Khichdi 2024 Date: खिचड़ी कब है 2024 में, जानिए मकर संक्रांति की तारीख
Khichdi (Makar Sankranti) 2024 Date And Time: मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। जिसे कई जगह खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। 2024 में खिचड़ी यानी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
Khichdi 2024 Date And Time
Khichdi (Makar Sankranti) 2024 Kab Hai: जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। साल में आने वाली सभी संक्रांतियों में से मकर संक्रांति का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं इसलिए इस पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है। इसी के साथ इस पर्व का एक अनोखा नाम है 'खिचड़ी'। दरअसल उत्तर भारत में कई जगहों पर मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं इस पर्व का नाम खिचड़ी कैसे पड़ा। साथ ही 2024 में खिचड़ी पर्व की तिथि और मुहूर्त क्या रहेगा ये भी जानेंगे।
Khichdi Kab Hai 2024 / Makar Sankranti Kab Hai 2024 (खिचड़ी या मकर संक्रांति कब है 2024)
मकर संक्रांति यानी खिचड़ी का पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दौरान मनाया जाता है। साल 2024 में 15 जनवरी की सुबह 2 बजकर 54 मिनट पर सूर्य देव धनु से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे। ऐसे में मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा।
Khichdi 2024 Date And Muhurat / Makar Sankranti 2024 Date And Time (खिचड़ी या मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त)
2024 में मकर संक्रांति यानी खिचड़ी पर्व का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी की सुबह 07:15 AM से 05:46 PM तक रहेगा। वहीं मकर संक्रांति का पुण्य काल 07:15 AM से 09:00 AM तक रहेगा।
मकर संक्रांति को खिचड़ी क्यों कहते हैं (Makar Sankranti Ko Khichdi Kyu Kehte Hain in Hindi)
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। जिस वजह से इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं और संक्रांति पर्व सूर्य के राशि बदलने पर मनाया जाता है। ऐसे में सूर्य का अपने पुत्र शनि की मकर राशि में गोचर करना पिता-पुत्र के अनोखे मिलन को दर्शाता है। मकर संक्रांति पर जो खिचड़ी बनाई जाती है उसमें काली उड़द की दाल शनि का प्रतिनिधित्व करती है तो चावल और जल को चंद्रमा से जोड़कर देखा जाता है। वहीं खिचड़ी में पड़ने वाली हल्दी का संबंध गुरु ग्रह से माना जाता है। अत: इस खिचड़ी का सेवन और दान करने से मनुष्य को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
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