरमास साल में दो बार लगता है। जब सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तो उस अवधि को खरमास के नाम से जाना जाता है। खरमास की अवधि 30 दिन की होती है। दिसंबर में धनु खरमास लगने जा रहा है जिसका समापन मकर संक्रांति के दिन होता है। चलिए आपको बताते हैं दिसंबर खरमास कब से कब तक रहेगा। जानिए इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए।
खरमास का मतलब क्या है (Kharmas Meaning In Hindi)
खरमास में खर का मतलब गधा है और मास का मतलब महीना है। पौराणिक ग्रंथों अनुसार खरमास में भगवान सूर्य देव अपने रथ में लगे सात घोड़ों को विश्राम के लिए छोड़ देते हैं और गधों को रथ में जोत लेते हैं।
खरमास कब से कब तक रहेगा 2024 (Kharmas December 2024 Start Date And Time)
खरमास का प्रारंभ 15 दिसंबर 2024 से होगा और इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन होगी।
खरमास में वर्जित कार्य? (Kharmas Me Kya Nahi Karna Chahiye)
खरमास में भगवान सूर्य अपना तेज कम कर लेते हैं और इनकी चाल काफी ज्यादा धीमी हो जाती है। ज्योतिष अनुसार किसी भी मांगलिक कार्य को संपन्न करने के लिए सूर्य और गुरु दोनों ही ग्रहों का मजबूत होना जरूरी होता है। यही कारण है की खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
- खरमास में कभी विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य न करें। इसके पीछे मान्यता है कि इस दौरान विवाह करने से वैवाहिक सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है।
- इस माह में नए घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे पारिवारिक जीवन अशांति से भर जाता है।
- इसके अलावा मुंडन, जनेऊ और कर्णवेध जैसे संस्कारों को भी खरमास में नहीं करना चाहिए।
- नए व्यापार की शुरुआत भी खरमास में नहीं करनी चाहिए।
खरमास में क्या करें? (Kharmas Me Kya Kare)
- खरमास में सूर्य की उपासना करना शुभ होता है।
- इसके अलावा इस दौरान धर्म, दान, जप-तप आदि कार्य करने का भी विशेष महत्व होता है।
- खरमास में तीर्थ यात्रा करना भी बेहद उत्तम माना जाता है।
- इसके साथ ही इस दौरान भागवत गीता और सत्यनारायण की कथा का पाठ करना भी बेहद शुभ होता है।
- ये समय भगवान राम, श्री हरि विष्णु और शिव पूजन के लिए भी विशेष होता है।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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